सामान्य अध्ययन पेपर II: भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव, महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय संधि और समझौते |
चर्चा में क्यों?
स्क्वाड गठबंधन (Squad Alliance): फिलीपींस ने भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र (इंडो-पैसिफिक क्षेत्र) में चीन की बढ़ती आक्रामकता का सामना करने के लिए स्क्वाड रक्षा गठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। यह पहल क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और समान विचारधारा वाले देशों को एकजुट करने के उद्देश्य से की गई है।
स्क्वाड गठबंधन (Squad Alliance) क्या है?
दक्षिण चीन सागर (South China Sea – SCS) में बढ़ते सामरिक तनाव और क्षेत्रीय संप्रभुता उल्लंघन के कारण वैश्विक शक्तियों को एकजुट होने की आवश्यकता महसूस हुई। इसी संदर्भ में वर्ष 2024 में एक अनौपचारिक गठबंधन का गठन किया गया, जिसे ‘स्क्वाड’ के नाम से जाना जाता है।
- इस गठबंधन में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल है।
- चारों देश सैन्य सहयोग, खुफिया जानकारी को आपस में साझा करने एवं संयुक्त अभ्यासों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- स्क्वाड की प्राथमिकता केवल सामरिक सुरक्षा ही नहीं, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था को बनाए रखना है।
- पृष्ठभूमि:
- स्क्वाड का गठन विशिष्ट सामरिक उद्देश्यों को लेकर किया गया है। दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में बढ़ती चीनी घुसपैठ ने क्षेत्र में सैन्य तनाव को बढ़ा दिया था।
- पश्चिमी फिलीपींस सागर, जो दक्षिण चीन सागर का एक हिस्सा है, फिलीपींस और चीन के बीच लंबे समय से तनाव का केंद्र रहा है। 2016 में हेग ट्राइब्यूनल के फैसले में फिलीपींस के पक्ष में निर्णय होने के बावजूद चीन की आक्रामकता जारी है।
- चीन के बढ़ते दबाव का सामना करने के लिए फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने अमेरिका के साथ संबंध मजबूत किए हैं।
- इसी के चलते इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के रक्षा मंत्रियों ने हवाई में बैठक कर समुद्री सहयोग को मजबूत करने का निर्णय लिया।
- उद्देश्य:
- समुद्री सुरक्षा में वृद्धि: दक्षिण चीन सागर एक सामरिक जलमार्ग है जहाँ से विश्व के लगभग 30% समुद्री व्यापार का संचालन होता है। गठबंधन का उद्देश्य इस महत्वपूर्ण मार्ग को मुक्त और सुरक्षित बनाना है ताकि सभी देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत नौवहन कर सकें।
- नौवहन की स्वतंत्रता: चीन की एकतरफा समुद्री दावेदारी और सैन्य विस्तार ने नौवहन की स्वतंत्रता को चुनौती दी है। स्क्वाड गठबंधन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि कोई भी देश अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों को बाधित न कर सके।
- क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा: गठबंधन में शामिल देश यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि प्रत्येक देश अपनी सामुद्रिक सीमाओं पर पूर्ण अधिकार रख सके। यह गठबंधन सामूहिक रक्षा तंत्र के माध्यम से किसी भी देश को उसकी संप्रभुता में सहायता प्रदान करता है।
- सामूहिक रक्षा सहयोग: सदस्य देश सैन्य अभ्यास, तकनीकी साझेदारी, खुफिया जानकारी साझा करने और सामरिक योजनाओं पर मिलकर काम करते हैं। इससे समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता में भी सहयोग बढ़ता है।
- वैश्विक व्यवस्था की रक्षा: चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों (UNCLOS) का उल्लंघन कर रही हैं। स्क्वाड का उद्देश्य इन नियमों को मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नियम आधारित व्यवस्था को बनाए रखना है।
स्क्वाड गठबंधन (Squad Alliance) के सदस्य देश और उनकी भूमिकाएँ
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): संयुक्त राज्य अमेरिका “स्क्वाड” गठबंधन का प्रमुख रणनीतिक सदस्य है, जिसकी भूमिका सैन्य क्षमता, कूटनीतिक प्रभाव और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने पर केंद्रित है। अमेरिका का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता को सुरक्षित करना और चीन की आक्रामकता का मुकाबला करना है। अमेरिका की सैन्य शक्ति और साझा खुफिया तंत्र गठबंधन को मजबूत आधार प्रदान करते हैं।
- जापान: जापान, अमेरिका का एक सामरिक साझेदार है। इसकी भूमिका मुख्य रूप से उन्नत सैन्य तकनीक और समुद्री सुरक्षा में योगदान पर आधारित है। जापान, दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता को लेकर चिंतित है और साझा सैन्य अभ्यास में सक्रिय भागीदारी करता है।
- ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया की भूमिका समुद्री सुरक्षा और सामरिक संतुलन में अहम है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का विरोध करने वाले देशों में अग्रणी है। यह अमेरिका और जापान के साथ सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ खुफिया जानकारी साझा करता है।
- फिलीपींस: फिलीपींस की भूमिका इस गठबंधन में क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के हितधारक के रूप में है। यह चीन की आक्रामकता से सबसे अधिक प्रभावित है और गठबंधन में इसकी भागीदारी सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। पश्चिमी फिलीपींस सागर में संप्रभुता की रक्षा के लिए अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करता है।
वैश्विक गठबंधन में भारत की भूमिका
- भारत ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। चाहे वह क्वाड (Quad) हो या अन्य बहुपक्षीय मंच, भारत की रणनीति वैश्विक स्थिरता और शक्ति संतुलन को बनाए रखने पर केंद्रित है। क्वाड में भारत की उपस्थिति केवल भौगोलिक स्थिति तक सीमित नहीं है; यह एक प्रमुख शक्ति के रूप में इसकी उभरती छवि को दर्शाता है।
- भारत की रणनीतिक साझेदारियाँ केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि व्यापार, तकनीक और सामरिक हितों में भी इसकी भूमिका अहम है। भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में केवल चीन के प्रभुत्व को संतुलित करने के लिए नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय देशों के साथ स्थिरता और विकास में भी भागीदार है।
- हालाँकि भारत अभी तक स्क्वाड का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसकी बढ़ती कूटनीतिक पहुँच इसे इस गठबंधन में शामिल होने का एक मजबूत दावेदार बनाती है। यदि भारत स्क्वाड में शामिल होता है, तो यह दक्षिण चीन सागर में सामुद्रिक शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही, भारत की भागीदारी से गठबंधन देशों के बीच समन्वय बढ़ेगा, जिससे वैश्विक शक्ति संतुलन और अधिक प्रभावी होगा।
- विशेष: क्वाड, जिसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल है, पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता पर केंद्रित है, वहीं स्क्वाड विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर में सामरिक गतिविधियों को संबोधित करता है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र का महत्त्व
हिंद-प्रशांत क्षेत्र विश्व के सबसे अधिक रणनीतिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। चार महाद्वीपों — एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका — तक फैला यह क्षेत्र न केवल भू-राजनीतिक महत्त्व रखता है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापारिक मार्गों और सामरिक सुरक्षा का भी केंद्र है। इसकी विशेषता इस बात में है कि यह क्षेत्र विश्व की 60% आबादी का आवास है।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रमुख चालक है, यह वैश्विक आर्थिक उत्पादन का दो-तिहाई हिस्सा कवर करता है। यहीं से विश्व के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा होकर गुजरता है। कनेक्टिविटी परियोजनाएँ, जैसे चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और अमेरिका की फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक रणनीति, इस क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देती हैं।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता बनाए रखना वैश्विक शक्तियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। भारत, चीन, अमेरिका और रूस जैसे देशों की उपस्थिति सामरिक महत्त्व को और बढ़ाती है। क्वाड (Quad), आसियान (ASEAN) और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) जैसे संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
- भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट भूमिका निभा रहा है। इसकी कूटनीतिक नीति लोकतंत्र, स्वतंत्रता और नियम-आधारित व्यवस्था पर आधारित है। भारत एकीकृत आसियान का समर्थन करता है, जो चीन की ‘फूट डालो और राज करो’ नीति का विरोध करता है।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र न केवल आर्थिक और सामरिक महत्त्व रखता है, बल्कि इसकी पारिस्थितिकी भी वैश्विक जलवायु संतुलन को प्रभावित करती है। इस क्षेत्र की समुद्री जैव विविधता पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न हिस्सा है। बढ़ता समुद्र स्तर, प्लास्टिक प्रदूषण और अत्यधिक मत्स्यन क्षेत्रीय और वैश्विक पर्यावरण के लिए बड़ी चुनौती है।
स्क्वाड गठबंधन (Squad Alliance) की चुनौतियाँ
- क्षेत्रीय स्थिरता: स्क्वाड का मुख्य उद्देश्य चीन की आक्रामकता को संतुलित करना है, लेकिन चीन की आक्रामक प्रतिक्रिया से क्षेत्र में सैन्य टकराव की आशंका बढ़ जाती है। क्षेत्र में बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ दीर्घकालिक शांति स्थापित करने में बाधा बन सकती हैं।
- आस-पास के छोटे देश इस गठबंधन को बड़े देशों के बीच शक्ति संघर्ष के रूप में देख रहे हैं, जिससे उनकी तटस्थता प्रभावित हो सकती है।
- हितों में असमानता: गठबंधन की सफलता तभी संभव है जब सभी सदस्य देश एक समान हित साझा करें। स्क्वाड के सदस्य देशों के हितों में अंतर होने की संभावना है। यदि सदस्य देशों के रणनीतिक हित समय के साथ अलग-अलग दिशा में बढ़ते हैं, तो गठबंधन की एकता कमजोर हो सकती है।
- कई सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था चीन पर निर्भर है, जो उनकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को प्रभावित कर सकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय दबाव: दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र का रुख स्पष्ट नहीं है, जो स्क्वाड की वैधता को चुनौती देता है। कई देश किसी भी सैन्य गुट में शामिल होने के बजाय तटस्थ रहना चाहते हैं, जिससे स्क्वाड की स्वीकार्यता सीमित हो सकती है।
UPSC पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs) प्रश्न (2020): निम्नलिखित में से किस समूह के सभी चारों देश G20 के सदस्य हैं? (a) अर्जेंटीना, मैक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की (b) ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया और न्यूज़ीलैंड (c) ब्राज़ील, ईरान, सऊदी अरब और वियतनाम (d) इंडोनेशिया, जापान, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया उत्तर: (a) प्रश्न (2016): निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोनों (d) न तो 1 और न ही 2 उत्तर: (b) |
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