India won the first Blind Women T20 World Cup 2025
संदर्भ:
भारत ने खेल क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए पहला ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप 2025 जीत लिया। श्रीलंका के कोलंबो में नेपाल को हराकर भारत ने यह उपलब्धि हासिल की गई। यह जीत भारतीय दिव्यांग खेल पारिस्थितिकी प्रणाली, संस्थागत ढाँचे और सामुदायिक समर्थन के समन्वित परिणाम का स्पष्ट प्रमाण है।
ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप 2025 के मुख्य बिंदु:
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- आयोजन स्थल: पहला ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप 11 नवंबर से 25 नवंबर 2025 तक भारत और श्रीलंका में आयोजित हुआ। फाइनल मुकाबला 23 नवंबर 2025 को कोलंबो के पी. सारा ओवल में खेला गया।
- भाग लेने वाली टीमें: कुल छह देशों ने भाग लिया—भारत, नेपाल, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका।
- फाइनल मैच: भारत ने पहले गेंदबाजी करते हुए नेपाल को 114/5 पर रोका। इसके बाद 12.1 ओवर में 117/3 बनाकर 7 विकेट से जीत हासिल की। इसमें फुला सोरेन ने 27 गेंदों पर 44 बनाकर मैच-विजेता की भूमिका निभाई।
- भारतीय टीम: इसमें भारत की 16-सदस्यीय टीम शामिल हुई। भारत ने B1 (पूर्णत: दृष्टिबाधित), B2 और B3 श्रेणियों की खिलाड़ियों को मिलाकर संतुलित टीम बनाई। इसमें टीम का नेतृत्व दीपिका टी सी (कप्तान) और गंगा एस कदम (उप-कप्तान) ने किया।
- नियम: इस खेल में प्रत्येक टीम में कम से कम 4 खिलाड़ी B1 श्रेणी की होना अनिवार्य है। इसमें प्रयुक्त गेंद एक विशेष प्रकार की सफेद प्लास्टिक की होती है जिसमें धातु की गेंदें भरी जाती हैं, ताकि श्रवण से गेंद की दिशा पहचानी जा सके।
- प्रारूप: 20 ओवर का टी20, राउंड रॉबिन + नॉकआउट स्टेज।
ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप का परिचय:
यह पहला वैश्विक मंच है, जो दृष्टिबाधित महिला खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का अवसर देता है। 2025 का संस्करण इस क्षेत्र में औपचारिक वैश्विक संरचना की स्थापना का प्रारंभिक आधार बना। इस टूर्नामेंट का आयोजन Cricket Association for the Blind in India (CABI) द्वारा किया जाता है। CABI, Samarthanam Trust for the Disabled के अंतर्गत कार्य करता है। यह संस्था भारत में विकलांगता-संबंधी क्रिकेट को BCCI से पृथक रखते हुए स्वतंत्र पहचान प्रदान करती है।
इस जीत का महत्व:
- दिव्यांग खेलों में नया मील का पत्थर: भारत की इस जीत ने दिखाया कि दृष्टिबाधित महिलाएँ भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रदर्शन दे सकती हैं। यह उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय अंध क्रिकेट के लिए दीर्घकालिक संरचनाओं के विकास को बढ़ावा देगी।
- युवा लड़कियों में प्रेरणादायी प्रभाव: दृष्टिबाधित युवतियों के लिए यह जीत एक मनोवैज्ञानिक क्रांति का रूप है। यह संदेश देती है—“विकलांगता अवसरों को सीमित नहीं करती, यदि व्यवस्था सहयोगी हो।”
- सामाजिक सशक्तिकरण: यह उपलब्धि समावेशी खेल नीति, सामाजिक दृष्टिकोण और सार्वजनिक अवसंरचना में सुधार के महत्व को रेखांकित करती है। इस प्रकार की जीत दिव्यांग महिलाओं के खेल अधिकार को सशक्त करती है।

