सामान्य अध्ययन पेपर-II: भारत के हित और भारतीय प्रवासी |
चर्चा में क्यों?
18वां प्रवासी भारतीय दिवस (PBD), 9 जनवरी 2025 को तीन दिवसीय आयोजन के तहत मनाया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों के देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया गया।
18वां प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन 2025: मुख्य बिंदु
- 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 जनवरी 2025 के बीच भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित किया गया।
- इसका औपचारिक उद्घाटन 9 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
- इस साल की मुख्य अतिथि त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति, क्रिस्टीन कार्ला कांगालू थीं।
- 8 जनवरी 2025 को आयोजित युवा प्रवासी भारतीय दिवस का सम्मान न्यूज़वीक के सीईओ, डॉ. देव प्रागद ने किया।
- इस सम्मेलन का थीम था- “विकसित भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान”, जिसमें भारतीय प्रवासियों की भारत के विकास में भूमिका को रेखांकित किया गया।
- इस दौरान पांच सत्रों का आयोजन हुआ, जिनमें भारतीय प्रवासियों के योगदान और उनके प्रभाव पर चर्चा की गई।
- 30 प्रमुख प्रवासी भारतीयों को उनके असाधारण योगदान के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया।
प्रवासी भारतीय दिवस का परिचय
प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) हर दो साल में 9 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन उन भारतीय प्रवासियों (NRI और PIO) के योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है, जिन्होंने भारत और दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
- यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है और इसे एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिन, प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार उन एनआरआई, पीआईओ और संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने भारत के विकास में उत्कृष्ट योगदान दिया हो, भारत के उद्देश्यों का समर्थन किया हो, और विदेशों में भारत की छवि को बेहतर बनाने में भूमिका निभाई हो।
- यह आयोजन भारतीय प्रवासियों को भारत सरकार और देशवासियों के साथ संवाद और जुड़ाव का मंच प्रदान करता है। यह दुनियाभर में बसे प्रवासी भारतीयों के बीच संबंध और एकता को बढ़ावा देता है।
- सम्मेलन के दौरान, प्रवासी भारतीय अपने अनुभव और विचार साझा करते हैं, जो भारत के विकास और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं।
प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का सुझाव भारत सरकार द्वारा भारतीय प्रवासी पर गठित उच्चस्तरीय समिति ने दिया था, जिसकी अध्यक्षता एल.एम. सिंघवी ने की थी। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर 8 जनवरी 2002 को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
- इसी के तहत तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 9 जनवरी 2002 को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की घोषणा की।
- यह दिन महात्मा गांधी की 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की स्मृति में चुना गया। गांधीजी की यह वापसी भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है।
- महात्मा गांधी को महानतम प्रवासी माना जाता है, क्योंकि उनकी वापसी ने भारत की दिशा और भविष्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- इसके बाद वर्ष 2003 में पहली बार आधिकारिक रूप से प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया।
- यह आयोजन शुरू में हर साल आयोजित किया जाता था। जिसे विदेश मंत्रालय तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा प्रायोजित किया जाता था।
- 2015 में इस आयोजन को हर दो साल में मनाने का निर्णय लिया गया।
- अब यह एक थीम-आधारित सम्मेलन के रूप में आयोजित किया जाता है, जिसमें प्रवासी भारतीयों से जुड़े मुद्दों और उनके भारत के विकास में योगदान पर चर्चा की जाती है।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का महत्व
- भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों का योगदान: प्रवासी भारतीय दिवस का मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रवासियों द्वारा भारत के विकास में दिए गए योगदान को पहचानना और सम्मानित करना है। इसमें उनके आर्थिक, तकनीकी, शैक्षिक और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में योगदान को शामिल किया जाता है।
- भारत और प्रवासी समुदाय के संबंध मजबूत करना: यह कार्यक्रम भारत और उसके प्रवासी समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। यह व्यापार, व्यवसाय और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिससे भारत और अन्य देशों के बीच सहयोग बेहतर होता है।
- भारत की वैश्विक पहचान को बढ़ावा: PBD के आयोजन से भारत की सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों और उपलब्धियों को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया जाता है। यह भारत की क्षमता और अंतरराष्ट्रीय छवि को सुधारने में मदद करता है।
- “विकसित भारत” के लिए सामूहिक प्रयास: हर वर्ष PBD का विषय भारत को “विकसित भारत” बनाने के लिए प्रवासी भारतीयों के साथ सहयोग पर आधारित होता है। सम्मेलन में यह चर्चा होती है कि भारतीय समुदाय इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्थिरता और तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों में सरकार के प्रयासों का कैसे समर्थन कर सकता है।
- युवा प्रवासी भारतीयों का जुड़ाव: प्रवासी भारतीय दिवस में युवाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिसमें युवा प्रवासी भारतीय दिवस जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य युवा प्रवासियों को भारत से जोड़ना और उन्हें उद्यमिता, तकनीक और सामाजिक नवाचार के माध्यम से देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करना है।
NRI और OCI के लिए भारत सरकार की पहल
भारत सरकार ने प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारतीय मूल के विदेशियों (OCI) को भारत से जोड़ने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। इनमें प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं:
- ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) योजना: इस योजना के तहत भारतीय मूल के लोग (PIO) बिना वीजा के भारत आ-जा सकते हैं। साथ ही, उन्हें आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक लाभ भी दिए जाते हैं।
- भारत को जानो कार्यक्रम (KIP): यह कार्यक्रम प्रवासी भारतीय युवाओं को उनके पूर्वजों की भूमि से जोड़ने और भारत के इतिहास, संस्कृति और विकास के बारे में जानकारी देने के लिए शुरू किया गया है।
- वज्र योजना (VAJRA): यह पहल प्रमुख एनआरआई विशेषज्ञों जैसे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और डॉक्टरों को भारत के सार्वजनिक संगठनों में अल्पकालिक सेवाएं देने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे अपने अनुभव का लाभ भारत को दे सकें।
- प्रवासी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम: यह योजना भारतीय प्रवासी बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- ई-माइग्रेट सिस्टम: यह प्रणाली विदेशी नियोक्ताओं का डेटा संभालती है और भारतीय प्रवासी कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, ताकि उनके शोषण को रोका जा सके।
- प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना: यह योजना प्रवासी भारतीयों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों के दर्शन को आसान बनाने के लिए शुरू की गई है।
- भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF): यह कोष विदेश में बसे भारतीय नागरिकों की आपातकालीन परिस्थितियों और अन्य जरूरतों में मदद के लिए बनाया गया है।
- प्रवासी कौशल विकास योजना (PKVY): यह योजना विदेशों में काम करने वाले भारतीय कामगारों के कौशल विकास पर केंद्रित है, जिससे वे वैश्विक बाजारों में सफल हो सकें।
यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)
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