DPM
संदर्भ:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में Defence Procurement Manual (DPM) 2025 का विमोचन किया। यह नया मैनुअल 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होगा और सशस्त्र बलों के राजस्व खरीद कार्यों को सरल बनाने तथा स्वदेशी उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
- DPM 2025, 2009 के संस्करण की जगह लेगा और तीनों सेवाओं तथा अन्य रक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठानों के लिए लगभग ₹1 लाख करोड़ वार्षिक राजस्व खरीद को नियंत्रित करेगा।
संशोधित रक्षा खरीद प्रक्रिया की मुख्य विशेषताएँ:
- व्यवसाय में आसानी: निर्णय प्रक्रिया को तेज़ करने और देरी कम करने के लिए प्रक्रियाएँ सरल की गई हैं।
- दंड में रियायत: डिलीवरी में देरी पर अधिकतम जुर्माना 10% तय किया गया है, जबकि स्वदेशी परियोजनाओं पर अब केवल 1% प्रति सप्ताह होगा (पहले 0.5%)।
- दीर्घकालिक ऑर्डर: स्वदेशी रूप से विकसित वस्तुओं को अब 5 वर्ष या उससे अधिक की गारंटीशुदा ऑर्डर मिल सकेंगे।
- NOC की आवश्यकता समाप्त: ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड से NOC लेने की शर्त हटा दी गई है।
- खरीद सीमा: ₹50 लाख तक की खरीद के लिए लिमिटेड टेंडर की अनुमति दी गई है।
- वृद्धि प्रावधान: जहाज मरम्मत और विमानन ओवरहाल कार्यों के लिए 15% तक की अग्रिम वृद्धि अनुमति।
- संरचित प्रारूप: दो वॉल्यूम — वॉल्यूम I (मुख्य प्रावधान) और वॉल्यूम II (फॉर्म व आदेश)।
- नए अध्याय जोड़े गए:
- नवाचार व स्वदेशीकरण के माध्यम से आत्मनिर्भरता
- सूचना व संचार प्रौद्योगिकी खरीद
- परामर्श व गैर-परामर्श सेवाएँ

