Apni Pathshala

स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (4S) अभियान

Download Today Current Affairs PDF

स्वच्छ भारत मिशन (SBM) ने भारत में स्वच्छता के परिदृश्य को सफलतापूर्वक बदल दिया है और 4S अभियान को  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य देश में स्वच्छता कवरेज को बढ़ावा देना और खुले में शौच मुक्त (ODF) भारत बनाने का था। यह मिशन 2019 तक महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक ODF भारत बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहा।

4S अभियान: स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता

4S अभियान (स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता) स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ पर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक चलाया गया। यह अभियान तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:

  1. स्वच्छता की भागीदारी – जनभागीदारी, जागरूकता और स्वच्छता गतिविधियाँ।
  2. संपूर्ण स्वच्छता – गंदे स्थानों का समयबद्ध रूपांतरण।
  3. सफाई मित्र सुरक्षा शिविर – स्वच्छता कार्यकर्ताओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य जांच, और सम्मान सुनिश्चित करना।

स्वच्छ भारत मिशन (SBM): स्वच्छ भारत मिशन का आरंभ 2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य भारत में सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्राप्त करना है। इस मिशन के तहत, भारत को 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक “खुले में शौच मुक्त” (ओडीएफ) बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

स्वच्छ भारत मिशन (SBM) के चरण:

  • स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण
  • चरण I (2014-2019): स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) का पहला चरण एक अभूतपूर्व पहल थी, जिसने स्वच्छता प्रयासों में राष्ट्रव्यापी भागीदारी को प्रोत्साहित किया।
  • लक्ष्य: खुले में शौच को समाप्त करना, जागरूकता अभियान, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से।
  • प्रभाव: शौचालयों और स्वच्छता संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण से स्वच्छता में सुधार हुआ और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में।
  • चरण II (2019-2025): चरण-I की सफलता को देखते हुए, एसबीएम-जी चरण II का शुभारंभ 2025 तक ओडीएफ स्थिति को बनाए रखने और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया गया।
  • लक्ष्य: ओडीएफ प्लस गांव बनाना और स्वच्छता मानकों में सुधार करना।
  • निवेश: इस चरण के लिए 40 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
  • उपलब्धियां: सितंबर 2024 तक, 5.87 लाख से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल किया। 92 लाख गांव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और 4.95 लाख गांव तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू कर चुके हैं।
  • स्वच्छ भारत मिशन – शहरी: स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) (एसबीएम-यू) का शुभारंभ 2 अक्टूबर 2014 को हुआ।
  • लक्ष्य: 100 प्रतिशत खुले में शौच मुक्त स्थिति प्राप्त करना और वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करना।
  • प्रभाव: सितंबर 2024 तक, इस मिशन के तहत 63 लाख से अधिक घरेलू शौचालयों और 3 लाख से अधिक सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण हुआ है।

स्वच्छ भारत मिशन के प्रभाव:

  • स्वास्थ्य में सुधार: ग्रामीण भारत में स्वच्छता सुविधाओं की कमी से प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार हुआ।
  • सार्वजनिक स्थलों की सफाई: 7,611 समुद्र तटों, 6,371 नदी तटों, और 1,23,840 से अधिक सार्वजनिक स्थलों की सफाई की गई।
  • कचरा प्रबंधन: 16,000 से अधिक जल निकाय और 66,779 कचरा-संवेदनशील स्थानों की सफाई की गई।

ODF प्लस लक्ष्य:

सितंबर 2024 तक, 5.87 लाख से अधिक गांव ODF प्लस बन चुके हैं, जिनमें से 3.92 लाख गांव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और 4.95 लाख गांव तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू कर चुके हैं।

स्वच्छ भारत मिशन के प्रमुख लाभ:

स्वच्छ भारत मिशन (SBM) भारत में स्वच्छता को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसने शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, इस मिशन के तहत शौचालयों की उपलब्धता ने प्रतिवर्ष 60,000 से 70,000 शिशुओं की जान बचाने में मदद की है।

अध्ययन का अवलोकन और निष्कर्ष:

  • डेटा विश्लेषण: अध्ययन में 2011-2020 के बीच 35 भारतीय राज्यों और 640 जिलों के डेटा का उपयोग किया गया। इसमें शिशु मृत्यु दर (IMR) और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • संबंध: शौचालयों की उपलब्धता और बाल मृत्यु दर के बीच एक मजबूत विपरीत संबंध पाया गया। 2014 के बाद से, शौचालयों का निर्माण तेज गति से हुआ, जिसमें 1.4 लाख करोड़ रुपये का सार्वजनिक निवेश किया गया।

प्रमुख निष्कर्ष:

  1. शौचालयों की उपलब्धता: 2014 के बाद से शौचालयों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे IMR में 0.9 अंक और U5MR में 1.1 अंक की कमी आई है। जिन जिलों में शौचालयों की कवरेज 30% से अधिक थी, वहां IMR में 5.3 और U5MR में 6.8 की कमी आई।
  2. जीवित जन्मों पर प्रभाव: यह आंकड़ा सालाना 60,000 – 70,000 शिशु जीवन को बचाने के रूप में परिणत होता है।

SBM का दृष्टिकोण: स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का कारण इसके संचार और सामुदायिक भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करना है, जो पिछले प्रयासों से एक महत्वपूर्ण भिन्नता है। यह अध्ययन यह भी दर्शाता है कि SBM के तहत शौचालयों की उपलब्धता ने मौखिक रोगाणुओं के संपर्क को कम किया है, जो दस्त और कुपोषण के मामलों में कमी का कारण बना है।

भविष्य की पहल: स्वच्छ भारत मिशन अब ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों जैसे दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके भविष्य के कदम “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” की थीम के तहत व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने पर केंद्रित होंगे।

निष्कर्ष: स्वच्छ भारत मिशन एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसने भारत में स्वच्छता में क्रांति ला दी है। लाखों शौचालय उपलब्ध कराकर, शिशु मृत्यु दर को कम करके और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार करके, इसने भारतीयों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। यह मिशन स्वच्छता सुधार के माध्यम से एक स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध समाज का निर्माण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/

Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/

Share Now ➤

क्या आपको Apni Pathshala के Courses, RNA PDF, Current Affairs, Test Series और Books से सम्बंधित कोई जानकारी चाहिए? तो हमारी विशेषज्ञ काउंसलर टीम आपकी सिर्फ समस्याओं के समाधान में ही मदद नहीं करेगीं, बल्कि आपको व्यक्तिगत अध्ययन योजना बनाने, समय का प्रबंधन करने और परीक्षा के तनाव को कम करने में भी मार्गदर्शन देगी।

Apni Pathshala के साथ अपनी तैयारी को मजबूत बनाएं और अपने सपनों को साकार करें। आज ही हमारी विशेषज्ञ टीम से संपर्क करें और अपनी सफलता की यात्रा शुरू करें

📞 +91 7878158882

Related Posts

Scroll to Top