मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार ने किशोरियों को सैनिटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) खरीदने के लिए नकद सहायता प्रदान करने वाली भारत की पहली राज्य सरकार बनकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह नकद सहायता राज्य सरकार की स्वच्छता एवं स्वच्छता योजना के तहत दी जा रही है।
भारत में कई राज्य सरकारें किशोर लड़कियों को मुफ्त Sanitary Napkin उपलब्ध कराती हैं, लेकिन मध्य प्रदेश वह पहला राज्य है जो लाभार्थियों को नकद राशि प्रदान करता है।
सैनिटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) के लिए नकद योजना की प्रमुख विशेषताएँ:
- सातवीं से बारहवीं कक्षा तक की स्कूली लड़कियाँ इस नकद सहायता के लिए पात्र हैं।
- प्रत्येक पात्र लड़की को एक वर्ष के लिए 300 रुपये की नकद राशि दी जाएगी।
- सरकार ने 19 लाख से अधिक लाभार्थी छात्राओं को 57 करोड़ 18 लाख रुपये से अधिक की धनराशि स्थानांतरित की है।
मध्य प्रदेश की ‘उदिता योजना‘
मासिक धर्म से जुड़े मिथक और वर्जनाओं को समाप्त करने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने ‘उदिता योजना’ शुरू की है। यह योजना 1 नवंबर 2016 को महिला एवं बाल विकास परियोजना के तहत शुरू की गई थी और इसका क्रियान्वयन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के माध्यम से किया जा रहा है।
योजना का पहला चरण ग्वालियर, इंदौर और बड़वानी में लागू किया गया, जिसके बाद इसे पूरे मध्य प्रदेश में विस्तारित किया गया।
‘उदिता योजना‘ के तहत पात्रता और उद्देश्य:
- योजना के तहत 18 से 49 वर्ष की आयु के किशोर और महिलाएं पात्र हैं।
- योजना के उद्देश्य:
- किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान उचित स्वच्छता और समग्र मासिक धर्म प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरूक करना और शिक्षित करना।
- मासिक धर्म से जुड़े शंकाओं और मिथकों को दूर करना।
- किशोरियों को गुणवत्तापूर्ण सैनिटरी पैड का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटरी पैड की उपलब्धता और पहुंच बढ़ाना।
- प्रयुक्त Sanitary Napkin के उचित निपटान के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- किशोरियों में एनीमिया और पोषण के बारे में जागरूकता फैलाना।
- किशोरियों और महिलाओं को मुफ्त Sanitary Napkin प्रदान करना।
इस पहल के माध्यम से, मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण तथ्य:· स्थापना: मध्य प्रदेश की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी। इसे भारत का ‘हृदय प्रदेश’ भी कहा जाता है क्योंकि यह देश के केंद्र में स्थित है। · राजधानी: भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी है। यह अपने झीलों और हेरिटेज स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। · सबसे बड़ा शहर: इंदौर, मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा और व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है। इसे स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। · भाषा: मध्य प्रदेश की मुख्य भाषा हिंदी है, जो राज्य के अधिकांश हिस्सों में बोली जाती है। · क्षेत्रफल: मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 3,08,252 वर्ग किलोमीटर है। · भौगोलिक विशेषताएँ: राज्य में विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ियाँ स्थित हैं। यहाँ के प्रमुख नदियों में नर्मदा, ताप्ती, सोन और चंबल शामिल हैं। · वन क्षेत्र: मध्य प्रदेश में भारत के सबसे बड़े वन क्षेत्र हैं, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का लगभग 30.7% है। इसे ‘टाइगर स्टेट’ भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ सबसे अधिक बाघ पाए जाते हैं। · प्राकृतिक संसाधन: राज्य में कोयला, मैंगनीज, बौक्साइट, तांबा और डोलोमाइट जैसे कई खनिज संसाधन पाए जाते हैं। · संस्कृति और धरोहर: मध्य प्रदेश को अपने प्राचीन मंदिरों, गुफाओं और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। प्रमुख धरोहर स्थलों में खजुराहो के मंदिर, सांची का स्तूप और भीमबेटका की गुफाएं शामिल हैं। · पर्यटन: मध्य प्रदेश में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, जैसे कांची और खजुराहो के ऐतिहासिक स्थल, कान्हा और बांधवगढ़ के राष्ट्रीय उद्यान, पचमढ़ी का हिल स्टेशन आदि। |
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