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भारत-मॉरीशस संबंध

सामान्य अध्ययन पेपर III: भारत और इसके पड़ोसी, द्विपक्षीय समूह और समझौते

चर्चा में क्यों? 

भारत-मॉरीशस संबंध: हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री की मॉरीशस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने संयुक्त रूप से वर्धित रणनीतिक साझेदारी का व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। इस यात्रा के दौरान व्यापार, समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग सहित आठ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री को मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से सम्मानित किया गया।

मॉरीशस यात्रा 2025 के प्रमुख बिंदु

  • रक्षा और समुद्री सुरक्षा सहयोग
    • मॉरीशस की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और उसकी विशाल विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा के लिए भारत ने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। 
    • दोनों देशों ने संयुक्त समुद्री निगरानी, हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और रक्षा उपकरणों के प्रावधान पर सहमति जताई।  
    • मॉरिशस के अगालेगा द्वीप पर नई हवाईपट्टी और जेटी का निर्माण, भारत की मदद से पूरा हुआ। इसे आगे जारी रखने पर सहमति जताई गई।
    • दोनों देशों ने दोहरे कराधान अपवंचन निवारण समझौते (DTAA) में संशोधन को अंतिम रूप देने का संकल्प लिया, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय कराधान मानकों के अनुरूप हो सके। 
    • भारत ने ग्लोबल साउथ के सहयोग और सशक्तिकरण के लिए एक व्यापक रणनीति अपनाई है, जिसे “महासागर” (MAHASAGAR) विज़न के रूप में जाना जाता है। यह पहल हिंद महासागर क्षेत्र और अन्य समुद्री देशों के साथ मजबूत संबंध स्थापित करने पर केंद्रित है।
  • बुनियादी ढांचा परियोजनाएं
    • भारत ने मॉरीशस के बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारत की सहायता से कई बड़े परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी की गईं, जिनमें मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजेक्ट, नया ENT अस्पताल, 956 सामाजिक आवासीय इकाइयां शामिल है। 
    • भारत ने 100 इलेक्ट्रिक बसों और चार्जिंग ढांचे की आपूर्ति, 100 किमी जल पाइपलाइन का प्रतिस्थापन, और नए संसद भवन के निर्माण जैसी योजनाओं को भी हरी झंडी दी। 
    • गंगा तालाब आध्यात्मिक स्थल के पुनर्विकास के लिए भारत वित्तीय अनुदान प्रदान करेगा।
    • मॉरीशस के राष्ट्रपति ने अटल बिहारी वाजपेयी लोक सेवा एवं नवाचार संस्थान, एक स्वास्थ्य केंद्र और 20 भारतीय वित्त पोषित सामुदायिक परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
  • अंतरिक्ष और जलवायु परिवर्तन सहयोग:
    • अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाते हुए, भारत और मॉरीशस मिलकर एक उपग्रह विकसित करेंगे, जिससे मॉरीशस को मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन और समुद्री सुरक्षा में मदद मिलेगी। इसके तहतभारत मॉरीशस के वैज्ञानिकों को इसरो में प्रशिक्षण देगा।
    • इसके अलावा, QUAD फ्रेमवर्क के तहत भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की निगरानी के लिए मॉरीशस को एक अत्याधुनिक पृथ्वी अवलोकन प्रणाली उपलब्ध कराएगा।
  • स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग:
    • भारत ने मॉरीशस में जन औषधि केंद्रों की शुरुआत की, जिससे सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं लोगों तक पहुंचेंगी। 
    • भारत मॉरिशस में डिजिटल हेल्थ ऑफिस सिस्टम स्थापित करने में सहायता देगा, जिससे मॉरीशस की स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलीकरण किया जाएगा।
    • भारत और मॉरीशस विज्ञान और प्रौद्योगिकी रणनीति को लागू करने और राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय की स्थापना में सहयोग करेंगे।
  • अर्थव्यवस्था और व्यापार सहयोग:
    • व्यापार को स्थानीय मुद्राओं (भारतीय रुपया और मॉरीशस रुपया) में करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा।
    • नवीन क्षेत्रों जैसे महासागर अर्थव्यवस्था, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी और फिनटेक में निवेश बढ़ाने पर सहमति बनी।
    • भारत और मॉरीशस ने CECPA Agreement (Comprehensive Economic Cooperation and Partnership Agreement) के तहत द्विपक्षीय व्यापार को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

मॉरीशस के बारे में 

  • मॉरीशस हिंद महासागर में स्थित एक द्वीपीय राष्ट्र हैं, जो पूर्वी अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट से लगभग 2,000 किलोमीटर दूर है।

मॉरीशस

  • इसे “दीना अरोबी” के नाम से भी जाना जाता है।
  • राजधानी: पोर्ट लुई, जो देश का सबसे बड़ा शहर भी है।
  • क्षेत्रफल: 2,040 वर्ग किलोमीटर, जिसमें मुख्य द्वीप मॉरीशस, रोड्रिग्स, अगालेगा और सेंट ब्रैंडन शामिल हैं।
  • भाषाएँ: यहां अंग्रेज़ी और फ्रेंच भाषा बोली जाती हैं, जबकि मॉरीशियन क्रियोल प्रमुख बोली है।
  • जनसंख्या: लगभग 12.68 लाख (2019), जिनमें भारतीय, क्रियोल, चीनी और फ्रांसीसी मूल के लोग शामिल हैं।
  • शासन प्रणाली: एकात्मक संसदीय गणराज्य, जहाँ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय विधानसभा शासन संचालन करते हैं।
  • स्वतंत्रता: 12 मार्च 1968 को ब्रिटेन से मिली, और 12 मार्च 1992 को गणराज्य बना।
  • GDP: 16.51 अरब डॉलर (2025)
  • मुद्रा: मॉरीशियन रुपया (MUR) 

भारत-मॉरीशस संबंध: ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदारी

  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सांस्कृतिक संबंध:
    • ब्रिटिश शासन के तहत 1834 से 1900 के बीच लगभग 5 लाख भारतीय अनुबंधित श्रमिक मॉरीशस पहुँचे, जिनमें से दो-तिहाई वहीं बस गए। इससे पहले, 18वीं शताब्दी में फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों ने पुडुचेरी से कारीगरों और राजमिस्त्रियों को मॉरीशस लाया था।
    • 1948 में भारत और मॉरीशस के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए, जो 1968 में मॉरीशस की स्वतंत्रता से भी पहले की बात है।
    • 1901 में महात्मा गांधी ने मॉरीशस की यात्रा की और भारतीय समुदाय के शिक्षा एवं राजनीतिक सशक्तीकरण की वकालत की। गांधी जी की विरासत को सम्मान देने के लिए 12 मार्च, जो भारत के दांडी मार्च का भी दिन है, मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया।
    • आज मॉरीशस की करीब 70% आबादी भारतीय मूल की है। भारतीय संस्कृति, भाषा और परंपराओं के संरक्षण के लिए महात्मा गांधी संस्थान (MGI), विश्व हिंदी सचिवालय और इंदिरा गांधी भारतीय संस्कृति केंद्र (IGCIC) जैसे संस्थान कार्यरत हैं।
  • आर्थिक और व्यापारिक सहयोग
    • भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 851.13 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
    • 2021 में CECPA (व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौता) पर हस्ताक्षर हुए, जो भारत का किसी अफ्रीकी देश के साथ पहला समझौता था।
    • 2023-24 में मॉरीशस भारत का दूसरा सबसे बड़ा FDI स्रोत था, जिससे 7.97 बिलियन डॉलर का निवेश आया। भारत में 2000 से अब तक मॉरीशस से कुल 175 बिलियन डॉलर का FDI प्रवाहित हुआ, जो भारत के कुल एफडीआई का 25% है। हालाँकि, 2016 में दोहरे कराधान अपवंचन समझौते (DTAA) में संशोधन के बाद इसमें गिरावट आई।
  • रक्षा और समुद्री सहयोग:
    • मॉरीशस को भारत “पश्चिमी हिंद महासागर का प्रहरी” मानता है और दोनों देशों के बीच सफेद-शिपिंग सूचना साझा करने का समझौता (2025) हुआ है, जिससे व्यापार मार्गों की सुरक्षा बढ़ेगी।
    • अगालेगा द्वीप परियोजना (2024) भारत द्वारा वित्तपोषित हवाई पट्टी और जेटी निर्माण मॉरीशस की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करेगा। 
  • अन्य क्षेत्रों में सहयोग:
    • 1986 में मॉरीशस में इसरो (ISRO) का टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और टेलीकमांड स्टेशन स्थापित किया गया और 2023 में इसरो और मॉरीशस अनुसंधान परिषद (MRIC) के बीच संयुक्त उपग्रह परियोजना पर समझौता हुआ।
    • मॉरीशस भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम का प्रमुख लाभार्थी है। 2007 से अब तक 4,868 से अधिक मॉरीशियन पेशेवरों को भारत में प्रशिक्षण दिया गया।
    • मॉरीशस ने 2004 से भारतीयों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा नीति लागू कर रखी है, जिससे पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिला है।
    • मॉरीशस में 17,403 भारतीय नागरिक और 11,600 OCI कार्डधारक हैं। भारतीय मूल के मॉरीशस नागरिकों को सातवीं पीढ़ी तक OCI सुविधा दी गई है।

भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संबंधों का महत्व

  • भू-राजनीतिक और समुद्री रणनीति: मॉरीशस, हिंद महासागर में अपनी विशिष्ट स्थिति के कारण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। यह भारत की सागर (SAGAR: Security and Growth for All in the Region) नीति के तहत समुद्री सुरक्षा और व्यापार मार्गों की स्थिरता बनाए रखने में सहायक है। 2.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के साथ, यह क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने और बाहरी प्रभावों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • अफ्रीका में भारत की पहुँच: मॉरीशस, अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार समझौते (AfCFTA) का हिस्सा होने के कारण, अफ्रीका में भारत के व्यापार और निवेश के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। भारत, मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है और मॉरीशस से भारत में आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सिंगापुर के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
  • भारत की विकास सहायता: भारत, मॉरीशस के सबसे बड़े विकास साझेदारों में से एक है। 1968 में स्वतंत्रता के बाद से भारत ने मॉरीशस को 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है। भारत ने मॉरीशस में मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना, सर्वोच्च न्यायालय भवन, अस्पताल निर्माण, और सामाजिक आवास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता दी है। ये सभी परियोजनाएँ स्थानीय बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • प्रशासनिक प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: मॉरीशस भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम के तहत वर्ष 2002 से अब तक 4,940 से अधिक मॉरीशियन पेशेवरों को प्रशिक्षित कर चुका है। भारत, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) के माध्यम से मॉरीशस के सिविल सेवकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है, जिससे प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा मिल रहा है।
  • क्षेत्रीय सहयोग: मॉरीशस, कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (CSC) में भारत, श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश के साथ शामिल है। यह समुद्री सुरक्षा और हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच है। इसके अतिरिक्त, मॉरीशस भारत के सूचना संलयन केंद्र (IFC-IOR) में भी शामिल है, जिससे समुद्री व्यापार मार्गों की निगरानी को मजबूती मिलती है।

UPSC पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs)

प्रश्न (2015): ‘क्षेत्रीय सहयोग के लिये इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (IOR_ARC)’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: 

  1. इसकी स्थापना हाल ही में घटित समुद्री डकैती की घटनाओं और तेल अधिप्लाव (आयल स्पिल्स) की दुर्घटनाओं के प्रतिक्रियास्वरूप की गई है।   
  2. यह एक ऐसी मैत्री है जो केवल समुद्री सुरक्षा हेतु है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

प्रश्न  (2010): भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन और फ्राँस जैसी कई प्रमुख और परिपक्व अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मॉरीशस से आता है। कारण स्पष्ट कीजिये।

(a) FDI प्राप्त करने के संबंध में कुछ देशों के लिये भारत की प्राथमिकता है

(b) भारत का मॉरीशस के साथ दोहरा कराधान अपवंचन समझौता है

(c) मॉरीशस के अधिकांश नागरिकों की भारत के साथ जातीय पहचान है और इसलिये वे भारत में निवेश करने में सुरक्षित महसूस करते हैं

(d) वैश्विक जलवायु परिवर्तन के आसन्न खतरों के कारण मॉरीशस को भारत में भारी निवेश करने के लिये प्रेरित करते है। 

उत्तर: (b)  

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