Download Today Current Affairs PDF
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा इकोमार्क नियम, 2024 को अधिसूचित किया गया है। ये नियम पर्यावरण अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक लेबलिंग प्रणाली स्थापित करते हैं, जो खाद्य, सौंदर्य प्रसाधन, साबुन और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी श्रेणियों में लागू होते हैं।
इकोमार्क नियम के मुख्य बिंदु
- LIFE सिद्धांत: इकोमार्क लेबलिंग प्रणाली का उद्देश्य LIFE (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) के सिद्धांत के अनुरूप स्थिरता और संसाधन दक्षता को बढ़ावा देना है।
- अनुदान मानदंड:
- उत्पाद को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम और/या गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के तहत भारतीय मानकों के अनुरूप लाइसेंस या प्रमाण पत्र प्राप्त होना चाहिए।
- उत्पादों को उन नियमों में निर्धारित मानदंडों को पूरा करना होगा, जो संसाधन उपभोग और पर्यावरणीय प्रभावों के संबंध में निर्दिष्ट हैं।
- आवेदन प्रक्रिया: निर्माताओं को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के माध्यम से इकोमार्क के लिए आवेदन करना होगा।
- मान्यता की अवधि: इकोमार्क चिह्न तीन वर्ष के लिए वैध रहेगा।
- निरीक्षण एवं कार्यान्वयन: इसकी निगरानी और कार्यान्वयन पर्यावरण सचिव की अध्यक्षता वाली संचालन समिति द्वारा किया जाएगा।
महत्व:
- उपभोक्ता जागरूकता: यह उपभोक्ताओं को सूचित खरीद निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, जिससे वे पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों का चयन कर सकें।
- उत्पादक प्रोत्साहन: यह निर्माताओं को पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।
- भ्रामक जानकारी की रोकथाम: यह उत्पादों के पर्यावरणीय पहलुओं पर भ्रामक जानकारी को रोकने में मदद करेगा, जिससे कम ऊर्जा खपत, संसाधन दक्षता और संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय वन एवं काष्ठ प्रमाणन योजना:
- यह योजना टिकाऊ वन प्रबंधन और कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक तृतीय-पक्ष प्रमाणन प्रदान करती है।
- इसमें विभिन्न प्रमाणन शामिल हैं:
- वन प्रबंधन प्रमाणन
- वृक्ष प्रमाणन (वन प्रबंधन के बाहर)
- कस्टडी प्रमाणन
- यह विभिन्न संस्थाओं को बाजार प्रोत्साहन प्रदान करता है जो जिम्मेदार वन प्रबंधन और कृषि वानिकी प्रथाओं का पालन करते हैं।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) भारत में पर्यावरण और वानिकी नीतियों के विकास और कार्यान्वयन के लिए एक प्रमुख नोडल एजेंसी है। यह मंत्रालय न केवल पर्यावरण संरक्षण और वनों के विकास की दिशा में कार्य करता है, बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यक्रमों के अनुवर्ती कार्यों के लिए भी जिम्मेदार है। कार्य:
उद्देश्य:
विधायी और विनियामक उपायइन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रालय ने कई विधायी और विनियामक उपायों को लागू किया है, जिनमें शामिल हैं:
|
निष्कर्ष:
इकोमार्क नियम, 2024 एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल पर्यावरणीय अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देता है, बल्कि उपभोक्ताओं को जागरूक करने और सस्टेनेबल प्रथाओं को प्रोत्साहित करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही, अन्य पर्यावरण प्रमाणन योजनाएं भारत में स्थायी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/