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हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका की वाणिज्य सचिव और भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने वाशिंगटन, डी.सी. में संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत वाणिज्यिक वार्ता 2024 (commercial negotiation meeting) (छठी मंत्रीस्तरीय बैठक) में भाग लिया। इस बैठक में पिछले सत्र के बाद हुई उपलब्धियों की समीक्षा की गई, जो मार्च 2023 में नई दिल्ली में आयोजित हुई थी।
Commercial Negotiation Meeting प्रमुख उपलब्धियाँ:
- सेमीकंडक्टर समझौता ज्ञापन (एमओयू):
- इस एमओयू के तहत दोनों देशों ने सुदृढ़, सुरक्षित और टिकाऊ सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला की दिशा में निरंतर प्रयास किए।
- इसमें अमेरिकी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन और भारतीय इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर एसोसिएशन द्वारा शुरू किए गए तत्परता मूल्यांकन की सफलता शामिल है।
- इस मूल्यांकन का उद्देश्य निकट अवधि के अवसरों की पहचान करना और सेमीकंडक्टर के पूरक इकोसिस्टम के दीर्घकालिक रणनीतिक विकास को बढ़ावा देना है।
- इसके अंतर्गत दोनों देशों की कंपनियों के बीच निवेश, संयुक्त उद्यम और प्रौद्योगिकी साझेदारी के अवसरों को बढ़ावा दिया जाएगा, साथ ही प्रतिभा और श्रमशक्ति के विकास पर जोर दिया जाएगा।
- इनोवेशन हैंडशेक एमओयू:
- इस समझौते के तहत नवंबर 2023 में सैन फ्रांसिस्को और मार्च 2024 में नई दिल्ली में दो गोलमेज बैठकों का आयोजन हुआ, जहां दोनों देशों के स्टार्टअप इकोसिस्टम के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- इस पहल का उद्देश्य इनोवेशन इकोसिस्टम को और उन्नत करना था। इन बैठकों ने स्टार्टअप्स के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।
- संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत ऊर्जा उद्योग नेटवर्क (ईआईएन):
- मार्च 2024 में नई दिल्ली में आयोजित क्लीन एज एंड एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजीज बिजनेस डेवलपमेंट मिशन में 12 अमेरिकी कंपनियों ने भाग लिया।
- इस मिशन का उद्देश्य भारत में स्वच्छ ऊर्जा के बाजारों का विकास करना और पर्यावरणीय समाधान को अपनाने में तेजी लाना था।
- 16 सितंबर, 2024 को वाशिंगटन में अमेरिकी ऊर्जा सचिव और भारतीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री के नेतृत्व में संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (एससीईपी) की मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन हुआ।
- इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ):
- सितंबर 2024 में आयोजित आईपीईएफ मंत्रिस्तरीय बैठक में आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला समझौते के तहत महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की गई।
- इसमें सेमीकंडक्टर, रसायन, और महत्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया गया।
- बैटरी और स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों पर विशेष ध्यान देने के साथ आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
वाणिज्यिक संबंधों (Commercial Negotiation Meeting) को सुदृढ़ बनाने और विविध क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर :
- महत्वपूर्ण खनिजों पर समझौता ज्ञापन: दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित किया। इस समझौते का उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में खोज, निष्कर्षण, शोधन, और पुनर्चक्रण के लिए नीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान कर, दोनों देशों की पूरक शक्तियों का लाभ उठाना है।
- इंडस इनोवेशन: ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, और स्थिरता के क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए “इंडस इनोवेशन” पहल की शुरुआत की गई। यह प्रयास 2025 में स्टार्टअप कंपनियों, निवेशकों, और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को साथ लाने का लक्ष्य रखता है।
- महिलाओं के स्वामित्व वाले और छोटे एवं मध्यम आकार के उद्यमों का समर्थन: 2025 की शुरुआत में, संयुक्त राज्य अमेरिका का व्यापार मिशन भारत आएगा, जिसका उद्देश्य वंचित समुदायों द्वारा संचालित एसएमई के लिए भारतीय बाजार में अवसरों का विस्तार करना है। बेंगलुरु में “एम्पावर एशिया बिजनेस कॉन्फ्रेंस” इसका हिस्सा होगी।
- बेंगलुरु में स्टार्टअप और एसएमई संसाधनों का विस्तार: बेंगलुरु में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास खोलने की योजना के साथ, वहां स्टार्टअप और एसएमई को सहायता प्रदान करने के लिए विशेष संसाधन केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिसमें महिला उद्यमियों, हरित प्रौद्योगिकी और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- यात्रा और पर्यटन: दोनों देशों ने यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए कार्य समूह की कार्य योजना को सराहा, जो पर्यटन को बढ़ावा देने और दो-तरफा यात्रा को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में योगदान देना है।
- स्वास्थ्य सेवा: फार्मास्यूटिकल्स और दवाओं के उत्पादन संबंधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क को मजबूत करने पर दोनों देशों के बीच जानकारी के आदान-प्रदान की आवश्यकता को स्वीकार किया गया।
निष्कर्ष: इस बैठक ने संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की। सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, और नवाचार इकोसिस्टम जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग ने दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण व्यावसायिक अवसरों और विकास के नए रास्ते खोले हैं।
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