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वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) 2022-23

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सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) के परिणाम जारी किए हैं। यह सर्वेक्षण उद्योगों की संरचना, विकास और उनके विभिन्न आर्थिक मापदंडों में बदलाव को समझने में मदद करता है।

वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) का उद्देश्य:

  • उत्पादन, मूल्य वर्धन, रोजगार, पूंजी निर्माण जैसे विभिन्न मापदंडों के संदर्भ में विनिर्माण उद्योगों की जानकारी प्रदान करना।
  • राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी को मूल्यवान इनपुट प्रदान करना।

मुख्य परिणाम:

  1. सकल मूल्य वर्धन (GVA):
    • वर्ष 2022-23 में GVA में 7.3% की वृद्धि हुई (वर्ष 2021-22 की तुलना में)।
    • इनपुट में 24.4% और उत्पादन में 21.5% की वृद्धि हुई।
  2. महत्वपूर्ण आर्थिक मापदंड:
    • निवेशित पूंजी, इनपुट, आउटपुट, GVA, रोजगार और मजदूरी जैसे मापदंडों में वृद्धि हुई है, और ये महामारी-पूर्व स्तरों को पार कर गए हैं।
  3. उद्योगों का योगदान:
    • प्रमुख उद्योगों में मूल धातु, कोक, परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद, खाद्य उत्पाद, रसायन और रासायनिक उत्पाद शामिल हैं।
    • इन उद्योगों ने कुल उत्पादन में लगभग 58% का योगदान दिया और 2021-22 की तुलना में 24.5% की उत्पादन वृद्धि और 2.6% की GVA वृद्धि दिखाई।
  4. रोजगार और औसत पारिश्रमिक:
    • 2022-23 में इस क्षेत्र में रोजगार की संख्या 22.14 लाख से अधिक हो गई है (महामारी-पूर्व स्तर की तुलना में)।
    • प्रति व्यक्ति औसत पारिश्रमिक में 6.3% की वृद्धि हुई।
  5. राज्य स्तर पर जीवीए:
    • महाराष्ट्र 2022-23 में GVA में पहले स्थान पर रहा, उसके बाद गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, और उत्तर प्रदेश रहे।
    • शीर्ष पांच राज्यों ने मिलकर देश के कुल विनिर्माण GVA में 54% से अधिक का योगदान दिया।
  6. रोजगार देने वाले शीर्ष राज्य: तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, और कर्नाटक ने मिलकर वर्ष 2022-23 में कुल विनिर्माण रोजगार में लगभग 55% का योगदान दिया।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) :

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण मंत्रालय है, जिसकी स्थापना 15 अक्टूबर 1999 को सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के विलय के परिणामस्वरूप हुई। मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य देश में सांख्यिकी के विकास और गुणवत्ता में सुधार करना है।

मंत्रालय की संरचना:

मंत्रालय में दो प्रमुख स्कंध हैं:

  1. सांख्यिकी स्कंध:
    • राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ): इस स्कंध में कई महत्वपूर्ण संस्थान शामिल हैं:
      • केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (के. सां. कार्या): राष्ट्रीय सांख्यिकी संबंधी कार्यों का संचालन।
      • संगणक केन्द्र: डेटा प्रसंस्करण और सांख्यिकी के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करना।
      • राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (रा. प्र. सर्वे. कार्या): विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वेक्षण संचालित करना।
  2. कार्यक्रम कार्यान्वयन स्कंध:
    • इसमें तीन प्रभाग शामिल हैं:
      • (i) बीस सूत्री कार्यक्रम: विकासात्मक योजनाओं की निगरानी।
      • (ii) आधारी संरचना प्रबोधन और परियोजना प्रबोधन: बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित कार्यक्रम।
      • (iii) सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना: सांसदों द्वारा स्थानीय विकास के लिए निधियों का प्रबंधन।

स्वायत्त संस्थान:

  • राष्ट्रीय सांख्यिकीय आयोग: इस आयोग का गठन भारत सरकार के संकल्प के माध्यम से किया गया है।
  • भारतीय सांख्यिकीय संस्थान: यह एक स्वायत्त संस्थान है, जिसे संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया गया है।

सांख्यिकी के विकास और गुणवत्ता:

  • मंत्रालय देश में सांख्यिकी के विस्तार और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देता है।
  • सांख्यिकी के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्रोतों, सर्वेक्षणों, तथा केन्द्र और राज्य सरकारों के आंकड़ों का उपयोग किया जाता है।
  • सभी सर्वेक्षण वैज्ञानिक नमूना पद्धति पर आधारित होते हैं, और क्षेत्रीय स्टाफ के माध्यम से डेटा संग्रह किया जाता है।

गुणवत्ता की निगरानी:

  • सांख्यिकी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समितियाँ कार्यरत हैं:
    • राष्ट्रीय लेखा संबंधी सलाहकार समिति: राष्ट्रीय लेखों के समेकन से संबंधित मुद्दों की जांच करती है।
    • औद्योगिक सांख्यिकी संबंधी स्थायी तकनीकी सलाहकार समिति: औद्योगिक आंकड़ों की गुणवत्ता सुनिश्चित करती है।
    • मूल्य सूचकांकों संबंधी तकनीकी सलाहकार समिति: मूल्य संबंधित आंकड़ों की निगरानी करती है।

मंत्रालय मानक सांख्यिकीय तकनीकों का पालन करते हुए और व्यापक जांच एवं निरीक्षण के बाद, मौजूदा आंकड़ों का संकलन करता है। इसके माध्यम से, देश में सांख्यिकी के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे नीतिगत निर्णय लेने में सहायता मिलती है।

निष्कर्ष:  ASI 2022-23 के परिणाम भारत के विनिर्माण क्षेत्र की मजबूती और विकास को दर्शाते हैं, जिसमें आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि, रोजगार सृजन और औसत पारिश्रमिक में सुधार शामिल है। यह सर्वेक्षण न केवल उद्योग के वर्तमान परिदृश्य को समझने में मदद करता है, बल्कि भविष्य की नीतियों के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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