Azumarediya tribe
संदर्भ:
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में निवास करने वाली अबूझमाड़िया जनजाति की 2025 में बस्तर ओलंपिक में उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज की गई। जो उनकी जनजातीय पहचान को सशक्त करती है।
अबूझमाड़िया जनजाति का परिचय:
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- जनजाति: अबूझमाड़िया जनजाति गोंड जनजाति का एक उपसमूह है, जो मध्य भारत की सबसे बड़ी जनजातीय समुदायों में से एक है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह समुदाय अबूझमाड़ के घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में सदियों से बसे हुए हैं।
- भौगोलिक स्थिति: अबूझमाड़िया समुदाय मूलतः अबूझमाड़ क्षेत्र में रहते हैं, जो छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में फैला है। यह क्षेत्र भारत के सबसे कम सर्वेक्षित और अत्यंत दुर्गम इलाकों में से एक है, जिसे कभी-कभी “नो-गो एरिया” भी कहा गया।
- विशेषता: यह जनजाति पितृसत्तात्मक सामाजिक संरचना, गहरी सामुदायिक भावना, आत्मनिर्भरता और प्रकृति-केंद्रित जीवन शैली के लिए जानी जाती है। इनके समाज में गोदना (पारंपरिक टैटू कला) का अत्यधिक महत्व है।
- भाषा: भाषाई दृष्टि से यह समुदाय अबूझ मारिया उपभाषा बोलता है, जो गोंडी भाषा का एक रूप है। इसके अतिरिक्त धीरे-धीरे हिंदी और छत्तीसगढ़ी का उपयोग भी बढ़ रहा है।
- संस्कृति: यह समुदाय प्रकृति को सजीव मानता है और उनके धार्मिक जीवन का आधार जंगल, पहाड़, नदी और पूर्वजों की पूजा पर आधारित है।
चुनौतियाँ: अबूझमाड़िया जनजाति विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूह (PVTG) होने के कारण शैक्षणिक पहुंच, स्वास्थ्य सुविधाएँ, पोषण, आजीविका और प्रशासनिक संपर्क जैसी कई चुनौतियों का सामना करती है। यह क्षेत्र कुछ समय से वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित भी रहा है, जिससे शासन की पहुँच सीमित हुई है।

