सामान्य अध्ययन पेपर – II: द्विपक्षीय समूह और समझौते, देशों की नीतियों और राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव, भारतीय प्रवासी |
चर्चा में क्यों?
डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद, उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश और निर्देश जारी किए, जो नीति की दिशा में एक निर्णायक बदलाव का संकेत देते हैं।
- यह शपथ ग्रहण समारोह कैपिटल रोटुंडा में हुआ।
- डोनाल्ड ट्रम्प (78 वर्ष) ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ली।
- जे.डी. वांस (40 वर्ष) ने अमेरिका के 50वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में जारी किए गए कार्यकारी आदेश:
- जन्मसिद्ध नागरिकता का अंत: ट्रम्प ने एक आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य 14वें संशोधन द्वारा सुनिश्चित जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना है। इस आदेश में 30 दिनों के भीतर यू.एस. में जन्मे व्यक्तियों को नागरिकता दस्तावेज़ जारी करने पर रोक लगाने की बात की गई है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर निकलना: अमेरिका ने WHO से 12 महीनों में बाहर निकलने और सभी वित्तीय योगदानों को रोकने का निर्णय लिया है, जिससे अमेरिका और वैश्विक स्वास्थ्य संस्था के रिश्तों में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।
- पैरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलना: ट्रम्प ने 2017 के अपने फैसले को दोहराते हुए पैरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से जाहिर किया। उनका फोकस राष्ट्रीय जलवायु नीतियों पर रहेगा, न कि वैश्विक जलवायु ढांचे पर।
- गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलना: ट्रम्प ने गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर गल्फ ऑफ अमेरिका रखने का आदेश जारी किया।
- पनामा नहर पर नियंत्रण: ट्रम्प ने प्रस्ताव रखा कि पनामा नहर को फिर से अमेरिकी नियंत्रण में लाया जाएगा। इसके लिए आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया हैं।
- राष्ट्रीय सीमा आपातकाल की घोषणा: ट्रम्प ने आप्रवासन नीतियों को मजबूत करने के लिए अमेरिकी दक्षिणी सीमा पर सैनिकों को तैनात करने के रास्ते को तैयार करने हेतु राष्ट्रीय सीमा आपातकाल की घोषणा की।
- इलेक्ट्रिक वाहन लक्ष्यों को रद्द करना: ट्रम्प ने बाइडन के आदेश को निरस्त किया, जिसमें यह सुनिश्चित करने की बात की गई थी कि 2030 तक सभी नए बेचे गए वाहनों में 50% इलेक्ट्रिक हों। उन्होंने ऑटो प्रदूषण मानकों को सामान्य करने के इरादे पर जोर दिया।
- राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा: ट्रम्प ने जीवाश्म ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा की, जिससे अलास्का में ड्रिलिंग परमिट की मंजूरी में तेजी आएगी और गैस निर्यात पर लगी पाबंदियाँ हटा दी जाएंगी।
- जनवरी 6 के दोषियों की माफी: ट्रम्प ने 6 जनवरी को हुए कैपिटल हमले में शामिल व्यक्तियों को माफी देने का आदेश दिया और न्याय विभाग को संबंधित कानूनी मामलों को खारिज करने का निर्देश दिया।
- संघीय नीतियों में लिंग विचारधारा पर प्रतिबंध: ट्रम्प ने संघीय नीतियों में लिंग विचारधारा को समाप्त करने का आदेश दिया। उन्होंने पुष्टि की कि सरकारी दस्तावेजों में केवल दो लिंग—पुरुष और महिला—को आधिकारिक रूप से पहचाना जाएगा।
- वाणिज्य और बाहरी राजस्व सेवा सुधार: ट्रम्प ने व्यापार प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की और विदेशी स्रोतों से राजस्व संग्रहण के लिए एक बाहरी राजस्व सेवा स्थापित करने की योजना बनाई। उन्होंने वैश्विक आयातों पर 10%, चीनी उत्पादों पर 60%, और कनाडा और मेक्सिको से आने वाली वस्तुओं पर 25% शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया।
- कठोर आप्रवासन नीतियाँ: ट्रम्प ने यू.एस.-मैक्सिको सीमा पर अवैध आप्रवासन को रोकने और अप्रवासियों को उनके गृह देशों में भेजने की योजना को लागू करने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। उन्होंने “मैक्सिको में रुको” नीति को फिर से लागू करने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने का भी वादा किया।
पैरिस समझौता:
पनामा नहर
मेक्सिको की खाड़ी (Gulf of Mexico)
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कार्यकारी आदेश क्या हैं?
- कार्यकारी आदेश वह आदेश होते हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति को संघीय सरकार की कार्रवाइयों का प्रबंधन करने, मंत्रालयों को निर्देशित करने या विशिष्ट राष्ट्रीय मुद्दों को बिना कांग्रेस से अनुमोदन की आवश्यकता के संबोधित करने की अनुमति देते हैं।
- इन आदेशों को संविधान के अनुच्छेद II से अधिकार प्राप्त होता है, जो राष्ट्रपति को विभिन्न सरकारी कार्यों पर कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करने का अधिकार देता है।
- एक अमेरिकी राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान कितने भी कार्यकारी आदेश जारी कर सकते है, क्योंकि इनकी संख्या निर्धारित नहीं की गई है।
- आदेश जारी होने से पहले, इनकी समीक्षा कानूनी परामर्श कार्यालय द्वारा की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अमेरिकी कानूनों का पालन करते हैं।
- 2017 में, राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने तेल पाइपलाइन परियोजनाओं पर निर्णय लिया और सरकार के विभागों को तेजी से बंद करने का आदेश दिया।
ट्रंप के कार्यकारी आदेशों का वैश्विक प्रभाव
- आव्रजन और सीमा नियंत्रण: ट्रंप के कार्यकारी आदेशों का आव्रजन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, जैसे कि “मैक्सिको में रहो” नीति, जिसका वैश्विक परिणाम भविष्य में देखा जा सकता है।
- व्यापार नीति और शुल्क: ट्रंप के द्वारा चीन के सामान पर शुल्क (चीन उत्पादों पर 60%) और अन्य व्यापार साझेदारों जैसे कनाडा और मेक्सिको के खिलाफ निर्णय ने वैश्विक व्यापार गतिरोधों को फिर से आकार दिया है। उनका “अमेरिका प्रथम” दृष्टिकोण व्यापार युद्ध का कारण बन सकता है।
- पर्यावरणीय नीतियाँ: ट्रंप द्वारा पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने के निर्णय ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन से लड़ने के प्रयासों को कमजोर किया। अमेरिका, जो ग्रीनहाउस गैसों का दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है, के बाहर होने से वैश्विक जलवायु परिवर्तन नीतियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता हैं। इससे ग्रीन क्लाइमेट फंड भी कमजोर होगा।
- मध्य पूर्व कूटनीति: ट्रंप के कार्यकारी आदेश उनके पूर्व फैसलों जैसे यरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता और सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी मध्य पूर्व के भू-राजनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है। इन निर्णयों से फिलिस्तीनी नेतृत्व के साथ तनाव उत्पन्न होना और क्षेत्रीय गठबंधन में परिवर्तन आना संभव है।
- व्यापार समझौते की पुन: वार्ता: ट्रंप ने प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों को फिर से बातचीत की, जैसे कि USMCA (संयुक्त राज्य-मेक्सिको-कनाडा समझौता), जो NAFTA का स्थान लेगा। इससे उत्तर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। उनके इस फैसले ने वैश्विक व्यापार नीतियों को प्रभावित किया है।
ट्रंप के कार्यकारी आदेशों का भारत पर प्रभाव
- व्यापार संबंध और शुल्क: ट्रंप की “अमेरिका प्रथम” व्यापार नीति के तहत, भारत को अमेरिकी बाजार में निर्यात किए जाने वाले सामान पर उच्च शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। इससे भारत का व्यापार अधिशेष (118.8 बिलियन डॉलर) प्रभावित हो सकता है, और भारत को बदले में प्रौद्योगिकी और कृषि जैसे क्षेत्रों में कड़ी प्रतिशोधी कदमों का सामना करना पड़ सकता है।
- H-1B वीजा धारकों पर प्रभाव: ट्रंप के द्वारा H-1B वीजा नियमों में सख्ती से भारतीय आईटी पेशेवरों पर असर पड़ेगा। न्यूनतम वेतन सीमा में वृद्धि से भारतीय कामकाजी पेशेवरों की संख्या घट सकती है, जो इस वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और आर्थिक प्रभाव: ट्रंप की नीतियों के कारण अमेरिकी डॉलर की कीमत में वृद्धि हो सकती है, जिससे अमेरिका में निवेश करना भारत के लिए महंगा हो सकता है। इससे भारतीय व्यवसायों को अमेरिका में निवेश करने में कम रुचि हो सकती है, जिससे भारत का FDI (जो 2022 में 3.7 बिलियन डॉलर था) घट सकता है।
- BRICS और वैश्विक व्यापार संबंध: ट्रंप का BRICS देशों के प्रति रुख कड़ी नीतियों की ओर मोड़ सकता है, जिसमें रूस और चीन जैसे देशों पर शुल्क लगाया जा सकता है। चूंकि भारत BRICS का सदस्य है, इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव भारत के व्यापार संबंधों और वैश्विक आर्थिक मंचों में उसकी स्थिति पर पड़ सकता है।
यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ) प्रश्न (2019): ‘भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों में जो रुकावट है, वह यह है कि वॉशिंगटन अभी भी भारत के लिए अपनी वैश्विक रणनीति में एक ऐसा स्थान ढूंढने में असमर्थ है, जो भारत की राष्ट्रीय आत्म-सम्मान और महत्वाकांक्षाओं को संतुष्ट कर सके।’ उपयुक्त उदाहरणों के साथ समझाएं। प्रश्न (2023): निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
उत्तर: विकल्प 3; कथन-I सही है, लेकिन कथन-II गलत है। |
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