Apni Pathshala

भारतीय महासागर में अशोक, चंद्रगुप्त और कल्पतरु नाम की तीन संरचनाएं का नामकरण

चर्चा में क्यों (Why in the news):

हाल ही में भारत ने भारतीय महासागर (Indian Ocean) में स्थित तीन नई जलमग्न संरचनाओं का नामकरण किया है—अशोक (Ashoka), चंद्रगुप्त (Chandragupta) और कल्पतरु (Kalpataru)।  यह कदम भारत के समुद्री अनुसंधान और भूगर्भीय अध्ययन में एक महत्वपूर्ण योगदान है। इन नामों का चयन भारत की प्राचीन धरोहर और सांस्कृतिक महत्त्व को दर्शाता है, जिसके कारण ये संरचनाएँ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं।

  • ये संरचनाएं Southwest Indian Ridge मे स्थित हैं।
  • इनकी खोज राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र (National Center for Polar and Ocean Research) द्वारा की गई थी।
  • यह नामकरण भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था और अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन (International Hydrographic Organization- IHO) और यूनेस्को के अंतर-सरकारी महासागरीय आयोग (Intergovernmental Oceanographic Commission- IOC) द्वारा अनुमोदित किया गया था।

indian ocean

भारतीय महासागर में अशोक, चंद्रगुप्त और कल्पतरु संरचनाओं की खोज (Discovery of Ashoka, Chandragupta and Kalpataru structures in the Indian Ocean):

  • भारतीय अनुसंधान दल ने 2012 में रूसी समुद्री पोत ‘अकादमिक निकोलाई स्ट्राखोव’ (Akademik Nikolay Strakhov) की मदद से अशोक समुद्री पर्वत (Ashoka Seamount) की खोज की। यह अंडाकार संरचना 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है।
  • इसी रूसी पोत की मदद से 2012 में लंबी काल्पतरु पर्वतमाला (Kalpataru Ridge) की भी खोज की, जो 430 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है।
  • 2020 में भारतीय महासागर अनुसंधान पोत एमजीएस सागर (MGS Sagar) द्वारा खोजी गई चंद्रगुप्त पर्वतमाला (Chandragupt Ridge) एक लंबी और अंडाकार संरचना है, जो कुल 675 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है।

क्या होते हैं समुद्री पर्वत (What are seamounts)?

  • परिभाषा: समुद्री पर्वत (Seamount) वह पहाड़ होते हैं जो समुद्रतल से ऊपर उठते हैं लेकिन उनका शिखर पानी की सतह तक नहीं पहुंचता।
  • उत्पत्ति (Origin): यह पर्वत आमतौर पर ज्वालामुखी गतिविधियों के कारण बनते हैं, जहां लावा के ठंडा होने से पहाड़ की संरचना होती है।
  • जलमग्न स्थिति (Submerged position): समुद्री पर्वत पूरी तरह से पानी के नीचे रहते हैं और सतह से दिखाई नहीं देते।
  • ऊंचाई (Height): इनकी ऊँचाई समुद्रतल से कई हजार मीटर तक हो सकती है, जिससे वे समुद्री जीवन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
  • समुद्री जीवन के लिए महत्त्व (Importance for marine life): ये पर्वत समुद्री जीवन के लिए महत्वपूर्ण आवास स्थल होते हैं, क्योंकि इनकी ढलानों पर विभिन्न समुद्री जीवों का वास होता है।

समुद्रतल के नीचे स्थित विशेषताओं का नामकरण (Naming of Undersea Features):

  • अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा के बाहर (Outside the International Maritime Boundary): व्यक्ति और एजेंसियाँ, IHO (अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन) के 2013 के दिशा-निर्देशों ‘समुद्र के अंदर की विशेषताओं के नाम का मानकीकरण’ (Standardization of Undersea Feature Names) के तहत अनाम विशेषताओं (unnamed features) के लिए नाम प्रस्तावित कर सकती हैं। प्रस्तावों की समीक्षा IHO की ‘समुद्रतल विशेषता नामकरण उप-समिति’ (Sub-Committee on Undersea Feature Names – SCUFN) द्वारा की जाती है।
  • राष्ट्रीय समुद्री सीमा के भीतर (Within National Maritime Boundaries): राष्ट्रीय समुद्री सीमा के भीतर स्थित विशेषताओं के नामकरण (naming) के लिए राष्ट्रीय प्राधिकरण (national authority) जिम्मेदार होते हैं और उन्हें भी IHO के 2013 दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।

महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points):

  • नाम का भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व (geographical and cultural significance) होना चाहिए।
  • यह वैज्ञानिक अनुसंधान (scientific research) और समुद्री नेविगेशन (marine navigation) में सहायक होता है।
  • नामकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहमति (international consensus) आवश्यक होती है।

भारत ने नाम हिन्द महासागर में अब कुल 7 संरचनाएँ:

सात संरचनाएँ (Seven structures), जिनमें हाल ही में भारतीय महासागर में जोड़ी गई संरचनाएँ भी शामिल हैं, अब मुख्य रूप से भारतीय वैज्ञानिकों के नाम पर या भारत द्वारा प्रस्तावित नामों पर रखी गई हैं।

पहले से नामित संरचनाएँ (Previously named structures):

  1. रमन रेंज (Raman Range): 1951 में एक अमेरिकी तेल पोत द्वारा खोजा गया। इसका नाम भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन के नाम पर रखा गया। 1992 में स्वीकृत हुआ।
  2. सागर कन्या समुद्री पर्वत (Sagar Kanya Seamount): 1986 में भारतीय शोध पोत सागर कन्या के 22वें समुद्री अभियान (क्रूज़) के दौरान खोजा गया। इसका नाम सागर कन्या के नाम पर रखा गया। 1991 में स्वीकृत हुआ।
  3. पणिकर समुद्री पर्वत (Panikar Seamount): 1992 में भारतीय शोध पोत सागर कन्या द्वारा खोजा गया। इसका नाम प्रसिद्ध समुद्री वैज्ञानिक एनके पणिकर के नाम पर रखा गया। 1993 में स्वीकृत हुआ।
  4. डीएन वाडिया गुइयो (DN Wadia Guyot): 1992 में सागर कन्या द्वारा खोजे गए इस जलमग्न ज्वालामुखीय पर्वत का नाम भूविज्ञानी डीएन वाडिया के नाम पर रखा गया। 1993 में स्वीकृत हुआ।
  5. अशोक समुद्री पर्वत (Ashoka Seamount): 2012 में खोजा गया। इसका आकार अंडाकार है और इसका क्षेत्र लगभग 180 वर्ग किलोमीटर है। इसे रूसी पोत Akademik Nikolay Strakhov द्वारा खोजा गया।
  6. काल्पतरु रेंज (Kalpataru Range): 2012 में खोजी गई। यह लंबी पर्वतमाला 430 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है और समुद्री जैव विविधता को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  7. चंद्रगुप्त रेंज (Chandragupta Range): 2020 में खोजी गई। यह लंबी संरचना 675 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। इसे भारतीय शोध पोत MGS सागर द्वारा खोजा गया।

“महासागर तल पर प्रमुख अंतर्जलीय संरचनाएँ और उच्चावच” (“Major Underwater Structures and Reliefs on the Ocean Floor”)

  • महासागर रेखा (Mid-Ocean Ridge): एक लंबी पर्वत श्रृंखला जो महासागरीय तल के मध्य में फैली होती है और टेक्टोनिक प्लेटों के विस्तार का परिणाम होती है।
  • महासागर खाई (Ocean Trench): गहरे और संकरे क्षेत्रों की संरचनाएँ, जैसे मारियाना ट्रेंच, जो समुद्रतल पर सबसे गहरी होती हैं और प्लेटों के टकराव के कारण बनती हैं।
  • गहरे समुद्री बेसिन (Abyssal Plain): महासागर के तल पर चौड़े और सपाट क्षेत्रों की संरचनाएँ, जो अक्सर गहरे समुद्री क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
  • महासागर पर्वत (Seamount): समुद्रतल के नीचे ऊँचे पर्वत या पहाड़, जो अक्सर ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण बनते हैं।
  • समुद्री पठार (Oceanic Plateau): महासागर के तल पर उचाई वाले सपाट क्षेत्र, जो बड़े वोल्केनिक विस्फोटों या प्लेट टेक्टोनिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप बनते हैं।
  • कोरल रीफ (Coral Reef): शैल संरचनाएँ जो समुद्री जीवन के कारण बनती हैं और प्रायः उथले पानी में पाई जाती हैं, जैसे ग्रेट बैरियर रीफ।
  • हाइड्रोथर्मल वेंट (Hydrothermal Vents): समुद्री तल पर गर्म पानी के स्रोत, जो खनिजों से भरपूर होते हैं और जीवन के विशेष पारिस्थितिक तंत्र को सपोर्ट करते हैं।
  • समुद्री ऊँचाई (Oceanic Rise): महासागर के तल पर एक छोटी, उन्नत सतह, जो सामान्यत: मध्य महासागर रेखा के साथ जुड़ी होती है।
  • महाद्वीपीय शेल्फ (Continental shelf): महासागर की सबसे उथली और चौड़ी सतह, जो तट से महाद्वीप के किनारे तक फैली होती है और समुद्री जीवन व संसाधनों से भरपूर होती है।
  • महाद्वीपीय ढलान (Continental slope): महाद्वीपीय शेल्फ को गहरे समुद्री मैदान से जोड़ने वाली तीव्र ढलान, जो गहरी घाटियों और खाइयों से कटी होती है और गहरे समुद्री जीवों का घर होती है।

Major Underwater Structures

IHO और IOC के बारे में:

  1. अंतर्राष्ट्रीय जलविद्युत संगठन (International Hydrographic Organisation – IHO):
  • 1921 में स्थापित (Established in 1921).
  • एक अंतरसरकारी निकाय (intergovernmental body) है, जिसमें भारत सदस्य (India is a member) है।
  • इसे संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में पर्यवेक्षक का दर्जा (observer status) प्राप्त है।
  • जलविद्युत (hydrography) और समुद्री मानचित्रण (marine mapping) के संबंध में यह एक सक्षम अंतर्राष्ट्रीय प्राधिकरण (competent international authority) के रूप में मान्यता प्राप्त (recognized) है।
  1. अंतरसरकारी समुद्र विज्ञान आयोग (Intergovernmental Oceanographic Commission – IOC)
  • 1961 में स्थापित (Established in 1961)।
  • यह समुद्री विज्ञान (marine science) में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (international cooperation) को बढ़ावा (promotes) देता है।
  1. GEBCO (General Bathymetric Chart of the Oceans):
  • GEBCO, महासागरों की बाथिमेट्रिक चार्ट (bathymetric chart) तैयार करने के लिए IHO और IOC UNESCO का एक संयुक्त परियोजना (joint project) है, जो बाथिमेट्रिक डेटा (bathymetric data) को एकत्र (collect) करता है और महासागरों (oceans) का मानचित्रण (mapping) करता है।
  • GEBCO-SCUFN: GEBCO-SCUFN नामों (names), सामान्य विशेषता प्रकारों (generic feature types), आदि का एक डिजिटल गजेटियर (digital gazetteer) बनाए रखता है और उपलब्ध कराता (makes available) है।

Explore our courses: https://apnipathshala.com/courses/

Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Blogs

Scroll to Top