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प्रधानमंत्री ने लाओस के वियनतियाने में आयोजित 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में भाग लिया, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक वार्ता का एक प्रमुख मंच है। इस शिखर सम्मेलन में भारत ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अहम सुझाव दिए।
भारत की प्रमुख घोषणाएँ और योगदान:
- हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संरचना: भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने दृष्टिकोण और क्वाड सहयोग में आसियान की केंद्रीयता पर जोर दिया।
- नालंदा विश्वविद्यालय में शिक्षा सम्मेलन: भारत ने EAS देशों को बिहार में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले उच्च शिक्षा प्रमुखों के सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया, जिससे शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- म्यांमार की स्थिति पर आसियान दृष्टिकोण का समर्थन: भारत ने म्यांमार की स्थिति को लेकर आसियान की पांच सूत्री सहमति (5पीसी) का समर्थन किया, जिसमें देश में हिंसा का अंत, सभी पक्षों के बीच संवाद, विशेष दूत की नियुक्ति, मानवीय सहायता, और म्यांमार यात्रा शामिल है।
- नौवहन के लिए आचार संहिता (COC): भारत ने इस बात पर जोर दिया कि समुद्री गतिविधियां यूएनसीएलओएस (समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) के अनुसार संचालित होनी चाहिए। इसके साथ ही, एक मजबूत आचार संहिता (COC) विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, जिससे क्षेत्रीय देशों की विदेश नीतियों पर अनावश्यक प्रतिबंध न लगे।
- विकास आधारित दृष्टिकोण: भारत ने विस्तारवाद के बजाय विकास-आधारित दृष्टिकोण अपनाने की अपील की, जिससे क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि बढ़ाई जा सके।
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) के बारे में:
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक वार्ता का एक प्रमुख मंच है। यह एकमात्र नेता-नेतृत्व वाला मंच है, जिसमें सभी प्रमुख इंडो-पैसिफिक भागीदार क्षेत्र की राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा करते हैं। यह मंच निकट क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इतिहास और सदस्यता:
- स्थापना: EAS की शुरुआत 14 दिसंबर 2005 को कुआलालंपुर, मलेशिया में हुई थी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया एक संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल था।
- सदस्य: EAS के 18 सदस्य हैं, जिनमें 10 आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम) और ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस, तथा संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
- अध्यक्षता: आसियान इस फोरम का नेतृत्व करता है, और अध्यक्ष पद हर साल आसियान सदस्य देशों के बीच बदलता रहता है। लाओ पीडीआर 2024 में आसियान का अध्यक्ष है।
- उद्देश्य: पूर्वी एशिया में शांति, स्थिरता, और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना।
बैठकें और प्रक्रियाएँ:
- वार्षिक नेताओं का शिखर सम्मेलन: EAS कैलेंडर का समापन वार्षिक नेताओं के शिखर सम्मेलन में होता है, जो आमतौर पर आसियान नेताओं की बैठकों के साथ आयोजित किया जाता है। इसमें सामयिक मुद्दों पर संयुक्त बयान जारी किए जाते हैं और नीतिगत प्रतिक्रियाओं को तैयार करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का संकेत दिया जाता है।
- विदेश मंत्रियों और आर्थिक मंत्रियों की बैठकें: ये बैठकें सालाना आयोजित होती हैं और राजनीतिक, क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने के लिए मंच के रूप में काम करती हैं।
- अन्य मंत्री की बैठकें: EAS पर्यावरण, ऊर्जा, और शिक्षा मंत्रियों की बैठकें भी नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं।
- वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकें (एसओएम): ये बैठकें उभरते मुद्दों पर चर्चा करने और EAS नेताओं द्वारा लिए गए निर्णयों को आगे बढ़ाने के लिए आयोजित की जाती हैं।
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