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संदर्भ:
भारत के AI सुरक्षा संस्थान: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा किए गए हालिया घोषणा में स्वदेशी AI मॉडल लॉन्च करने और AI सुरक्षा संस्थान (AISI) स्थापित करने की योजना शामिल है, जो भारत की AI विकास और नियमन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
AI सुरक्षा (AI Safety) क्या है?
AI सुरक्षा का तात्पर्य उन प्रथाओं और सिद्धांतों से है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीकों का विकास जिम्मेदारीपूर्वक किया जाए, जिससे मानवता को लाभ हो और किसी भी संभावित हानि या नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।
AI सुरक्षा के प्रमुख पहलू:
- नैतिक एल्गोरिदम डिजाइन (Ethical Design of Algorithms)
- AI प्रणालीपक्षपात (Bias) से मुक्त होनी चाहिए।
- जिम्मेदार AI के लिए पारदर्शिता और व्याख्यात्मकता (Explainability) आवश्यक है।
- डेटा गोपनीयता और सुरक्षा (Data Privacy & Security)
- यूजर्स और संगठनों के डेटाकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
- अनुमति-आधारित डेटा संग्रहणऔर उपयोग महत्वपूर्ण है।
- जोखिम पहचान और न्यूनीकरण (Risk Identification & Mitigation):
- AI से जुड़े जोखिमोंको पहचानकर, उनके प्रभाव को कम करने के उपाय विकसित किए जाते हैं।
- संभावित खतरे:डेटा सुरक्षा उल्लंघन, साइबर हमले, AI का दुरुपयोग, और एल्गोरिदमिक भेदभाव।
वैश्विक शासन में AI सुरक्षा संस्थान (AISIs) की भूमिका
दुनिया भर के देश AI से जुड़े संभावित जोखिमों को पहचान रहे हैं और उन्हें कम करने के लिए AI सुरक्षा संस्थान (AISIs) स्थापित कर रहे हैं। ये संस्थान स्थिर और अप्रचलित हो जाने वाले नियमों पर निर्भर रहने के बजाय, निरंतर शोध, मूल्यांकन और जोखिम आकलन पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
प्रमुख वैश्विक पहल:
- यू.के. (U.K.): ‘Inspect’ नामक ओपन–सोर्स प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है, जो तर्क क्षमता, ज्ञान की सटीकता और स्वायत्त क्षमताओं के आधार पर AI मॉडलों का मूल्यांकन करता है।
- यू.एस. (U.S.): राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े AI खतरों से निपटने के लिए अंतर-विभागीय कार्य बल (Inter-Departmental Task Force) बनाया गया है।
- सिंगापुर (Singapore): सुरक्षित मॉडल डिज़ाइन, सामग्री सत्यापन और कठोर परीक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- जापान (Japan): AI जोखिमों की तकनीकी समझ विकसित करने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।
AI सुरक्षा संस्थानों की महत्ता:
- तकनीकी सटीकता: AI जोखिमों के गहन विश्लेषण के लिए शोध और परीक्षण।
- पारदर्शिता: AI नीतियों और सुरक्षा उपायों में खुलापन।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: AI गवर्नेंस के लिए वैश्विक मानकोंका विकास।
भारत की संभावनाएं और नेतृत्व:
AI सुरक्षा ढांचे का विकास: कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं के पास AISIs स्थापित करने के लिए संसाधन और तकनीकी विशेषज्ञता की कमी है। भारत इन देशों के साथ मिलकर स्थानीय चुनौतियों के अनुरूप AI सुरक्षा ढांचे और मूल्यांकन मापदंड विकसित कर सकता है।
UNESCO के साथ सहयोग:
- भारत, UNESCO के AI रेडीनेस कार्यक्रम के तहत नैतिक AI विकास और तैनाती को बढ़ावा दे रहा है।
- इस साझेदारी से मिले अनुभवों से भारत का AISI व्यापक दिशानिर्देश तैयार कर सकता है, जो AI सिस्टम को शक्तिशाली, नैतिक और सुरक्षित बनाएगा।
IndiaAI मिशन की प्रमुख पहलें:
भारत AI सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य कर रहा है—
- मशीन अनलर्निंग: डेटा गोपनीयता और पूर्वाग्रह (Bias) को सुधारने के लिए।
- सिंथेटिक डेटा जनरेशन: सुरक्षित और निष्पक्ष AI मॉडल विकसित करने के लिए।
- AI पूर्वाग्रह न्यूनीकरण: AI निर्णयों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए।
- गोपनीयता संवर्धन तकनीक: डेटा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए।