IMD Alert ने मौसम को लेकर कई राज्यों में चेतावनी जारी की है और दिल्ली मुंबई समेत कई शहरों में भारी बारिश का अनुमान भी लगाया है।
IMD Alert क्यों चर्चा में है:–
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया है।
- IMD के अनुसार दिल्ली, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा, राजस्थान और हरियाणा समेत कुल 18 राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है।
- IMD के द्वारा जारी की गई चेतावनी को हिमाचल में बादल फटने की घटना प्रमाणित कर रही है।
- बीते दिनों हिमाचल प्रदेश के मनाली में बादल के फटने से फ्लैश फ्लड आ गया और नाले में भारी मात्रा में पानी के साथ आए मलबे से ब्यास नदी तट पर बने बिजली प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पुणे और मुंबई में भी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया है।
- पुणे में बीते दिन 66 साल में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। वहा सबसे ज्यादा 24 घंटे में 114mm बादल बरसे हैं।
- मौसम विभाग ने बताया कि एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र साइक्लोनिक सर्कुलेशन गंगीय पश्चिम बंगाल और इससे सटे बांग्लादेश के निकले और मध्य भागों पर स्थित है।
क्या है IMD:–
- Indian Meteorological Department (IMD) भारत सरकार के Ministry Of Earth Science (MoES)की एक एजेंसी है। इसकी स्थापना साल 1875 में हुई थी।
- यह विभाग मौसम के पूर्वानुमान, भूकंप सहित कई अन्य प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन करता है और भविष्यवाणी और चेतावनी जारी करता है।
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।इसके 6 क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र चेन्नई, गुवाहाटी, कोलकाता, मुंबई, नागपुर और नई दिल्ली में भी है।
IMD के अन्य महत्वपूर्ण कार्य:–
- कृषि:– मौसम विभाग फसलों के लिए भी मौसम का पूर्वानुमान लगता है और फसलों के बोने और काटने के लिए किसानों को सही समय पर निर्णय लेने में सहायता करता है।
- आपदा प्रबंधन:– भारतीय मौसम विज्ञान विभाग प्राकृतिक आपदाओं के लिए अलर्ट जारी करता है तथा चक्रवात, बाढ़ और सूखा जैसी आपदाओं के बारे में हमें जानकारी देता है। यह पूर्वानुमान के अनुसार सरकार को बांधों और जलाशय को प्रतिबंधित करने में भी मदद करता है।
- विमान के उड़ने में मदद:– IMD पायलट्स को विमान उड़ाने में सुरक्षित मार्ग चुनने के लिए मौसम का पूर्वानुमान प्रदान करता है।
हिमाचल में Cloudburst:–
- हिमाचल प्रदेश के मनाली में बादल फटने से पलचान इलाके में फ्लैश फ्लड से स्थिति गंभीर है।
- सोलंगनाला में अंजनी महादेव में बादल फटने (Cloudburst) से होने से भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा है।
- फ्लैश फ्लड से हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। साथी किसानों के उपजाऊ जमीन और सेब के बगीचे में भी बाढ़ का पानी और मलबा घुसने से भारी नुकसान हुआ है।
क्या होता है बादल फटना (Cloudburst):–
- विज्ञान की भाषा में बादल फटना (Cloud Bursting)एक टेक्निकल टर्म है, जिसका अर्थ होता है अचानक बहुत ज्यादा बारिश होना।
- IMD के अनुसार अगर 1 घंटे में 100mm या इससे ज्यादा बारिश हो जाए तो इसे बादल फटने की स्थिति कहा जाता है।
- इस स्थिति में सामान्य तौर पर जमीन की सतह से लगभग 12 से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर भारी बारिश होती है।
कैसे फटता है बादल:–
- मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जब बहुत ज्यादा बादल इकठ्ठे हो जाते हैं और भारी मात्रा में आर्द्रता या पानी लेकर चलते हैं तो भार से बादल का घनत्व बढ़ जाता है। और जब उनकी राह में कोई अवरोध आता है, तो इस स्थिति में एक सीमित क्षेत्र में ही मूसलाधार वर्षा होती है।
- यह वर्षा सामान्य वर्षा से अलग होती है। इसमें कुछ ही घंटे के अंदर भारी बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
- बादल फटने के कई कारण है जिनमें मुख्य कारण, बादलों के रास्ते में पहाड़ का अवरोध और गर्म हवाओं का चलना या बादलों का आपस में टकराना है।
Cloudbrusting पहाड़ों में क्यों होता है:–
- बादल फटने की अधिकतर घटनाएं पहाड़ी इलाकों में होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पानी से भरे बादल हवा के साथ उड़ते हैं जो कई बार पहाड़ों के बीच फंस जाते हैं। पहाड़ों की ऊंचाई अधिक होने की वजह से वो आगे नहीं बढ़ पाते और एक ही जगह पर बरसना शुरू हो जाते हैं।
- भारत के संदर्भ में देखें तो हर साल मानसून के समय नमी को लिए हुए बादल उत्तर की ओर बढ़ते हैं, लिहाजा हिमालय पर्वत एक बड़े अवरोधक के रूप में सामने पड़ता है।
- हालांकि मुंबई में 26 जुलाई साल 2005 के बादल फटने की घटना अब तक की सभी घटनाओं में अपवाद है।
Cloudbrusting के प्रभाव:–
- Cloudbrusting से अचानक फ्लैश फ्लड आता है जिससे स्थानीय लोगों को भारी नुकसान होता है।
- फ्लैश फ्लड से इमारत सड़कों और कई तरह की संपत्तियों का की क्षति भी होती है।
- बादल फटने से लैंडस्लाइडिंग का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे स्थानीय लोगों को जान-माल का खतरा रहता है।
- Cloudbrusting कई बुनियादी सुविधाओं को भी प्रभावित करता है। इससे इंटरनेट कनेक्टिविटी और बिजली कटौती की समस्या भी उत्पन्न होती है।
बादल फटने से कैसे बचें:–
- Cloudbrusting से बचने के लिए मौसम विभाग की ओर से कई तरह के सुझाव दिए जाते हैं। जिनमें बारिश के मौसम में ढलान वाले क्षेत्रों में नहीं रहना चाहिए। ऐसे मौसम में समतल जमीन वाले क्षेत्रों में रहना चाहिए।
- जिन क्षेत्रों की जमीनों में दरारे पड़ गई हो उनके अंदर वर्षा का जल न जाए इसके लिए समुचित उपाय करना चाहिए।
- पर्यटकों को भी जिन इलाकों में बादल फटने की संभावना हो वहां बारिश के मौसम में जानें से बचना चाहिए।
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