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संदर्भ:
एथेनॉल ईंधन: हाल ही में, केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्री ने घोषणा की कि भारत अगले दो महीनों के भीतर (2025 की शुरुआत में) पेट्रोल के साथ 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेगा।
एथेनॉल ईंधन क्या है?
- एथेनॉल एक नवीकरणीय जैव ईंधन (Biofuel) है, जो गन्ना, अनाज और अन्य बायोमास से प्राप्त किया जाता है।
- इसे पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जाता है ताकि कच्चे तेल पर निर्भरता कम हो, उत्सर्जन घटे और ऊर्जा सुरक्षा बढ़े।
एथेनॉल ईंधन कैसे बनाया जाता है?
- किण्वन (Fermentation): गन्ने के रस, शीरा (Molasses), और अनाज (मक्का, चावल, ज्वार, बाजरा, मिलेट्स) से शर्करा को खमीर (Yeast) की मदद से किण्वित किया जाता है।
- आसवन (Distillation): किण्वित मिश्रण से एथेनॉल को अलग कर शुद्ध किया जाता है।
- निर्जलीकरण (Dehydration): पेट्रोल में मिश्रण योग्य निर्जल (Anhydrous) एथेनॉल बनाने के लिए पानी को हटाया जाता है।
- मिश्रण (Blending): एथेनॉल को पेट्रोल में 5%, 10%, या 20% (E5, E10, E20) अनुपात में मिलाया जाता है।
एथेनॉल ईंधन के उपयोग:
- चिकित्सा क्षेत्र: एंटीसेप्टिक और डिसइंफेक्टेंट के रूप में प्रयोग।
- औद्योगिक उपयोग:
- रासायनिक विलायक (Solvent) के रूप में कार्य करता है।
- जैविक यौगिकों (Organic Compounds) के संश्लेषण में भूमिका।
- ईंधन विकल्प: जैव ईंधन (Biofuel) के रूप में उपयोग, जिससे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होती है।
भारत में एथेनॉल उत्पादन की वर्तमान स्थिति:
- एथेनॉल मिश्रण (Blending):
- 2024 में 15% तक पहुँचा।
- 2025 तक 20% (E20) लक्ष्य निर्धारित।
- डिस्टिलरी क्षमता (Distillery Capacity):
- वर्तमान क्षमता: 1,600 करोड़ लीटर।
- 2025 तक लक्ष्य: 1,700 करोड़ लीटर।
- स्रोत अनुसार योगदान:
- गन्ना-आधारित एथेनॉल: 400 करोड़ लीटर।
- अनाज-आधारित एथेनॉल (मक्का, चावल): 700 करोड़ लीटर।
एथेनॉल ईंधन उत्पादन में प्रमुख चुनौतियाँ:
- कच्चे माल की उपलब्धता: गन्ना और अनाज पर अत्यधिक निर्भरता, जिससे खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है।
- पानी की खपत: गन्ना और चावल जैसी फसलें अधिक पानी मांगती हैं, जिससे सतत उत्पादन (Sustainability) प्रभावित होता है।
- अवसंरचना की कमी: कई राज्यों में एथेनॉल भंडारण और मिश्रण की सुविधाएँ सीमित हैं।
- लॉजिस्टिक्स और परिवहन: अंतरराज्यीय एथेनॉल परिवहन में कई नियामक बाधाएँ हैं।
- आर्थिक व्यवहार्यता: कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और उच्च उत्पादन लागत से लाभप्रदता प्रभावित होती है।
सरकार द्वारा एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल:
- राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति (2018) – (National Policy on Biofuels, 2018)
- जैव-ईंधनों की उपलब्धता बढ़ाने पर केंद्रित।
- पारंपरिक ईंधनों के साथ मिश्रण प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य।
- एथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (EBP) – 2025-26 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य।
- प्रधानमंत्री जीवान योजना (PM JI-VAN YOJANA)
- दूसरी पीढ़ी (2G) के एथेनॉल परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता।
- गैर-खाद्य बायोमास से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देना।