Kerala eradicated extreme poverty

संदर्भ:
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य को अत्यधिक गरीबी मुक्त घोषित किया, जिससे केरल यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया। यह घोषणा केरल पिरवी दिवस (राज्य स्थापना दिवस) के अवसर पर की गई, जो राज्य के चार वर्षीय अत्यधिक गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम (Extreme Poverty Eradication Programme – EPEP) की सफल पूर्णता के बाद आई है।
अत्यंत गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम: EPEP-
- कार्यान्वयन: 2021 में शुरू किया गया कार्यक्रम केरल इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और स्थानीय स्वशासन विभाग द्वारा संचालित किया गया।
- यह मिशन केरल की विकेन्द्रीकृत शासन प्रणाली और कुडुंबश्री नामक सामुदायिक नेटवर्क की ताकत पर आधारित था।
- पहचान प्रक्रिया:
- प्रारंभिक सर्वेक्षण में 18 लाख कमजोर परिवारों की पहचान की गई।
- सत्यापन के बाद 64,006 परिवारों (कुल 1,03,099 सदस्य) को अत्यंत गरीबी में रहने वाला घोषित किया गया।
- पहचान चार संकेतकों पर आधारित थी — खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, आवास, और आय।
- सूक्ष्म योजनाएँ (Micro-plans):
- प्रत्येक परिवार के लिए व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप योजना बनाई गई।
- त्वरित राहत जैसे फूड किट, चिकित्सीय सहायता, और आवश्यक दस्तावेज़ (राशन कार्ड, आधार कार्ड) सुनिश्चित करना शामिल था।
- प्रमुख हस्तक्षेप:
- आवास: 5,422 नए मकान बनाए गए और 5,522 की मरम्मत की गई। 439 परिवारों को भूमि भी दी गई।
- जीविका: 4,394 परिवारों को स्वरोज़गार सहायता दी गई, और कई परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया।
- खाद्य सुरक्षा: जिन परिवारों के पास नियमित भोजन की कमी थी, उन्हें फूड किट और पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया गया।
- बजट प्रावधान:
- ₹50 करोड़ (2023–24)
- ₹50 करोड़ (2024–25)
- ₹60 करोड़ (2025–26)
इन निधियों से कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन और निरंतर निगरानी को सुनिश्चित किया गया।
