नई दिल्ली में मत्स्य पालन क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मत्स्य पालन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने घोषणा की कि सरकार मछली पकड़ने वाले समुद्री जहाजों पर एक लाख ट्रांसपोंडर (Transponder) लगाएगी।
- ये ट्रांसपोंडर (Transponder) मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यदि कोई मछुआरा गलती से समुद्री सीमा को पार करता है, तो ये ट्रांसपोंडर उसे तुरंत अलर्ट करेंगे।
- श्री सिंह ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र का देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इसके प्रबंधन और विकास में एक अहम भूमिका निभा रही है।
- उन्होंने बताया कि भारत सालाना साठ हजार करोड़ रुपये के समुद्री उत्पादों का निर्यात कर रहा है। देश में करीब तीन करोड़ लोग मछली व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, और सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
ट्रांसपोंडर (Transponder) क्या हैं?
- ट्रांसपोंडर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो मछली पकड़ने वाले समुद्री जहाजों पर लगाया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।
- ट्रांसपोंडर लगातार जहाज की स्थिति और गतिविधियों की निगरानी करता है और यदि कोई मछुआरा गलती से समुद्री सीमा को पार कर लेता है, तो यह उपकरण उन्हें तुरंत एक चेतावनी या अलर्ट जारी करता है।
- इसके माध्यम से मछुआरों को संभावित खतरों से बचाया जा सकता है और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सकती है।
- Transponder की मदद से जहाजों की स्थिति का पता लगाने के साथ-साथ, उनके द्वारा की जा रही मछली पकड़ने की गतिविधियों का भी ट्रैक रखा जा सकता है।
- इस प्रकार, यह उपकरण न केवल मछुआरों की सुरक्षा में सहायक होता है, बल्कि मत्स्य प्रबंधन और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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