Chief Justice of India

संदर्भ:
केंद्रीय सरकार ने अगले भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत वर्तमान CJI B. R. गवई से उनके उत्तराधिकारी की सिफारिश करने का अनुरोध किया गया है। CJI गवई 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, और वरिष्ठतम न्यायाधीश
- सूर्य कांत अगली पंक्ति में हैं, जो 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होंगे।
मुख्य प्रावधान – भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से संबंधित–
- नियुक्ति (Appointment):
- सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 124 (2) के तहत की जाती है।
- परंपरा के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट का सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया जाता है।
- वरिष्ठता का निर्धारण सुप्रीम कोर्ट में सेवा की लंबाई के आधार पर होता है।
- योग्यता: CJI या सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने के लिए व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए:
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
- वह किसी उच्च न्यायालय (High Court) का न्यायाधीश पांच वर्ष तक रहा हो; या
- वह किसी उच्च न्यायालय में अधिवक्ता (Advocate) के रूप में दस वर्ष से अधिक कार्यरत रहा हो; या
- राष्ट्रपति की राय में वह प्रतिष्ठित न्यायविद (Distinguished Jurist) हो।
- CJI की भूमिका (Role of CJI):
- CJI को “Master of the Roster” कहा जाता है, यानी वह विशेष मामलों को विशेष बेंचों में आवंटित करने और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित करने का अधिकार रखते हैं।
- CJI, SC के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के सहयोग से, राष्ट्रपति को SC और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति में सलाह देते हैं।
- CJI, अनुच्छेद 127 के तहत अस्थायी (Ad-hoc) सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश नियुक्त कर सकते हैं।
- राष्ट्रपति की सहमति से CJI, सुप्रीम कोर्ट की सिटिंग को दिल्ली से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर सकते हैं।
- हटाना (Removal):
- CJI को केवल राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
- इसके लिए संसद का प्रस्ताव आवश्यक है, जिसमें दोनों सदनों में विशेष बहुमत के साथ समर्थन होना चाहिए—सदस्यों का बहुमत और उपस्थित एवं मतदान करने वालों में कम से कम दो–तिहाई (2/3)।
अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति:
- सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश:
- राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
- नियुक्ति कोलेजियम (Collegium) की सिफारिशों के आधार पर होती है, जिसमें CJI और SC के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश:
- राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 217 के तहत नियुक्त किए जाते हैं।
- नियुक्ति कोलेजियम की सिफारिशों (CJI और SC के दो वरिष्ठतम न्यायाधीश) पर आधारित होती है।
- कोलेजियम प्रणाली: यह प्रणाली तीन न्यायाधीश मामलों (Three Judges Cases: 1981, 1993, 1998) के निर्णयों के माध्यम से विकसित हुई।
कोलेजियम प्रणाली से संबंधित चिंताएँ:
- पारदर्शिता की कमी:
- कोलेजियम की विचार-विमर्श गोपनीय होती है।
- न्यायाधीशों की नियुक्तियों के कारणों को आमतौर पर सार्वजनिक नहीं किया जाता।
- जवाबदेही का अभाव: कोलेजियम के निर्णयों की समीक्षा या जांच का कोई औपचारिक तंत्र नहीं है।
- कार्यकारी भूमिका की सीमितता: शक्ति पूर्णतः न्यायपालिका के पास केंद्रीकृत हो जाती है, जिससे कार्यपालिका की भूमिका सीमित रहती है।
