चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हिंदी दिवस 2024 इस साल खास है क्योंकि यह हिंदी को संविधान में आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने की 75वीं वर्षगांठ है। 14 सितंबर को यह दिन भारत और विदेश में बसे हिंदी भाषियों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदी हमारे देश के विविध भाषाई समुदायों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस वर्ष हिंदी दिवस पर विशेष कार्यक्रम हो रहे हैं, जिसमें हिंदी के विकास और इसके वैश्विक महत्व पर ध्यान दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस 2024
राष्ट्रीय हिंदी दिवस 2024 एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसे 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी भाषा के सम्मान और उसके प्रसार के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा की उत्कृष्टता और उसके योगदान को पहचानने का अवसर प्रदान करता है, जो न केवल भारत की राजभाषा है, बल्कि दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी दिवस का अर्थ भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है। देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदी भाषा ने लोगों को एकजुट करने और उनकी पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त भाषा बन चुकी है।
हिंदी दिवस 2024 की Theme
- हिंदी दिवस 2024 की थीम “हिंदी पारंपरिक ज्ञान से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक” (From Traditional Knowledge to Artificial Intelligence) पर आधारित है,।
- जो हिंदी भाषा की विकास यात्रा को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने का प्रयास है। यह थीम इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे हिंदी ने पारंपरिक ज्ञान, साहित्य और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के साथ-साथ आज की डिजिटल दुनिया और आधुनिक तकनीकों, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, में भी अपनी जगह बनाई है।
- इस थीम के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि हिंदी भाषा सिर्फ अतीत की धरोहर नहीं है, बल्कि वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को समझने और उनका समाधान खोजने का एक सशक्त माध्यम भी है।
- आधुनिक युग में हिंदी को तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से यह थीम हिंदी के व्यापक उपयोग और इसके डिजिटल युग में प्रभावी योगदान पर जोर देती है।
हिंदी दिवस का इतिहास:
- 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1949 में भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारत को एक ऐसी भाषा की आवश्यकता थी जो देश के विभिन्न हिस्सों में संवाद और प्रशासन का माध्यम बन सके। उस समय अंग्रेजी का व्यापक उपयोग होता था, लेकिन इसे विदेशी भाषा माना जाता था। भारत की बहुभाषी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए संविधान सभा में इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई कि कौन सी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया जाए।
- 14 सितंबर 1949 को एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत, हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। इसके साथ ही अंग्रेजी को भी एक सहायक भाषा के रूप में रखा गया, ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चलते रहें और भाषाई संक्रमण के लिए समय मिल सके। संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने की बात कही गई।
- 1953 से प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई, ताकि लोग हिंदी के प्रति जागरूक हों और इसे अधिक से अधिक सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों में उपयोग कर सकें।
हिंदी भाषा का उद्भव और विकास
इसका उद्भव और विकास एक लंबे ऐतिहासिक क्रम में हुआ है। हिंदी का नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘सिंधु नदी की भूमि’। जब 11वीं शताब्दी के आसपास तुर्की के आक्रमणकारी भारतीय उपमहाद्वीप में आए, तो उन्होंने सिंधु नदी के आसपास की भाषाओं को ‘हिंदी’ यानी ‘सिंधु नदी की भूमि की भाषा’ के नाम से पुकारा।
इस समय के दौरान, हिंदी भाषा की आधुनिक देवनागरी लिपि का भी उद्भव हुआ, जो आज भी हिंदी लेखन और पाठन के लिए प्रयुक्त होती है। इस प्रकार, हिंदी भाषा का विकास और उसका नामकरण प्राचीन भारतीय सभ्यता और विदेशी आक्रमणों के बीच सांस्कृतिक और भाषाई आदान-प्रदान का परिणाम है।
हिंदी भाषा (हिंदी दिवस) का महत्व:
- भारत की एकता और अखंडता: हिंदी भाषा भारत की विविधता में एकता का प्रतीक है। भारत एक बहुभाषी देश है जहाँ कई क्षेत्रीय भाषाएँ बोली जाती हैं। हिंदी, जो एक प्रमुख राजभाषा है, विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक समुदायों के बीच एक पुल का काम करती है। यह भाषा लोगों को एक साझा सांस्कृतिक पहचान और संवाद का माध्यम प्रदान करती है, जिससे राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बल मिलता है।
- विश्व स्तर पर हिंदी भाषा: हिंदी का विश्व स्तर पर प्रसार बढ़ रहा है, खासकर प्रवासी भारतीयों और हिंदी सीखने वालों के बीच। यह भाषा भारत के अलावा कई देशों में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और शैक्षिक भाषाओं में शामिल हो गई है। कई विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में हिंदी को एक विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है, और हिंदी साहित्य, फिल्में, और संगीत ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी पहचान बनाई है।
- हिंदी साहित्य और संस्कृति: हिंदी साहित्य और संस्कृति ने भारतीय समाज में गहरा प्रभाव डाला है। हिंदी में एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा है, जिसमें कविता, उपन्यास, नाटक, और गद्य शामिल हैं। हिंदी साहित्यकारों जैसे प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, और हरिवंश राय बच्चन ने साहित्यिक रूप से समाज की समस्याओं और संवेदनाओं को उजागर किया है। हिंदी संस्कृति में लोककथाएँ, पारंपरिक नृत्य, संगीत और त्योहारों का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जो भारतीय संस्कृति की विविधता और गहराई को दर्शाते हैं।
भारत के संविधान में राजभाषा (हिंदी) से संबंधित प्रमुख प्रावधान
- अनुच्छेद 343 – अनुच्छेद 343 के तहत, हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है। इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाएगा। संविधान के अनुसार, अंग्रेजी को एक सहायक भाषा के रूप में रखा गया है और सरकारी कामकाज, न्यायालयों, और संघ की विधायी प्रक्रियाओं में इसका उपयोग जारी रहेगा।
- अनुच्छेद 344 – अनुच्छेद 344 के अनुसार, एक केंद्रीय राजभाषा आयोग का गठन किया जाता है जो हिंदी के प्रसार और उपयोग की निगरानी करता है। यह आयोग हिंदी और अन्य भाषाओं के संबंध में सुझाव देने का कार्य करता है।
- अनुच्छेद 345 – यह अनुच्छेद राज्यों को अपनी अधिसूचित राज्य भाषाओं को चुनने की स्वतंत्रता देता है। प्रत्येक राज्य अपनी प्रशासनिक भाषा तय कर सकता है, लेकिन केंद्र और अन्य राज्यों के साथ संवाद के लिए हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग अनिवार्य है।
- अनुच्छेद 346 – इस अनुच्छेद के तहत, संघ और राज्यों के बीच संवाद के लिए हिंदी या अंग्रेजी का उपयोग किया जा सकता है।
- अनुच्छेद 347 – यह अनुच्छेद भाषाई अल्पसंख्यकों को उनकी भाषाओं के विकास और संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान करता है।
ये प्रावधान संविधान में हिंदी और अन्य भाषाओं के उचित उपयोग, संरक्षण, और प्रसार को सुनिश्चित करते हैं, जिससे भारत की भाषाई विविधता का सम्मान और प्रोत्साहन होता है।
हिंदी भाषा से संबंधित मुख्य बिंदु
- हिंदी आज दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, जो इसके व्यापक प्रसार को दर्शाता है।
- विश्वभर में लगभग 60 करोड़ लोग हिंदी को अपनी बोल-चाल की भाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
- जनगणना 2011 के अनुसार 44% भारतीय लोगों की मातृभाषा हिंदी है।
- राजभाषा विभाग हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए निरंतर प्रयासरत है, विभाग ने मोबाइल एप्प भी लांच किया है। जिसमे 90 हजार शब्दो का एक ‘ई-महाशब्दकोष’ संग्रह बनाया गया है।
- 11 राज्यों में इसे आधिकारिक राजभाषा का दर्जा दिया गया है।
- हिंदी भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 अनुसूचित भाषाओं में एक हैं।
- हिंदी शास्त्रीय भाषा नहीं है, अपितु यह भारत की राजभाषा है।
- वर्तमान में हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश सहित अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका में भी हिंदी का व्यापक प्रयोग किया जाता है।
राजभाषा से संबंधित प्रयास
- 1999 में भारत और मॉरीशस ने विश्व हिंदी सचिवालय (डब्ल्यूएचएस) की स्थापना की गई।
- भारत सरकार का ‘लीला-राजभाषा’ एक मल्टीमीडिया आधारित स्व-शिक्षण अनुप्रयोग है, जो हिंदी सीखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करता है।
- हिंदी साहित्य सम्मेलन (मान्यता) अधिनियम, 1956 के तहत साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन और हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए एक शासी निकाय की स्थापना की गई।
- 1960 में केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना की गई।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रौद्योगिकी में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए यूनिकोड-सक्षम कंप्यूटरों का उपयोग किया जा रहा है।
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) ने विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में ‘हिंदी चेयर’ की स्थापना की है।
- ‘राजभाषा गौरव पुरस्कार’ और ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ हिंदी में योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देते हैं।
- हिंदी पखवाड़ा 1 से 15 सितंबर तक सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न:– निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं? तीसरा अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन पुणे में आयोजित किया जा रहा है। 14 सितंबर 1950 को हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया। नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- कूट- (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोनों (d) न 1 और ना ही 2 |
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