Central Adoption Resource Authority
Central Adoption Resource Authority –
संदर्भ:
केंद्रीय गोद लेना संसाधन प्राधिकरण (CARA) ने हाल ही में सभी राज्य गोद लेना संसाधन एजेंसियों (SARAs) को नए निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश जुवेनाइल जस्टिस (बालकों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (2021 में संशोधित) की धारा 70(1)(a) के तहत प्रदत्त अधिकारों और गोद लेने के विनियम, 2022 के अनुसार जारी किए गए हैं।
SARAs को दिए गए प्रमुख निर्देश:
- साइकोसोशल सहयोग को सुदृढ़ बनाना: प्रत्येक संबंधित पक्ष जैसे—गोद लेने वाले संभावित माता–पिता (PAPs), दत्तक बच्चे, तथा जैविक माता–पिता—के लिए साइकोसोशल सहायता ढांचे को मजबूत करने का निर्देश।
- काउंसलरों की नियुक्ति/पैनल में शामिल करना: राज्य और जिला स्तर पर योग्य काउंसलरों को नामित या पैनल में शामिल करने का निर्देश।
- अन्य परिस्थितियों में हस्तक्षेप: यदि आवश्यकता समझी जाए, तो विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसियों (SAAs) या जिला बाल संरक्षण इकाइयों (DCPUs) के आकलन के आधार पर अन्य किसी भी परिस्थिति में साइकोसोशल हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जाए।
भारत में दत्तक ग्रहण (Adoption in India): प्रमुख प्रावधान
हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण–पोषण अधिनियम, 1956 (HAMA):
- लागू होता है: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मावलंबियों पर।
- न्यायालय की अनुमति आवश्यक नहीं।
- व्यक्तिगत कानूनों द्वारा शासित, लेकिन HAMA के तहत कुछ विशेष शर्तों का पालन अनिवार्य होता है।
किशोर न्याय (बालों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (JJ Act):
- लागू होता है: सभी भारतीय नागरिकों पर, धर्म की परवाह किए बिना।
- दत्तक ग्रहण केवल अदालत के आदेश से होता है।
- प्रशासन: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत CARA (Central Adoption Resource Authority) द्वारा किया जाता है।
CARA (केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण): एक वैधानिक निकाय, जो अनाथ, परित्यक्त और आत्मसमर्पित बच्चों के दत्तक ग्रहण की मान्यता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से निगरानी और नियमन करता है।
CARA (केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण): प्रमुख तथ्य
स्थापना व प्रशासन: एक वैधानिक निकाय है जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
प्रमुख कार्य: घरेलू (In-country) और अंतरराष्ट्रीय (Inter-country) दत्तक ग्रहण की निगरानी और नियमन।
- मान्यता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से दत्तक प्रक्रिया का संचालन।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता: Hague Convention on Inter-country Adoption, 1993 के तहत भारत की केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में नामित (भारत ने 2003 में इसका अनुमोदन किया)।
- अंतरराष्ट्रीय दत्तक ग्रहण में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
उद्देश्य: अनाथ, परित्यक्त और आत्मसमर्पित बच्चों का सुरक्षित, नैतिक और कानूनी रूप से दत्तक ग्रहण सुनिश्चित करना।
CARA के अंतर्गत दत्तक ग्रहण: प्रमुख दिशा–निर्देश
बच्चों के लिए पात्रता:
- बाल कल्याण समिति (CWC) द्वारा कानूनी रूप से दत्तक ग्रहण के लिए मुक्त घोषित किया गया हो।
- 18 वर्ष से कम आयु के हों।
- अनाथ, परित्यक्त या आत्मसमर्पित बच्चे हों।
दत्तक माता–पिता की पात्रता (JJ अधिनियम के तहत):
- कोई भी भारतीय नागरिक (NRI, OCI कार्डधारक सहित)।
- विवाहित जोड़े: कम से कम 2 वर्षों का स्थिर विवाह संबंध अनिवार्य।
- अविवाहित, तलाकशुदा या विधवा/विधुर व्यक्ति भी पात्र।
- दत्तक माता-पिता और बच्चे के बीच न्यूनतम 25 वर्ष का आयु अंतर अनिवार्य।