Iran to join UN anti-terror group
संदर्भ:
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन फॉर द सप्रेशन ऑफ द फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (CFT) में शामिल होने के लिए कानून को अनुमोदित कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य ईरान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के मानकों का पालन करने में मदद करना, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को आसान बनाना, और देश को वैश्विक बैंकिंग सिस्टम से पुनः जोड़ना है।
मुख्य विवरण (Key Details):
- राष्ट्रपति की मंजूरी: ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया। यह कदम उनके चुनावी वादों का हिस्सा है, जिनमें पश्चिमी देशों से संबंध सुधारना और प्रतिबंधों से राहत प्राप्त करना शामिल था।
- वैश्विक प्रणाली में पुनः शामिल होने के प्रयास: यह अनुमोदन FATF (Financial Action Task Force) की शर्तों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण की निगरानी करता है।
- FATF ब्लैकलिस्ट: वर्ष 2020 से FATF ब्लैकलिस्ट में शामिल होने के बाद से ईरान का वित्तीय क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली से लगभग अलग-थलग रहा है।
- आंतरिक बहस: इस फैसले का कट्टरपंथियों ने विरोध किया, उनका कहना था कि इस कन्वेंशन से जुड़ने से ईरान के क्षेत्रीय सहयोगियों के लिए वित्तीय समर्थन से संबंधित संवेदनशील जानकारी उजागर हो सकती है।
- FATF बैठक: यह निर्णय छह वर्षों में पहली बार FATF बैठक में ईरान के प्रतिनिधि की उपस्थिति के बाद लिया गया है।
- अन्य समझौते: यह कदम UN Palermo Convention (अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खिलाफ समझौता) में ईरान की सशर्त सदस्यता के बाद उठाया गया है।
- पुनः लगाए गए प्रतिबंध: यह विकास उस समय हुआ जब संयुक्त राष्ट्र (UN) ने परमाणु कार्यक्रम उल्लंघनों के कारण ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाए थे।

