सामान्य अध्ययन पेपर II: भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
अमेरिका में एक नया ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई जा रही है, जिसके तहत अमीर विदेशी निवेशकों को तत्काल नागरिकता मिल सकेगी। इसके लिए उन्हें अमेरिका में, $5 मिलियन (लगभग ₹43.5 करोड़) का निवेश अनिवार्य होगा।
गोल्ड कार्ड वीजा क्या हैं?
गोल्ड कार्ड वीजा एक विशेष प्रकार का निवेश आधारित आव्रजन (इमिग्रेशन) कार्यक्रम है, जिसके तहत किसी देश में बड़ी मात्रा में पूंजी निवेश करने वाले विदेशी नागरिकों को स्थायी निवास (Permanent Residency) या नागरिकता (Citizenship) प्राप्त करने का अवसर दिया जाता है।
- कई देश, जैसे एंटीगुआ-बारबुडा, पुर्तगाल, स्पेन, माल्टा, साइप्रस, लातविया, हंगरी, ग्रीस, डोमिनिका, सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, ग्रेनाडा, विदेशी निवेशकों को गोल्डन वीज़ा प्रदान करते हैं, जो उन्हें वहां स्थायी निवास या नागरिकता प्राप्त करने का अवसर देता है।
- अमेरिका भी इसी तर्ज पर एक नई योजना लाने की तैयारी में है, जो मौजूदा EB-5 वीज़ा कार्यक्रम की जगह लेगी। इस योजना के तहत निवेशकों को ग्रीन कार्ड से जुड़े विशेषाधिकार मिलेंगे, जिससे वे स्थायी अमेरिकी निवासी बन सकेंगे।
- यह वीजा उन लोगों के लिए एक आकर्षक विकल्प है जो अमेरिका जैसे विकसित देश में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं और वहां व्यावसायिक, आर्थिक और व्यक्तिगत अवसरों का लाभ उठाना चाहते हैं।
- इस वीजा का मुख्य उद्देश्य विदेशी पूंजी आकर्षित करना और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। यह योजना सरकारों के लिए एक लाभकारी नीति साबित होती है, क्योंकि यह न केवल निवेश को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थानीय उद्योगों, बुनियादी ढांचे और रोजगार के नए अवसरों का भी निर्माण करती है।
- अमेरिका जैसे देश इस नीति के माध्यम से वैश्विक धनाढ्य वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं, जिससे उनकी अर्थव्यवस्था को गति मिले और व्यापार के नए अवसर खुलें। ट्रंप प्रशासन द्वारा प्रस्तावित इस योजना का उद्देश्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विदेशी पूंजी प्रवाह को तेज़ करना और सरकारी राजस्व बढ़ाना है।
गोल्ड कार्ड वीजा की प्रमुख विशेषताएं
- निवेश आधारित स्थायी निवास – इस वीजा के तहत आवेदकों को अमेरिका में रहने, काम करने और व्यवसाय करने की अनुमति मिलती है, बशर्ते वे न्यूनतम निवेश मानदंडों को पूरा करें।
- नागरिकता प्रक्रिया में तेजी – पारंपरिक ग्रीन कार्ड योजनाओं के मुकाबले, इस वीजा में निवेशकों को नागरिकता प्राप्त करने के लिए कम समय लगता है। उदाहरण के लिए, EB-5 वीजा में नागरिकता के लिए 5-7 साल लगते थे, जबकि गोल्ड कार्ड वीजा इससे तेज़ प्रक्रिया का वादा करता है।
- विदेशी निवेश को बढ़ावा – अमेरिका में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। विदेशी व्यापारियों और निवेशकों को अमेरिका में अपने व्यवसायों को विस्तार देने का अवसर मिलेगा।
- नई नौकरियों का सृजन – निवेश से स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
- परिवार के सदस्यों के लिए लाभ – निवेशक के अलावा, उनके जीवनसाथी और बच्चों को भी अमेरिका में स्थायी निवास और बाद में नागरिकता प्राप्त करने की सुविधा मिलती है।
- आर्थिक विकास में योगदान – यह वीजा योजना अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए बनाई गई है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इस कार्यक्रम से $5 ट्रिलियन का राजस्व प्राप्त होगा, जिससे अमेरिका के कर्ज़ को कम करने में मदद मिलेगी।
गोल्ड कार्ड वीजा के तहत नागरिकता प्राप्त करने की शर्तें
- न्यूनतम निवेश की अनिवार्यता: प्रत्येक देश में नागरिकता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम निवेश राशि अलग-अलग निर्धारित होती है।
- अमेरिका के प्रस्तावित गोल्ड कार्ड वीजा के तहत कम से कम $5 मिलियन (लगभग ₹43.5 करोड़) का निवेश अनिवार्य होगा।
- UAE – 10 साल की निवास अनुमति के लिए 2 मिलियन AED (लगभग ₹4.5 करोड़) का निवेश।
- पुर्तगाल – न्यूनतम €500,000 (लगभग ₹4.5 करोड़) का निवेश या नौकरी सृजन कार्यक्रम।
- निवेश के स्वीकृत प्रकार: हर देश में निवेश के लिए कुछ विशेष क्षेत्रों और माध्यमों को मान्यता दी जाती है, जिनमें से कुछ प्रमुख विकल्प निम्नलिखित हैं:
- अचल संपत्ति (Real Estate) – भूमि, आवासीय या व्यावसायिक संपत्ति में निवेश।
- व्यावसायिक पूंजी (Business Capital) – किसी कंपनी, स्टार्टअप या उद्योग में निवेश।
- सरकारी बांड (Government Bonds) – संबंधित देश की सरकार द्वारा जारी बॉन्ड में निवेश।
- आर्थिक विकास निधि (Economic Development Funds) – सरकारी विकास योजनाओं में योगदान।
- निवास (Residency) की न्यूनतम अवधि: नागरिकता प्राप्त करने से पहले कई देशों में एक न्यूनतम अवधि तक वहां निवास करना अनिवार्य होता है।
- अमेरिका में पारंपरिक EB-5 वीजा के तहत 5 वर्षों तक लगातार निवास करना आवश्यक था, लेकिन गोल्ड कार्ड वीजा के तहत यह प्रक्रिया और तेज़ हो सकती है।
- कुछ देशों में सालभर में निश्चित दिनों तक वहां रहना अनिवार्य होता है, जबकि कुछ में यह शर्त नहीं होती।
गोल्ड कार्ड वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया
- आवेदन प्रस्तुत करना: निवेशक को पहले अपना आवेदन और आवश्यक वित्तीय दस्तावेज़ संबंधित देश की सरकार या इमिग्रेशन विभाग को सौंपने होते हैं। इसमें निवेश की योजना, पूंजी का स्रोत और कानूनी कागज़ात शामिल होते हैं।
- पृष्ठभूमि जांच: सरकार निवेशक की पृष्ठभूमि की गहन जांच करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसकी पूंजी वैध स्रोतों से आई है। इसमें आर्थिक अपराध, कर चोरी या अवैध गतिविधियों से जुड़े मामलों की जाँच की जाती है।
- निवेश की पुष्टि: सरकार यह सत्यापित करती है कि निवेशक ने निर्धारित राशि को अनुमोदित निवेश माध्यम में स्थानांतरित कर दिया है। यदि निवेश किसी व्यावसायिक परियोजना में किया जा रहा है, तो उस परियोजना की वैधता भी जाँची जाती है।
- स्थायी निवास की स्वीकृति: जब सभी शर्तें पूरी हो जाती हैं, तो निवेशक और उसके परिवार को स्थायी निवास का अधिकार (Permanent Residency) दिया जाता है। यह उन्हें उस देश में रहने, व्यवसाय करने और अन्य कानूनी अधिकार प्राप्त करने की अनुमति देता है।
- नागरिकता: स्थायी निवास के बाद, कुछ देशों में 5-10 वर्षों के निवास के बाद नागरिकता प्राप्त करने का अवसर मिलता है। कुछ देशों में भाषा परीक्षा, सांस्कृतिक अनुकूलन और अन्य कानूनी प्रक्रियाएँ भी पूरी करनी होती हैं।
गोल्ड कार्ड वीजा और EB-5 वीजा के अंतर
अमेरिका में निवास और नागरिकता प्राप्त करने के लिए दो प्रमुख निवेश आधारित वीजा कार्यक्रम हैं – गोल्ड कार्ड वीजा और EB-5 वीजा। दोनों का उद्देश्य विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है, लेकिन इनकी शर्तें और लाभ अलग-अलग हैं।
- समय: गोल्ड कार्ड वीजा निवेशकों को तुरंत नागरिकता प्राप्त करने का अवसर देता है, जबकि EB-5 वीजा धारकों को पहले 5-7 वर्षों तक अमेरिका में रहना पड़ता है, तभी वे नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- न्यूनतम निवेश: गोल्ड कार्ड वीजा के लिए निवेशक को कम से कम $5 मिलियन (₹43.5 करोड़) का भुगतान करना अनिवार्य है, जबकि EB-5 वीजा के तहत $800,000 – $1 मिलियन (₹7-8 करोड़) का निवेश पर्याप्त होता है। EB-5 के मामले में यह निवेश किसी अमेरिकी व्यवसाय में होना चाहिए, जिससे रोजगार के अवसर बनें।
- निवेश में ऋण: गोल्ड कार्ड वीजा के लिए निवेशक को पूरा भुगतान स्वयं करना होगा, किसी प्रकार के ऋण की अनुमति नहीं होती। इसके विपरीत, EB-5 वीजा धारक कुछ मामलों में उधारी लेकर भी निवेश कर सकते हैं, जिससे अधिक लोगों के लिए यह विकल्प सुलभ बनता है।
- रोजगार: EB-5 वीजा के लिए निवेशक को कम से कम 10 अमेरिकियों के लिए रोजगार का सृजन करना अनिवार्य है, जबकि गोल्ड कार्ड वीजा के तहत ऐसी कोई शर्त नहीं है। गोल्ड कार्ड वीजा केवल पूंजी निवेश पर आधारित है, जबकि EB-5 वीजा के लिए निवेशक को अमेरिका की अर्थव्यवस्था में सक्रिय योगदान देना होता है।
- निवास और नागरिकता: EB-5 वीजा धारकों को स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) प्राप्त करने के लिए लंबी आवेदन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें आवेदन जमा करना, अनुमोदन प्राप्त करना और निवास की शर्तें पूरी करना शामिल है। इसके बाद ही वे 5 साल की अनिवार्य निवास अवधि पूरी कर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके विपरीत, गोल्ड कार्ड वीजा धारक को सीधे नागरिकता प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जिससे यह अधिक सरल और तेज़ प्रक्रिया बन जाती है।
भारतीयों के लिए गोल्ड कार्ड वीज़ा के निहितार्थ
- अब तक, EB-5 वीज़ा भारतीयों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प था, जिसके तहत FY24 में 733 भारतीयों को स्थायी निवास मिला। अगर इस नए गोल्ड कार्ड वीज़ा की वजह से EB-5 को खत्म कर दिया जाता है, तो उन भारतीय निवेशकों के लिए यह रास्ता बंद हो जाएगा, जो अपेक्षाकृत कम निवेश में अमेरिका में बसना चाहते थे।
- गोल्ड कार्ड वीज़ा केवल उन अमीर भारतीयों के लिए फायदेमंद होगा, जो मांग अनुसार निवेश कर सकते हैं। लेकिन जो कुशल पेशेवर (IT, STEM, डॉक्टर, इंजीनियर) इस योग्यता को पूरा नहीं कर सकते, उनके लिए अमेरिका में स्थायी निवास और नागरिकता पाना और भी मुश्किल हो जाएगा। इससे भारतीय प्रवासी समुदाय में आर्थिक असमानताएँ और बढ़ सकती हैं।
- गोल्ड कार्ड वीज़ा के लागू होने से ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा सूची और लंबी हो सकती है, जिससे H-1B वीज़ा धारकों और अन्य कुशल पेशेवरों के लिए अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया अधिक जटिल और धीमी हो सकती है।
UPSC पिछले वर्ष का प्रश्न (PYQ) प्रश्न (2019): ‘भारत और यूनाइटेड स्टेट्स के बीच संबंधों में खटास के प्रवेश का कारण वाशिंगटन का अपनी वैश्विक रणनीति में अभी तक भी भारत के लिये किसी ऐसे स्थान की खोज़ करने में विफलता है, जो भारत के आत्म-समादर और महत्त्वाकांक्षा को संतुष्ट कर सके।’ उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिये। |
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