चर्चा मे क्यों ?
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, देश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क (national highway network) मार्च 2014 में 91,287 किमी से बढ़कर 25 जुलाई 2024 तक लगभग 1,46,126 किमी हो गया है।
पूंजीगत व्यय की वृद्धि (Capital Expenditure Increase):
2024 में, NHAI ने अपने पूंजीगत व्यय को पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ाया है। इस वृद्धि का मुख्य उद्देश्य देश के राष्ट्रीय राजमार्गों (national highways) की गुणवत्ता (quality) और नेटवर्क (network) को सुधारना और विस्तारित करना है।
वृद्धि वर्षवार (Growth year wise)
- 2019-20-04 लाख करोड़
- 2020-21– 1.25 लाख करोड़
- 2021-22– 1.72 लाख करोड़
- 2022-23– 1.73 लाख करोड़
- 2023-24– 2.07 लाख करोड़
सड़क नेटवर्क विस्तार (Road network expansion)
इस प्रयास का एक प्रमुख घटक भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana) है, जिसके तहत विभिन्न श्रेणियों में परियोजनाओं को लागू किया जाता है जैसे कि:
- आर्थिक गलियारे का विकास (Economic Corridors Development)
- अंतर-गलियारे और फीडर मार्गों का विकास (Inter-corridor and Feeder Routes Development)
- राष्ट्रीय गलियारे की दक्षता सुधार (National Corridors Efficiency Improvement)
- सीमा और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी सड़कें (Border and International Connectivity Roads)
- तटीय और बंदरगाह कनेक्टिविटी सड़कें (Coastal and Port Connectivity Roads)
- एक्सप्रेसवे (Expressways)
इस प्रमुख कार्यक्रम के अंतर्गत मार्च 2024 तक 26,425 किलोमीटर सड़कें आवंटित की गई हैं और 17,411 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें 31 मार्च 2024 तक 4.59 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (NER) में सड़क और परिवहन अवसंरचना विकास परियोजनाएँ (Road and Transport Infrastructure Development Projects in North-Eastern Region (NER):
परियोजनाओं (Projects): केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (NER) में कई सड़क और परिवहन अवसंरचना विकास परियोजनाएँ शुरू की गई हैं।
- पिछले दस वर्षों के दौरान, इस क्षेत्र में कुल 9,984 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों (NHs) का निर्माण किया गया है।
- इस निर्माण पर 1,07,504 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
चल रही परियोजनाएँ (Ongoing Projects): वर्तमान में, 265 NH परियोजनाएँ चल रही हैं, जिनकी कुल लागत 1,18,894 करोड़ रुपये है।
- इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 5,055 किलोमीटर है।
विशेष ध्यान और बजट आवंटन (Special Attention and Budget Allocation): मंत्रालय उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (NER) में NHs के विकास पर विशेष ध्यान देते हुए कुल बजट का 10% NER के विकास के लिए आरक्षित किया गया है।
पूर्व-पश्चिम गलियारा कार्यक्रम (East-West Corridor Programme): सरकार ने क्षेत्र में कनेक्टिविटी सुधार के लिए पूर्व-पश्चिम गलियारा कार्यक्रम (East-West Corridor program) की विशेष पहल की है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी (Rural Road Connectivity under Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana (PMGSY):
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) ने ग्रामीण सड़क कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। इस योजना के तहत कुल 8,10,250 किलोमीटर सड़क की लंबाई स्वीकृत की गई थी।
निर्माण की प्रगति (Construction progress): स्वीकृत सड़क नेटवर्क में से 7,65,601 किलोमीटर (94%) का निर्माण पूरा हो चुका है।
- इस प्रगति से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़क संपर्क (road connectivity) सुनिश्चित हुआ है।
वित्तीय खर्च (Financial expenditure): 26 जुलाई 2024 तक इस पहल पर कुल 3,24,186 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
- इस वित्तीय खर्च ने योजना की सफलता और व्यापकता को दर्शाया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चरण IV की घोषणा (Announcement of Phase IV of Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana (PMGSY):
चरण IV की शुरुआत (Launch of Phase IV): केंद्रीय बजट 2024-25 ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चरण IV की शुरुआत की घोषणा की है।
- इस चरण के तहत 25,000 ग्रामीण बस्तियों (rural habitations) को सभी मौसमों में कनेक्टिविटी (all-weather connectivity) प्रदान की जाएगी, जो जनसंख्या वृद्धि के कारण पात्र हो गई हैं।
ग्रामीण अवसंरचना का विकास (Development of rural infrastructure): यह नया चरण ग्रामीण अवसंरचना विकास (rural infrastructure development) की गति को जारी रखेगा।
- इससे अधिक दूरस्थ क्षेत्रों (remote areas) को महत्वपूर्ण सड़क पहुंच (vital road access) मिलेगी।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव (Economic and social impact): इस पहल से आर्थिक विकास (economic growth) को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण जनसंख्या की जीवन गुणवत्ता (quality of life) में सुधार होगा।
- सड़क कनेक्टिविटी के सुधार से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य बुनियादी सेवाओं की पहुंच आसान होगी।
सड़क एवं पुल रखरखाव एवं सुरक्षा (Road and Bridge Maintenance and Safety):
- केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) का आवंटन
- CRIF का उपयोग: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (Central Road Infrastructure Fund – CRIF) को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित करता है।
- वर्तमान परियोजनाएँ (Current Projects): वर्तमान में 1,209 राज्य सड़क परियोजनाएँ चल रही हैं, जिनकी कुल लंबाई लगभग 14,369 किलोमीटर है और कुल लागत 37,098 करोड़ रुपये है।
- समाप्ति का समय (Completion Time): इन परियोजनाओं की समाप्ति 2027 तक चरणबद्ध तरीके से होने की उम्मीद है।
- राष्ट्रीय राजमार्गों और पुलों की संरचनात्मक अखंडता (Structural Integrity of National Highways and Bridges)
निरीक्षण और निगरानी (Inspection and Monitoring): राष्ट्रीय राजमार्गों और उनके पुलों की संरचनात्मक अखंडता (structural integrity) सुनिश्चित करने के लिए दृश्य और उपकरण आधारित अवधि निरीक्षण (periodical inspections), मूल्यांकन (evaluations), और निगरानी (monitoring) अनिवार्य है।
स्ट्रक्चरल हेल्थ मॉनिटरिंग (Structural Health Monitoring): महत्वपूर्ण पुलों के लिए वास्तविक समय (real-time) में संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी (structural health monitoring) की जाती है।
- भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (IBMS): राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क (National Highway Network) पर पुलों की संपूर्ण निगरानी और रखरखाव (maintenance) के लिए भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (Indian Bridge Management System – IBMS) स्वीकृत की गई है।
- सड़क दुर्घटनाओं और सुरक्षा उपाय (Road Accidents and Safety Measures)
- सड़क दुर्घटनाओं में कमी (Reduction of Road Accidents): भारत सरकार 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं और चोटों (fatalities and injuries) को 50% तक कम करने का लक्ष्य रखती है, जो स्टॉकहोम घोषणा (Stockholm Declaration) की प्रतिबद्धता के अनुसार है।
- 4E’s रणनीति (4E’s Strategy): इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 4E’s – शिक्षा (Education), इंजीनियरिंग (Engineering), प्रवर्तन (Enforcement), और आपातकालीन देखभाल (Emergency Care) के माध्यम से एक बहुपरकारी रणनीति (multipronged strategy) अपनाई जा रही है।
- सड़क सुरक्षा ऑडिट (Road Safety Audits): सभी परियोजनाओं के चरणों में तीसरे पक्ष के विशेषज्ञों द्वारा सड़क सुरक्षा ऑडिट (road safety audits) अनिवार्य है, जिनके लिए कुल परियोजना लागत का 21% से 15% तक आवंटित किया गया है, जो संरचनाओं पर निर्भर करता है।
- सड़क सुरक्षा जागरूकता और वित्तीय सहायता (Safety Awareness and Financial Assistance): मंत्रालय सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियानों (awareness campaigns) का समर्थन करता है, मॉडल ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थानों (Model Driving Training Institutes) के लिए वित्तीय सहायता (financial aid) प्रदान करता है, और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों (public transport systems) में सुधार करता है।
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