हाल ही में ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने दुनिया भर में अपनी कोविड-19 वैक्सीन की खरीद-बिक्री बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने कहा है कि अब वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई नहीं की जा रही है। एस्ट्राजेनेका का दावा है कि वैक्सीन को बंद करने का फैसला साइड इफेक्ट्स की वजह से नहीं लिया गया है। कंपनी ने बताया कि वैक्सीन को व्यावसायिक कारणों से बाजारों से हटाया जा रहा है।
मुख्य बातें:
- एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन की वैश्विक बिक्री बंद कर दी है।
- कंपनी का दावा है कि यह फैसला व्यावसायिक कारणों से लिया गया है, साइड इफेक्ट की वजह से नहीं।
- बाजार में अब कई अन्य उन्नत वैक्सीन उपलब्ध हैं जो वायरस के विभिन्न वेरिएंट के खिलाफ अधिक प्रभावी हैं।
- यूरोपीय संघ में इस वैक्सीन का इस्तेमाल 7 मई से प्रतिबंधित है।
- एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर 2020 में यह वैक्सीन विकसित की थी।
- भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन को ‘कोवीशील्ड’ नाम से बनाया था।
- ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में इसे ‘वैक्सजेवरिया’ के नाम से जाना जाता है।
विवाद:
- एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उसकी वैक्सीन से थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) नामक दुर्लभ लेकिन गंभीर रक्त के थक्के बनने का खतरा होता है।
- कंपनी ने इन आरोपों को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि कुछ मामलों में वैक्सीन से TTS हो सकता है।
- हालांकि, एस्ट्राजेनेका का कहना है कि वैक्सीन के फायदे इसके दुर्लभ साइड इफेक्ट्स से कहीं ज्यादा हैं।
- मेडिसिन हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी (MHRA) के मुताबिक ब्रिटेन में 81 मामले ऐसे हैं, जिनमें इस बात की आशंका है कि वैक्सीन की वजह से खून के थक्के जमने से लोगों की मौत हो गई। MHRA के मुताबिक, साइड इफेक्ट से जूझने वाले हर 5 में से एक व्यक्ति की मौत हुई है।
- फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन के जरिए हासिल किए गए आंकड़ों के मुताबिक ब्रिटेन में फरवरी में 163 लोगों को सरकार ने मुआवजा दिया था। इनमें से 158 ऐसे थे, जिन्होंने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाई थी।
थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) क्या है?
थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जो एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन के संभावित दुष्प्रभाव के रूप में सामने आई है। यह रक्त के थक्के बनने और प्लेटलेट (थ्रोम्बोसाइट्स) की कम संख्या का कारण बनता है, जो रक्तस्राव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन से जोखिम
- एक लैनसेट ग्लोबल हेल्थ अध्ययन (2022) के अनुसार, एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली खुराक लेने वाले 10 लाख लोगों में 8.1 लोगों में टीटीएस मामले पाए गए।
- वहीं, दूसरी खुराक लेने वालों में यह संख्या घटकर 2.3 प्रति दस लाख हो गई।
- अध्ययन में यह भी पाया गया कि टीटीएस की रिपोर्टिंग दरों में अलग-अलग देशों के बीच अंतर है। नॉर्डिक देशों में यह दर सबसे अधिक (17.6 प्रति दस लाख खुराक) थी, जबकि एशियाई देशों में सबसे कम (0.2 प्रति दस लाख खुराक) थी।
TTS के लक्षण क्या हैं?
» सिरदर्द
» साफ दिखाई न देना
» बोलने में कठिनाई
» सांस लेने में दिक्कत
» चक्कर आना
» सीने में दर्द
» पैर में सूजन
» स्किन पर शरीर में खून के थक्के जमने के निशान
अन्य जानकारी:
- एस्ट्राजेनेका का दावा है कि उसकी वैक्सीन ने पहले साल में ही करीब 60 लाख लोगों की जान बचाई है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस वैक्सीन को 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित और प्रभावी बताया है।
निष्कर्ष:
एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन अब बाजार में नहीं है। वैक्सीन के सुरक्षा और प्रभावशीलता को लेकर कुछ चिंताएं हैं, लेकिन कंपनी और स्वास्थ्य संगठनों का कहना है कि वैक्सीन के फायदे इसके जोखिमों से कहीं ज्यादा हैं।
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