Download Today Current Affairs PDF
मेक इन इंडिया पहल को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए व्यापार सुधार कार्य योजना (BRAP) 2024 देश भर में एक निर्बाध व्यापार नियामक ढांचा स्थापित करने जा रहा है जिससे व्यापार सुगमता बढ़ेगी।
BRAP 2024 का उद्देश्य भारत में एक निर्बाध व्यापार नियामक ढांचा स्थापित करना है, जिससे व्यापार सुगमता बढ़ेगी। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के नेतृत्व में यह योजना नागरिकों और व्यवसायों दोनों की आवश्यकताओं को पूरा करने पर केंद्रित है।
BRAP की प्रमुख विशेषताएँ:
- अनुपालन बोझ में कमी: BRAP 2024 सरकार की प्रमुख पहलों जैसे अनुपालन बोझ को कम करने और गैर-अनुपालन के लिए दंड को घटाने के प्रति प्रतिबद्ध है।
- विश्व बैंक के ‘बी-रेडी‘ कार्यक्रम के अनुरूप: यह योजना वैश्विक मानकों के अनुसार विनियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
- नवीन मूल्यांकन प्रणाली: BRAP 2024 में साक्ष्य और प्रतिक्रिया-आधारित मूल्यांकन प्रणाली को पेश किया गया है, जो अधिक व्यापक और गतिशील दृष्टिकोण सुनिश्चित करती है।
- समय और दस्तावेज अध्ययन (टीडीएस): सूचना संचार प्रौद्योगिकी को अपनाने और प्रक्रिया पुनर्रचना के माध्यम से तेजी से और अधिक कुशल सरकारी सेवाओं का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।
- क्षेत्रों का विस्तार: BRAP ने श्रम, पर्यावरण, कर, भूमि प्रशासन, उपयोगिता परमिट, निरीक्षण और निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी अपने दायरे में शामिल किया है।
- प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना: BRAP 2024 भारत को एक वैश्विक निवेश केंद्र बनाने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाता है और डिजिटल समाधानों के कार्यान्वयन को निरंतरता प्रदान करता है।
उद्देश्य:
- भारत के व्यापार परिदृश्य में निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देना।
- एक पारदर्शी, कुशल और गतिशील नियामक वातावरण का निर्माण करना।
- नागरिकों और व्यवसायों के लिए सेवा वितरण को सरल बनाना।
परिणाम:
- 2014-2015 में शुरुआत के बाद से, BRAP ने प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना को साकार करते हुए भारत के व्यापार परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए हैं।
- इसके छह सफल संस्करणों ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का मूल्यांकन किया है, जिससे व्यवसाय के अनुकूल माहौल बनाया जा सके।
- इस पहल का उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप एक ऐसा इको-सिस्टम बनाना है, जहां व्यवसाय फल-फूल सकें और नागरिक एक अधिक कुशल एवं उत्तरदायी शासन प्रणाली का अनुभव कर सकें।
उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT):
उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) की स्थापना वर्ष 1995 में की गई थी। इसके बाद, वर्ष 2000 में औद्योगिक विकास विभाग को इसमें समाहित कर दिया गया।
संरचना: यह विभाग भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
DPIIT के मुख्य कार्य :
- औद्योगिक विकास: विभाग औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए प्रोत्साहन और विकासात्मक उपायों का निर्माण और कार्यान्वयन करता है।
- राष्ट्रीय प्राथमिकताएँ: यह राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए नीति निर्माण करता है।
- आंतरिक व्यापार: आंतरिक व्यापार के क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए नीतियाँ और कार्यक्रम विकसित करना।
- निवेश आकर्षण: घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उपायों का कार्यान्वयन।
Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/