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76वां संविधान दिवस 2025 (76th Constitution Day 2025) | UPSC Preparation

76th Constitution Day 2025

76th Constitution Day 2025

संदर्भ:

इस वर्ष 2025 में 76वें संविधान दिवस का आयोजन संसद भवन परिसर के सेंट्रल हॉल में किया गया। इस कार्यक्रम में देश के शीर्ष संवैधानिक पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा की गई।

संविधान दिवस क्या हैं?

संविधान दिवस, जिसे राष्ट्रीय विधि दिवस भी कहा जाता है, भारत में हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान को अंगीकृत किए जाने (26 नवंबर 1949) की ऐतिहासिक घटना का स्मरण कराता है। यह दिन संविधान निर्माताओं, विशेषकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर, को समर्पित है, जिन्हें भारतीय संविधान का शिल्पकार माना जाता है।

संविधान दिवस की पृष्ठभूमि:

2015 में जब डॉ. बी. आर. आंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी, तब भारत सरकार ने पूरे वर्ष को आंबेडकर जयंती वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2015 को मुंबई में स्थित इंदु मिल्स परिसर में प्रस्तावित आंबेडकर स्मारक का शिलान्यास करते समय इस दिवस की घोषणा की थी। इसी क्रम में, 19 नवंबर 2015 को भारत सरकार ने राजपत्र अधिसूचना जारी कर 26 नवंबर को आधिकारिक रूप से “संविधान दिवस” घोषित किया। 

संविधान का अंगीकरण:

भारतीय संविधान का मसौदा 284 सदस्यों वाली संविधान सभा ने लगभग 2 वर्ष 11 माह 18 दिन की मेहनत के बाद तैयार किया। इसका अंगीकरण 26 नवंबर 1949 और प्रवर्तन 26 जनवरी 1950 को लागूहुआ। इसने भारत को डोमिनियन से पूर्ण गणराज्य का रूप दिया। 

संविधान की प्रमुख विशेषताएँ:

भारतीय संविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है। यह संवैधानिक सर्वोच्चता (Constitutional Supremacy) की स्थापना करता है, जो इसे ब्रिटेन की संसदीय सर्वोच्चता से अलग बनाता है।

    • संघीय ढांचा (Federal Structure): भारत को संघीय राज्य कहा गया है, लेकिन इसमें एकात्मक विशेषताएँ भी हैं—जैसे मजबूत केंद्र, एकल नागरिकता, अखिल भारतीय सेवाएँ आदि।
    • तीन अंगों का संतुलन (Separation of Powers): भारत का शासन तीन स्तंभों पर आधारित है—
      • कार्यपालिका (Executive) – प्रधानमंत्री व मंत्रिपरिषद
      • विधायिका (Legislature) – लोकसभा व राज्यसभा
      • न्यायपालिका (Judiciary) – सर्वोच्च, उच्च व अधीनस्थ न्यायालय
    • मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य (Fundamental Rights and Duties): संविधान नागरिकों को विस्तृत अधिकार देता है—समता, स्वतंत्रता, सांस्कृतिक अधिकार आदि। 1976 के 42वें संशोधन में नागरिक कर्तव्यों को जोड़ा गया था।
    • निदेशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy): आयरलैंड से लिए गए ये सिद्धांत कल्याणकारी राज्य का आधार बनाते हैं।
  • मूल संरचना सिद्धांत (Basic Structure Doctrine): 1973 – केशवानंद भारती केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद संविधान में संशोधन कर सकती है परंतु संविधान की मूल संरचना को नहीं बदल सकती। यह भारतीय लोकतंत्र की रक्षा का सबसे सशक्त सिद्धांत है।

भारतीय संविधान का ऐतिहासिक स्रोत:

संविधान कई देशों के मॉडल का मिश्रित रूप है।

  • Government of India Act 1935 – संघीय ढांचा, प्रशासनिक प्रावधान
  • UK – विधि शासन, संसदीय प्रणाली
  • USA – मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनर्विलोकन
  • Ireland – नीति निदेशक सिद्धांत
  • Canada – मजबूत केंद्र

संविधान दिवस का महत्व:

  • संवैधानिक जागरूकता – नागरिकों में संविधान, अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।
  • लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान – न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व जैसे मूल्यों को पुनः याद दिलाता है।
  • संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि – संविधान निर्माताओं जैसे डॉ. बी.आर. आंबेडकर के योगदान को सम्मान देता है।
  • संवैधानिक नैतिकता का सुदृढ़ीकरण – शासन और नागरिकों में संवैधानिक आचरण को प्रोत्साहित करता है।
  • राष्ट्र निर्माण में सहभागिता – छात्रों, नागरिकों और संस्थाओं को संविधान–आधारित गतिविधियों से जोड़ता है।

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