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हाल ही में, औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (DTAB) ने नई औषधि एवं क्लिनिकल परीक्षण (NDCCT) नियम, 2019 में नई औषधियों की परिभाषा में सभी एंटीबायोटिक दवाओं को शामिल करने की सिफारिश की है।
औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड (DTAB) के बारे में:
- स्थापना: यह भारत में औषधियों से संबंधित तकनीकी मामलों पर निर्णय लेने वाली सर्वोच्च वैधानिक संस्था है। इसकी स्थापना औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अनुसार की गई थी।
- संस्थानिक संबंध: यह केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) का हिस्सा है।
- कार्य: यह औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के प्रशासन से उत्पन्न तकनीकी मामलों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को सलाह देता है। इसके अलावा, यह इस अधिनियम द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों को भी पूरा करता है।
- नोडल मंत्रालय: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय।
नई औषधि (new drug) क्या है?
- परिभाषा: औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 122 ई के अनुसार, नई औषधि वह हो सकती है जिसका देश में उपयोग नहीं हुआ हो और जिसे प्रस्तावित दावों के लिए लाइसेंसिंग प्राधिकारी द्वारा प्रभावी और सुरक्षित नहीं माना गया हो।
- विशेषताएँ: यह संकेत, खुराक, और प्रशासन के नए मार्ग सहित संशोधित या नए दावों के साथ एक अनुमोदित दवा भी हो सकती है।
एंटीबायोटिक्स का विनियमन
- यदि एंटीबायोटिक्स नई औषधि श्रेणी में लाए जाते हैं, तो इसके विनिर्माण, विपणन, और बिक्री का दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
- इसके अलावा, विनिर्माण और विपणन मंजूरी राज्य औषधि प्रशासन के बजाय केंद्र सरकार से प्राप्त करनी होगी।
- मरीज केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही एंटीबायोटिक्स खरीद सकेंगे।
निष्कर्ष: यह निर्णय एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभावी विनियमन के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर बढ़ते एंटीबायोटिक प्रतिरोध के खतरे के संदर्भ में। DTAB की सिफारिश से न केवल दवा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे चिकित्सकीय प्रथाओं में भी सुधार होगा।
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