संदर्भ:
प्रसिद्ध हिंदी कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल को प्रतिष्ठित 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2024 (59th Jnanpith Award 2024) प्रदान किया जाएगा। वह छत्तीसगढ़ से पहले साहित्यकार और हिंदी के 12वें लेखक हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला है।
- इससे पहले, 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 संस्कृत के लिए जगद्गुरु रामभद्राचार्यजी और उर्दू के लिए प्रसिद्ध कवि–गीतकार गुलज़ार को दिया गया था, जिनकी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।
विनोद कुमार शुक्ल और उनका साहित्य:
- जन्म एवं शिक्षा:
-
- 88 वर्षीय विनोद कुमार शुक्ल का जन्म रायगढ़, छत्तीसगढ़ में हुआ था।
- उन्होंने कृषि विज्ञान (Krishi Vigyan) में जबलपुर से स्नातकोत्तर (Post Graduation) किया।
- कविता संग्रह और उपन्यास:
- उनका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिंद’ 1971 में प्रकाशित हुआ।
- प्रमुख उपन्यास:
- ‘नौकर की कमीज’
- ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’
- ‘खिलेगा तो देखेंगे’
- सिनेमा में योगदान: उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ पर मशहूर फिल्म निर्माता मणि कौल ने 1999 में फिल्म बनाई।
- अनुवाद: उनकी रचनाएँ अंग्रेज़ी, इतालवी और जर्मन सहित कई भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं।
विनोद कुमार शुक्ल को प्राप्त प्रमुख पुरस्कार:
- 1999: साहित्य अकादमी पुरस्कार – उपन्यास “दीवार में एक खिड़की रहती थी“ के लिए।
- 2023: PEN/Nabokov Award – अंतरराष्ट्रीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए।
ज्ञानपीठ पुरस्कार (Jnanpith Award): भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान
- स्थापना और उद्देश्य:
- 1961 में स्थापित यह पुरस्कार भारतीय साहित्यकारों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
- यह भारतीय ज्ञानपीठ संस्था द्वारा प्रदान किया जाता है।
- पहला पुरस्कार: 1965 में मलयालम कवि जी. शंकर कुरुपको उनके कविता संग्रह “ओडक्कुज़ल“ के लिए मिला।
- प्राप्तकर्ता और पात्रता:
- केवल भारतीय नागरिकों को दिया जाता है।
- यह भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं की साहित्यिक कृतियों के लिए दिया जाता है।
- मरणोपरांत (Posthumously) यह पुरस्कार नहीं दिया जाता।
- एक बार किसी भाषा को यह पुरस्कार मिलने के बाद अगले दो वर्षों तक उस भाषा में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता।
- सम्मान और पुरस्कार राशि: पुरस्कार में ₹11 लाख, वाग्देवी (सरस्वती) की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
- महत्वपूर्ण विजेता:
- पहले विजेता: जी. शंकर कुरुप (ओडक्कुज़ल, मलयालम)
- पहली महिला विजेता: आशापूर्णा देवी (प्रथम प्रतिश्रुति, बंगाली)
- पहले अंग्रेज़ी लेखक: 2019 में अमिताव घोष
पिछले 15 वर्षों में ज्ञानपीठ पुरस्कार (Jnanpith Award) विजेता (2010-2023):
- 2010 – चन्द्रशेखर कंबारा (कन्नड़)
- 2011 – प्रतिभा रे (उड़िया)
- 2012 – रावुरी भारद्वाज (तेलुगु)
- 2013 – केदारनाथ सिंह (हिन्दी)
- 2014 – भालचंद्र नेमाडे (मराठी)
- 2015 – रघुवीर चौधरी (गुजराती)
- 2016 – शंख घोष (बंगाली)
- 2017 – कृष्णा सोबती (हिन्दी)
- 2018 – अमिताव घोष (अंग्रेजी)
- 2019 – अक्कितम अच्युतन नंबूथिरी (मलयालम)
- 2021 – नीलमणि फूकन (असमिया)
- 2022 – दामोदर मौजो (कोंकणी)
- 2023 – रामभद्राचार्य (संस्कृत)
- 2023 – गुलज़ार (उर्दू)