संदर्भ:
GAIA ऑब्जर्वेटरी: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने मार्च 2025 में अपने गाइआ स्पेस ऑब्जर्वेटरी को बंद कर दिया। गाइआ ने अंतिम बार अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करके सूर्य की परिक्रमा करने वाले “रिटायरमेंट ऑर्बिट” में प्रवेश किया।
गाइआ (GAIA) मिशन के बारे में
- पूरा नाम: पहले ग्लोबल एस्ट्रोमेट्रिक इंटरफेरोमीटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स (GAIA) कहा जाता था, बाद में इसे गैया नाम दिया गया।
- प्रक्षेपण और उद्देश्य: 2013 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा लॉन्च किया गया, इसका लक्ष्य आकाशगंगा (Milky Way) का सबसे सटीक 3D मानचित्र तैयार करना है, जिसमें एस्ट्रोमेट्री (खगोलीय पिंडों की स्थिति और गति को मापने की विज्ञान) का उपयोग किया गया है।
- स्थिति: यह लैग्रेंज पॉइंट 2 (L2) पर स्थित है, जो पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है, जिससे इसे अबाधित ब्रह्मांडीय दृश्य मिलता है।
वैज्ञानिक उपकरण:
- जुड़वां टेलीस्कोप: विभिन्न दिशाओं से प्रकाश एकत्र करते हैं।
- डिजिटल कैमरा: लगभग 1 अरब पिक्सल का कैमरा, जो अब तक का सबसे बड़ा अंतरिक्ष में भेजा गया कैमरा है।
मुख्य उपकरण और कार्य:
- एस्ट्रोमीटर: खगोलीय पिंडों की सटीक स्थिति मापता है।
- फोटोमीटर: तारों की चमक और तापमान निर्धारित करता है।
- स्पेक्ट्रोमीटर: खगोलीय पिंडों की रासायनिक संरचना और गति का विश्लेषण करता है।
गाइआ (GAIA) की प्रमुख खोजें:
- आकाशगंगा का 3D मानचित्रण: पहला सटीक 3D मानचित्र, जिससे आकाशगंगा की संरचना को समझने में मदद मिली।
- मुख्य विशेषताएँ:
- केंद्रीय बार और सर्पिल भुजाएँ (Central Bar & Spiral Arms)।
- टेढ़ा–मेढ़ा, अस्थिर डिस्क, जो संभवतः छोटी आकाशगंगाओं से हुई टक्करों के कारण बना।
- इन टक्करों से उत्पन्न लहरें (Ripples) नए तारों के निर्माण का कारण बनीं, जिनमें सूर्य भी शामिल हो सकता है।
- नए ब्लैक होल की खोज:
- अदृश्य ब्लैक होल का नया वर्ग खोजा गया, जो केवल गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से पहचाने जा सकते हैं।
- पृथ्वी के सबसे निकटतम ब्लैक होल में से एक की खोज की।
- क्षुद्रग्रहों और अंतरिक्षीय खतरों की निगरानी:
- 1,50,000 से अधिक क्षुद्रग्रह (Asteroids) खोजे और उनकी कक्षाओं को ट्रैक किया।
- इनमें से कई पिंड पृथ्वी के लिए संभावित खतरे हो सकते हैं।