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खेलो इंडिया शीतकालीन खेल 2025

सामान्य अध्ययन पेपर II: सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, खेल और संबंधित विषय

चर्चा में क्यों? 

केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने लेह के एनडीएस स्टेडियम में खेलो इंडिया शीतकालीन खेल 2025 का उद्घाटन किया। यह आयोजन भारत में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

खेलो इंडिया शीतकालीन खेल 2025: मुख्य बिंदु

  • इस वर्ष खेलो इंडिया शीतकालीन खेल 2025 का पाँचवां संस्करण लेह और गुलमर्ग में दो चरणों में आयोजित हो रहा है।
  • प्रारंभिक चरण: यह आयोजन 23 से 27 जनवरी 2025 तक लेह, लद्दाख में हुआ। इस चरण में आइस स्पोर्ट्स, जैसे आइस हॉकी और आइस स्केटिंग पर फोकस किया गया। यह चरण एनडीएस स्टेडियम, गुपुक तालाब, और एलएसआरसी आर्मी रिंक में आयोजित किया गया।
  • दूसरा चरण: यह दूसरा चरण 22 से 25 फरवरी 2025 तक गुलमर्ग, जम्मू और कश्मीर में होगा। इस चरण में स्नो स्पोर्ट्स, जैसे स्की माउंटेनियरिंग, अल्पाइन स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग, और नॉर्डिक स्कीइंग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह चरण कंगडोरी फेज 1 और गोल्फ कोर्स क्लब में आयोजित होगा।
  • प्रतिभागी: इस खेल प्रतियोगिता में 1200 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इसमें 700+ एथलीट, 141 सहायक कर्मचारी, और 113 तकनीकी अधिकारी शामिल होंगे। विभिन्न आयोजनों में 136 पदक वितरित किए जाएंगे । इसमें कुल मिलाकर, 19 टीमें भाग ले रही हैं।
  • महत्वपूर्ण सहयोग: यह पहली बार है जब युवा मामले और खेल मंत्रालय, खेल प्राधिकरण (SAI), राष्ट्रीय खेल महासंघ, और भारतीय ओलंपिक संघ के सहयोग से खेलों की तकनीकी संचालन की जिम्मेदारी संभाली जा रही है।

खेलो इंडिया विंटर गेम्स: सम्पूर्ण जानकारी 

खेलो इंडिया विंटर गेम्स (KIWG) भारत की प्रमुख बहु-खेल शीतकालीन प्रतियोगिता है, जिसका उद्देश्य युवा प्रतिभाओं की खोज करना है। इसी के साथ शीतकालीन खेलों में जनभागीदारी को बढ़ावा देना और जमीनी स्तर पर उत्कृष्टता को पहचानना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।

  • परिचय:
    • खेलो इंडिया विंटर गेम्स की शुरुआत 2020 में हुई थी, भारत में अन्य खेल इंडिया कार्यक्रमों की सफलता को देखते हुए इस आयोजन की योजना बनाई गई थी।
    • यह खेल दो मुख्य प्रारूपों में आयोजित होते हैं: आइस स्पोर्ट्स (जैसे आइस हॉकी, आइस स्केटिंग) और स्नो स्पोर्ट्स (जैसे स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग आदि)।
    • खेलो इंडिया विंटर गेम्स दो प्रमुख स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं: लेह, लद्दाख और गुलमर्ग, जम्मू और कश्मीर।
    • यह कार्यक्रम खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत आयोजित किया जाता है।
  • आयोजनकर्ता: युवा मामले और खेल मंत्रालय और खेल प्राधिकरण भारत (SAI)।
  • विशेष खेल: खेलो इंडिया विंटर गेम्स में विभिन्न शीतकालीन खेलों की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं, जिनमें शामिल हैं: आइस हॉकी, फिगर स्केटिंग, स्पीड स्केटिंग, अल्पाइन स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग, स्नो रग्बी, नॉर्डिक स्कीइंग, स्नो माउंटेन क्लाइम्बिंग, स्नोशू रनिंग, आइस स्टॉक स्पोर्ट और स्नो बेसबॉल।
  • खेलो इंडिया विंटर गेम्स के संस्करण:
    • 2020 संस्करण: पहला संस्करण 2020 में आयोजित किया गया था। यह आयोजन 25 फरवरी से 11 मार्च 2020 तक हुआ था, जिसमें 955 प्रतिभागी 17 खेलों में प्रतिस्पर्धा करते हुए शामिल हुए। यह खेल गुलमर्ग और लेह में संयुक्त रूप से आयोजित किए गए थे।
    • 2021 संस्करण: दूसरा संस्करण 2021 में हुआ, जो गुलमर्ग में 26 फरवरी से 2 मार्च तक आयोजित किया गया था। इस संस्करण में 1375 एथलीट शामिल हुए थे।
    • 2022-2023 संस्करण: तीसरे संस्करण को कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था, और यह 10 से 14 फरवरी 2023 तक गुलमर्ग में आयोजित किया गया। इस प्रतियोगिता में 1500+ एथलीट शामिल हुए थे।
    • 2024 संस्करण: खेलो इंडिया विंटर गेम्स का चौथा संस्करण 2024 में लेह और गुलमर्ग में आयोजित किया गया। इस संस्करण में 500 से अधिक एथलीट शामिल हुए थे। यह आयोजन 2 से 6 फरवरी तक लेह में और 21 से 25 फरवरी तक गुलमर्ग में हुआ।

खेलो इंडिया कार्यक्रम का परिचय और इतिहास

खेलो इंडिया कार्यक्रम भारत में खेल संस्कृति को नया रूप देने और जमीनी स्तर पर खेलों के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य देशभर में खेलों और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देना है, ताकि भारत को एक प्रमुख खेल राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जा सके।

  • खेलो इंडिया कार्यक्रम की उत्पत्ति:
    • भारत सरकार ने 2017 में इस कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा था, ताकि भारत में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित किया जा सके और जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा दिया जा सके।
    • यह कार्यक्रम 2018 में दिल्ली में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर, जो उस समय युवा मामले और खेल मंत्री थे, द्वारा आधिकारिक रूप से शुरू किया गया था। इसके साथ ही एक राष्ट्रीय खेल कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य बच्चों और युवाओं को खेल और शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल करना था।
  • विस्तार:
    • खेलो इंडिया योजना ने गुजराती “खेल महाकुंभ” मॉडल को अपनाया, जिसमें पूरे देश के स्कूलों और विश्वविद्यालयों से भागीदारी शामिल होती है। इस मॉडल के तहत 27 राज्यों को शामिल किया गया और एक राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता की शुरुआत की गई।
    • खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, जो इस कार्यक्रम का प्रमुख आयोजन है, 2018 में नई दिल्ली में शुरू किए गए थे। यह आयोजन देश के युवाओं को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और अपनी खेल प्रतिभा को विकसित कर सकते हैं।
    • इसके बाद, विभिन्न कार्यक्रमों को जोड़ा गया, जैसे राजीव गांधी खेल अभियान, शहरी खेल अवसंरचना योजना और राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना, ताकि एथलीटों के विकास में मदद मिल सके।
  • महत्वपूर्ण आयोजन:
    • 2019 में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने खेलो इंडिया पहल के साथ साझेदारी की, जिसके बाद खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का नाम बदलकर खेलो इंडिया यूथ गेम्स कर दिया गया।
    • इसके बाद खेलो इंडिया विंटर गेम्स की शुरुआत की गई, जिसका पहला संस्करण 2020 में लेह और गुलमर्ग में आयोजित हुआ था। यह कार्यक्रम शीतकालीन खेलों जैसे आइस हॉकी और स्कीइंग को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया।
    • इसके बाद, खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल की शुरुआत की गई और इसका पहला संस्करण 2020 में ओडिशा के KIIT में आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों को खेलों में शामिल करना था, जिससे कार्यक्रम का दायरा और भी विस्तृत हुआ।

खेलो इंडिया कार्यक्रम के प्रमुख घटक

खेलो इंडिया कार्यक्रम भारत के खेल क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए 12 महत्वपूर्ण घटकों को शामिल करता है। यह कार्यक्रम देश के खेल परिदृश्य को पूरी तरह बदलने का लक्ष्य रखता है।

  • खेल अवसंरचना का विकास: पूरे देश में खेल सुविधाओं का निर्माण और उन्नयन करना।
  • वार्षिक प्रतियोगिताएं: बड़े पैमाने पर भागीदारी और प्रतिभा पहचान के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन।
  • खेल अकादमियों को समर्थन: राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य स्तर की खेल अकादमियों को सशक्त बनाना।
  • विकलांग व्यक्तियों के लिए खेल: दिव्यांग व्यक्तियों को खेलों में भाग लेने के अवसर प्रदान करना।
  • सामुदायिक कोचिंग का विकास: स्थानीय प्रतिभाओं का पोषण करने के लिए कोचिंग कार्यक्रमों का विस्तार।
  • प्रतिभा खोज और विकास: जमीनी स्तर से युवा खिलाड़ियों को पहचानकर उन्हें प्रशिक्षित और प्रोत्साहित करना।
  • स्कूली बच्चों के लिए फिटनेस: स्कूल जाने वाले बच्चों में शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देना।
  • शांति और विकास के लिए खेल: खेल को सामाजिक बदलाव और शांति के साधन के रूप में उपयोग करना।
  • राज्य स्तर के खेलो इंडिया केंद्र: स्थानीय भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना।
  • महिलाओं के लिए खेल: महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और खेलों में उनकी भूमिका सुनिश्चित करना।
  • ग्रामीण और पारंपरिक खेलों का संरक्षण: ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना।

खेलो इंडिया कार्यक्रम इन घटकों के माध्यम से जमीनी स्तर से खेल संस्कृति का विकास करता है और इसे राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का प्रयास करता है।

खेलो इंडिया कार्यक्रम के उद्देश्य

खेलो इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की खेल संस्कृति को बदलना और युवा खिलाड़ियों को उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करना है। 

  • खेलों में उत्कृष्टता को बढ़ावा: कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य “सभी के लिए खेल” और “खेलों में उत्कृष्टता” को बढ़ावा देना है। यह युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है, ताकि देश के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण खेल सुविधाओं तक पहुंच मिल सके। संरचित प्रतियोगिताओं के माध्यम से यह जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करता है।
  • प्रतिभा की पहचान और पोषण: खेलो इंडिया कार्यक्रम का एक प्रमुख पहलू है जमीनी स्तर, टाउनशिप और राज्य स्तर पर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करना। चयनित खिलाड़ियों को 8 वर्षों तक प्रतिवर्ष ₹5 लाख की वित्तीय सहायता दी जाती है, ताकि वे अपनी खेल महत्वाकांक्षाओं को आर्थिक दबाव के बिना पूरा कर सकें और दीर्घकालिक विकास प्राप्त कर सकें।
  • खेल अवसंरचना का निर्माण: कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है हर स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली खेल सुविधाओं का विकास। साथ ही, यह पूरे देश में कोचिंग सिस्टम को मजबूत करने पर जोर देता है, ताकि एथलीटों को कुशल कोचों से उचित मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्राप्त हो सके।
  • खेल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण: खेलो इंडिया कार्यक्रम का लक्ष्य एक ऐसा स्थाई खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जो न केवल एथलीटों का समर्थन करे, बल्कि जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को भी बढ़ावा दे। यह मौजूदा खेल अकादमियों को बेहतर बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और खिलाड़ियों के लिए नई संभावनाएं पैदा करता है।

भारत के खेल विकास पर खेलो इंडिया कार्यक्रम का प्रभाव

खेलो इंडिया कार्यक्रम भारत की खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने और युवा खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत नींव तैयार करने वाला एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ है। इसने विभिन्न खेल विधाओं और सामाजिक वर्गों के एथलीटों के लिए अवसरों को सुलभ बनाया है।

  • युवा एथलीटों को सशक्त बनाना: हर साल यह कार्यक्रम विभिन्न खेलों से जुड़े 1,000 प्रतिभाशाली युवा एथलीटों की पहचान कर उन्हें समर्थन देता है। इन एथलीटों को 8 वर्षों तक ₹5 लाख की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह दीर्घकालिक सहायता न केवल उनकी प्रगति सुनिश्चित करती है, बल्कि वंचित युवाओं को खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने का अवसर देती है।
  • खेल अवसंरचना का विकास: कार्यक्रम के तहत देशभर में स्टेडियम, खेल मैदान और प्रशिक्षण सुविधाओं का निर्माण किया गया है। 20 विश्वविद्यालयों को “उत्कृष्टता केंद्र” के रूप में मान्यता दी गई है, जिससे युवा खिलाड़ी शिक्षा और प्रतिस्पर्धात्मक खेलों को साथ लेकर आगे बढ़ सकें। विश्व स्तरीय सुविधाएं सुनिश्चित कर यह पहल हर स्तर पर एथलीटों को लाभ पहुंचाती है।
  • समावेशिता और विविधता को बढ़ावा: खेलो इंडिया कार्यक्रम ने महिला एथलीटों को समान अवसर और मंच प्रदान करने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए हैं। साथ ही, यह दिव्यांग एथलीटों (PwDs) के लिए उन्नत प्रशिक्षण सुविधाएं और वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे भारतीय खेलों में समावेशी वातावरण का निर्माण हो सके।
  • देशव्यापी भागीदारी को प्रोत्साहन: खेलो इंडिया यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स और विंटर गेम्स जैसे आयोजनों के माध्यम से 17-18 वर्ष के युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का मंच मिलता है। इन प्रतियोगिताओं ने न केवल असाधारण प्रतिभाओं को सामने लाया है, बल्कि देश में खेल पारिस्थितिकी तंत्र को भी सुदृढ़ किया है।

खेलो इंडिया कार्यक्रम ने न केवल खेल प्रतिभाओं को पहचानने का कार्य किया है, बल्कि भारतीय खेल संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का आधार भी तैयार किया है। 

यूपीएससी पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs)

प्रश्न (2023): खेल पुरस्कारों से संबंधित निम्नलिखित युग्मों पर विचार करें:

  1. मेजर ध्यानचंद पुरस्कार: पिछले चार वर्षों में किसी खिलाड़ी द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन और सबसे शानदार खेल रत्न पुरस्कार के लिए।
  2. अर्जुन पुरस्कार: खेलों में आजीवन उपलब्धियों के लिए।
  3. द्रोणाचार्य पुरस्कार: उन प्रतिष्ठित कोचों को सम्मानित करने के लिए जिन्होंने सफलतापूर्वक खिलाड़ियों या टीमों को प्रशिक्षित किया है।
  4. राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार: खिलाड़ियों द्वारा उनके सेवानिवृत्ति के बाद किए गए योगदान को मान्यता देने के लिए।

इनमें से कितने युग्म सही रूप में मेल खाते हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (d)

प्रश्न (2023): 44वें चेस ओलंपियाड, 2022 से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. यह पहली बार था जब चेस ओलंपियाड भारत में आयोजित हुआ।
  2. आधिकारिक शुभंकर (Mascot) का नाम ‘थंबी’ रखा गया।
  3. ओपन सेक्शन में विजेता टीम को दिया जाने वाला ट्रॉफी का नाम वेरा मेंचिक कप है।
  4. महिला वर्ग में विजेता टीम को दिया जाने वाला ट्रॉफी का नाम हैमिल्टन-रसेल कप है।

इनमें से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (c)

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