संदर्भ:
ग्लेशियरों का पिघलना: अंतरिक्ष से ली गई उपग्रह छवियों में तीन दशकों के अंतराल में आइसलैंड के ओकजोकुल (Okjökull) ग्लेशियर के लुप्त होने को दर्शाया गया है। यह 2014 में मानव जनित जलवायु परिवर्तन के कारण “मृत” घोषित होने वाला पहला ग्लेशियर था।
ग्लेशियर के बारे में:
ग्लेशियर क्या हैं?
- ग्लेशियर बर्फ और हिम का विशाल, स्थायी संग्रह होता है, जो अपने वजन और गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से धीरे-धीरे जमीन पर बहता है।
- आमतौर पर, ग्लेशियर उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ औसत वार्षिक तापमान जमाव बिंदु (Freezing Point) के करीब होता है और सर्दियों में हिमपात की मात्रा अधिक होती है।
ग्लेशियर का महत्व:
- जल भंडार: ग्लेशियर पृथ्वी के ताजे पानी का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा संग्रहित करते हैं, जो इन्हें सबसे बड़े ताजे पानी के भंडार बनाता है।
- खाद्य प्रणाली: ग्लेशियर कृषि क्षेत्रों के लिए सिंचाई का प्रमुख स्रोत होते हैं, और ग्लेशियर से उत्पन्न नदियाँ भूमि को उपजाऊ बनाती हैं।
- जैव विविधता: ग्लेशियर के पिघलने से पोषक तत्व झीलों, नदियों और महासागरों में पहुँचते हैं, जिससे फाइटोप्लांकटन (Phytoplankton) की वृद्धि होती है, जो जलीय खाद्य श्रृंखलाओं का आधार है।
जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों के पिघलने का प्रभाव:
- जल चक्र में व्यवधान: ताजे पानी, पारिस्थितिकी तंत्र और कृषि के लिए खतरा।
- प्राकृतिक आपदाएँ: ग्लेशियर झील विस्फोट बाढ़ (Glacial Lake Outburst Floods) और हिमस्खलन (Avalanches) का खतरा बढ़ना।
- समुद्र स्तर में वृद्धि (Sea Level Rise): तटीय कटाव, आवास की हानि और जैव विविधता का नुकसान।
- जलवायु प्रतिक्रिया चक्र (Climate Feedback Loop): पृथ्वी की परावर्तकता में कमी आना, जिससे ग्लोबल वार्मिंग की गति तेज होती है।
दुनिया के लुप्त होते ग्लेशियर:
निम्नलिखित ग्लेशियर पूरी तरह से गायब हो चुके हैं:
- अमेरिका (USA):एंडरसन ग्लेशियर (Anderson Glacier), क्लार्क ग्लेशियर (Clark Glacier), ग्लिसन ग्लेशियर (Glisan Glacier)
- न्यूज़ीलैंड (New Zealand):बाउमैन ग्लेशियर
- इटली (Italy):काल्डेरोन ग्लेशियर
- अर्जेंटीना (Argentina):मार्शल सुर ग्लेशियर
- वेनेज़ुएला (Venezuela):पिको हंबोल्ट ग्लेशियर
- स्विट्जरलैंड (Switzerland):पिज़ोल ग्लेशियर
- फ्रांस (France):सारेन ग्लेशियर
- जर्मनी (Germany):श्नीफर्नर ग्लेशियर
ग्लेशियरों की सुरक्षा के लिए पहल:
वैश्विक स्तर:
- 2025 को ग्लेशियर संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित करना (Designation of 2025 as the International Year of Glaciers’ Preservation) – संयुक्त राष्ट्र द्वारा।
- यूनेस्को अंतर सरकारी हाइड्रोलॉजिकल कार्यक्रम
भारत (India):
- हिमालयी क्रायोस्फीयर पर नेटवर्क कार्यक्रम
- क्रायोस्फीयर और जलवायु परिवर्तन अध्ययन केंद्र
- HIMANSH अनुसंधान केंद्र