सामान्य अध्ययन पेपर III: विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, रक्षा प्रौद्योगिकी |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, हाइप्रिक्स ने भारत का पहला निजी सुपरसोनिक रैमजेट इंजन ‘तेज़’ लॉन्च किया है। यह कदम देश की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता बढ़ाने और विदेशी रक्षा तकनीकों पर निर्भरता कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सुपरसोनिक रैमजेट इंजन – ‘तेज़’
- ‘तेज़’ भारत का पहला निजी सुपरसोनिक रैमजेट इंजन है, जिसे बेंगलुरु स्थित हाइप्रिक्स एविएशन (Hyprix Aviation) द्वारा विकसित किया गया है।
- हाइप्रिक्स एविएशन भारत की पहली निजी कंपनी है जिसने लिक्विड-फ्यूल्ड सुपरसोनिक रैमजेट इंजन विकसित किया है।
- यह इंजन मैक 2 से मैक 4 (ध्वनि की गति से 2 से 4 गुना तेज़) की गति पर काम करने में सक्षम है।
- ‘तेज़’ का सफल परीक्षण जनवरी 2025 में IIT मद्रास के नेशनल सेंटर फॉर कम्बशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट (NCCRD) में किया गया।
- यह इंजन पारंपरिक रॉकेट इंजनों की तुलना में यह लंबी दूरी तक कम ईंधन में कार्य कर सकता है।
सुपरसोनिक रैमजेट इंजन क्या है?
सुपरसोनिक रैमजेट इंजन (Scramjet – Supersonic Combusting Ramjet) एक उन्नत एयर-ब्रीदिंग (वायुसंचालित) जेट इंजन है, जो ध्वनि की गति से कई गुना तेज़ (सुपरसोनिक एवं हाइपरसोनिक गति) पर काम करने के लिए विकसित किया गया है।
- यह पारंपरिक टर्बोजेट या रैमजेट इंजनों से अलग है, क्योंकि इसमें दहन प्रक्रिया (Combustion) सुपरसोनिक गति पर होती है, जिससे यह अत्यधिक उच्च गति वाले विमान, मिसाइल और अंतरिक्ष अभियानों के लिए आदर्श बनता है।
- इसे स्क्रैमजेट (Supersonic Combusting Ramjet) भी कहा जाता है।
- इस इंजन में किसी भी घूमने वाले पंखे या कंप्रेसर (संपीड़क) की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि यह अपनी तेज़ गति के कारण हवा को स्वयं संपीड़ित करता है और ईंधन जलाकर जोर उत्पन्न करता है।
- यह इंजन तेज़ गति से लक्ष्य तक पहुँचने वाली मिसाइलों में उपयोग किए जाते है।
- इस प्रकार के इंजन भविष्य के हाइपरसोनिक यात्री विमानों और अंतरिक्ष अभियानों की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- मूल सिद्धांत: सुपरसोनिक रैमजेट इंजन, जिसे स्क्रैमजेट (Scramjet) इंजन भी कहा जाता है, इसका मुख्य सिद्धांत यह है कि इंजन के भीतर वायु प्रवाह पूरी तरह से सुपरसोनिक (Mach 1 से अधिक) बना रहता है, जिससे यह अत्यधिक उच्च गति पर कुशलता से कार्य कर सकता है।
- भाग: सुपरसोनिक रैमजेट इंजन की संरचना में निम्न भाग शामिल होते हैं: एयर इनटेक, कम्बस्टर, एग्ज़ॉस्ट नोज़ल, कंप्रेसर, टर्बाइन।
- इस इंजन में कोई यांत्रिक कंप्रेसर नहीं होता, बल्कि वायु का संपीड़न (Compression) स्वयं विमान की उच्च गति से ही होता है।
सुपरसोनिक रैमजेट इंजन की कार्यप्रणाली
- एयर इनटेक (वायु सेवन प्रणाली): यह इंजन का पहला भाग होता है, जहाँ तेज गति से आती हुई वायु को प्रवेश कराया जाता है। सुपरसोनिक गति पर वायुगति के कारण हवा स्वयं संपीड़ित (Compressed) हो जाती है। यह हिस्सा हवा के प्रवाह को नियंत्रित करता है और उसे उच्च दबाव और तापमान तक संपीड़ित करने में सहायता करता है।
- संपीड़न (Compression) प्रणाली: पारंपरिक जेट इंजनों में संपीड़न के लिए टरबाइन और कंप्रेसर का उपयोग किया जाता है, लेकिन स्क्रैमजेट इंजन में वायु का संपीड़न विमान की तीव्र गति के कारण स्वाभाविक रूप से होता है। इस प्रक्रिया से वायु का तापमान और घनत्व बढ़ता है, जिससे यह ईंधन के साथ दहन के लिए तैयार होती है।
- दहन कक्ष (Combustion Chamber): इस भाग में संपीड़ित वायु के साथ ईंधन (मुख्यतः हाइड्रोजन) मिलाया जाता है और सुपरसोनिक प्रवाह में ही दहन किया जाता है। स्क्रैमजेट इंजन की सबसे बड़ी चुनौती यही होती है, क्योंकि सुपरसोनिक गति पर जलते हुए मिश्रण को नियंत्रित रखना कठिन होता है। दहन से अत्यधिक गर्म और उच्च दबाव वाली गैसें उत्पन्न होती हैं, जो इंजन को आगे की ओर धकेलती हैं।
- नॉज़ल (Nozzle): दहन से उत्पन्न उच्च दबाव वाली गैसें नॉज़ल के माध्यम से अत्यधिक वेग से पीछे की ओर छोड़ी जाती हैं। नॉज़ल का डिज़ाइन इस तरह से किया जाता है कि गैसों की गति को और अधिक बढ़ाया जा सके, जिससे विमान को आवश्यक जोर (Thrust) प्राप्त हो।
- थर्मल शील्डिंग (Thermal Shielding): इतनी उच्च गति और तापमान पर कार्य करने के कारण, इंजन को विशेष ऊष्मा-प्रतिरोधी (Heat-Resistant) सामग्री से बनाया जाता है। यह सामग्री हाइपरसोनिक गति पर उत्पन्न होने वाली घर्षणीय गर्मी को सहन कर सकती है।
सुपरसोनिक रैमजेट इंजन की प्रमुख विशेषताएँ
- अत्यधिक उच्च गति: यह मैक 12 से मैक 24 तक की गति प्राप्त कर सकता है, जिससे यह पारंपरिक टर्बोजेट इंजनों की तुलना में कहीं अधिक तेज़ है।
- बेहतर दक्षता: यह वायुमंडलीय ऑक्सीजन (हवा) का उपयोग ईंधन दहन के लिए करता है, जिससे इसे अतिरिक्त ऑक्सीजन टैंक की आवश्यकता नहीं होती।
- कोई घूमने वाले भाग नहीं: इसमें टरबाइन या पंखे नहीं होते, जिससे इसका डिज़ाइन हल्का, सरल और उच्च गति के अनुकूल होता है।
- उन्नत ईंधन का उपयोग: पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में हाइड्रोजन अधिक ऊर्जा प्रदान करता है और इसे भविष्य की हाइपरसोनिक तकनीकों के लिए उपयुक्त बनाता है।
- मिश्रधातु: इसमें शिल्डिंग के लिए कार्बन-कार्बन कंपोजिट्स, टाइटेनियम और अन्य उन्नत मिश्रधातु (Alloys) का उपयोग किया जाता है।
स्क्रैमजेट इंजन के लाभ और सीमाएँ
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- लाभ
- स्क्रैमजेट इंजन मैक 12 से मैक 24 तक की गति पर संचालित हो सकता है, जो पारंपरिक टर्बोजेट और रैमजेट इंजनों की तुलना में कहीं अधिक तेज है। जिससे यह हाइपरसोनिक विमानों, मिसाइलों और अंतरिक्ष यानों के लिए आदर्श है।
- स्क्रैमजेट इंजन वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करता है, जिससे यह अधिक ईंधन-कुशल बनता है। ईंधन की खपत कम होने से दीर्घकालिक मिशनों में इसकी उपयोगिता बढ़ जाती है।
- यह हल्का होने के कारण अंतरिक्ष अभियानों और उच्च गति वाले लड़ाकू विमानों के लिए उपयोगी है। यह हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों और उन्नत सैन्य विमानों के लिए उपयुक्त है।
- यह तरल हाइड्रोजन जैसे स्वच्छ ईंधन का उपयोग करता है, जिससे पारंपरिक रॉकेट इंजनों की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन होता है। भविष्य में ग्रीन फ्यूल (हरित ईंधन) तकनीक के साथ इसका और विकास किया जा सकता है।
- सीमाएँ
- स्क्रैमजेट इंजन शून्य या कम गति से कार्य नहीं कर सकता। इसे कार्य करने के लिए पहले मैक 5 या उससे अधिक गति तक पहुंचना आवश्यक होता है।
- सुपरसोनिक वायु प्रवाह को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि अधिक गति से इंजन में अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है।
- वायु के अत्यधिक तापमान और दाब परिवर्तन के कारण स्थिर दहन (Stable Combustion) बनाए रखना कठिन होता है।
- स्क्रैमजेट इंजन के लिए विशेष सामग्री और उन्नत निर्माण तकनीकों की आवश्यकता होती है, जिससे इसका विकास और उत्पादन महंगा हो जाता है।
- अत्यधिक गति और उच्च तापमान के कारण इंजन और विमान को थर्मल क्षति (Thermal Damage) से बचाना एक बड़ी चुनौती है।
रैमजेट और स्क्रैमजेट में अंतर
रैमजेट और स्क्रैमजेट दोनों एयर-ब्रीदिंग (वायुमंडलीय ऑक्सीजन पर निर्भर) जेट इंजन हैं, लेकिन इनकी कार्यप्रणाली और गति क्षमता में महत्वपूर्ण अंतर है।
- दहन प्रक्रिया
- रैमजेट इंजन में दहन प्रक्रिया सबसोनिक (ध्वनि से कम गति) वायु प्रवाह में होती है। इसका मतलब यह है कि इंजन के भीतर प्रवेश करने वाली हवा को पहले धीमा किया जाता है, फिर उसे संपीड़ित (Compressed) करके ईंधन के साथ जलाया जाता है।
- स्क्रैमजेट (Scramjet) इंजन में दहन सुपरसोनिक (ध्वनि से अधिक गति) वायु प्रवाह में होता है, यानी हवा को धीमा किए बिना ही संपीड़न और दहन की प्रक्रिया पूरी होती है। यह स्क्रैमजेट को उच्च गति पर अधिक प्रभावी बनाता है।
- प्रदर्शन क्षमता: रैमजेट इंजन आमतौर पर मैक 1 से मैक 6 तक की गति पर प्रभावी ढंग से काम करता है, जबकि स्क्रैमजेट इंजन मैक 12 से मैक 24 तक की हाइपरसोनिक गति पर कार्य कर सकता है।
- ईंधन खपत:
- रैमजेट इंजन की ईंधन दक्षता सुपरसोनिक गति (Mack 2-5) पर अधिकतम होती है, लेकिन जैसे ही गति बढ़ती है, इसकी कार्यक्षमता कम होने लगती है।
- स्क्रैमजेट इंजन उच्च गति पर बेहतर ईंधन दक्षता और उच्च विशिष्ट आवेग (Specific Impulse) प्रदान करता है। यह वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करके ईंधन को जलाता है, जिससे इसे भारी ऑक्सीडाइज़र (Oxidizer) ले जाने की आवश्यकता नहीं होती।
- संरचना: रैमजेट इंजन में एक विशेष डिफ्यूज़र (Diffuser) होता है, जो हवा को धीमा करके दहन कक्ष में भेजता है, जबकि स्क्रैमजेट इंजन में ऐसा कोई डिफ्यूज़र नहीं होता। इसके बजाय, यह हवा को सुपरसोनिक स्थिति में ही संपीड़ित और जलाने की प्रक्रिया को पूरा करता है।
- अनुप्रयोग: रैमजेट इंजन का उपयोग सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों (Supersonic Cruise Missiles) और लड़ाकू विमानों में किया जाता है। दूसरी ओर, स्क्रैमजेट इंजन का उपयोग हाइपरसोनिक विमानों, अंतरिक्ष यानों और अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक मिसाइलों में किया जाता है।
UPSC पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs) प्रश्न (2018): रैम जेट के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें: 1. इंजन में न तो संपीडक है और न ही टरबाइन 2. यह गैस टरबाइनकी तुलना में बहुत अधिक तापमान पर संचालित होता है 3. यह स्थिर रूप से संचालित नहीं हो सकता है। इससे पहले कि यह कोई थ्रस्ट पैदा करे और खुद को आगे बढ़ाए, इसे किसी तरह से पर्याप्त तेज गति से उड़ान भरने की जरूरत है। उपरोक्त में से कौन से कथन सही हैं? उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /से सही है/हैं? केवल 1 और 2 केवल 2 और 3 केवल 1 और 3 1, 2 और 3 प्रश्न (2023): निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. बैलिस्टिक मिसाइल अपनी पूरी उड़ान में अवध्वनिक चाल पर प्रधार नोदित होती हैं, जबकि क्रूज़ मिसाइल केवल उड़ान के आरंभिक चरण में रॉकेट संचालित होती हैं। 2. अनि-V मध्यम दूरी की पराध्वनिक क्रूज़ मिसाइल है, जबकि ब्रह्मोस ठोस ईंधन चालित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /से सही है/हैं? केवल 1 केवल 2 1 और 2 दोनों न तो 1 और न ही 2 |
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