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संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने हाल ही में ‘वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट 2024′ जारी की। यह रिपोर्ट ब्राजील सरकार (जो वर्तमान में जी-20 का अध्यक्ष है) द्वारा फोर्टालेजा में आयोजित वैश्विक शिक्षा बैठक में प्रस्तुत की गई।
वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट की मुख्य टिप्पणियाँ:
- परिवर्तन के एजेंट के रूप में नेता:
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- शिक्षा में नेतृत्व सामाजिक प्रभाव की एक प्रक्रिया है, जो एक सामान्य लक्ष्य की ओर सामूहिक प्रयासों को अधिकतम करने का कार्य करती है।
- शिक्षा के नेता का कार्य है:
- अपने उद्देश्य को परिभाषित करना और यह निर्धारित करना कि वे परिवर्तन को कैसे प्रभावित करेंगे।
- लक्षित शिक्षण परिणामों को समानता, गुणवत्ता और समावेशी शिक्षा के उद्देश्यों के साथ संतुलित करना।
- वित्त पोषण की कमी: 10 में से 4 देश शिक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का 4% से भी कम खर्च करते हैं।
- स्कूल न जाने वाले बच्चे: वैश्विक स्तर पर 251 मिलियन बच्चे और युवा स्कूल नहीं जाते हैं, और 2015 से इसमें केवल 1% की कमी आई है।
- शिक्षा तक पहुंच:
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- मध्य और दक्षिणी एशिया ने शिक्षा तक पहुंच में तेजी से प्रगति की है।
- हालांकि, दुनिया में सबसे अधिक स्कूल न जाने वाले बच्चे अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में हैं।
मुख्य अनुशंसाएँ:
- नेतृत्व विकास: प्रधानाचार्यों को अपने विद्यालयों का प्रभावी प्रबंधन करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।
- सिस्टम लीडर: शिक्षा अधिकारियों में सिस्टम लीडर के रूप में कार्य करने की क्षमता का विकास किया जाना चाहिए।
- जलवायु परिवर्तन की शिक्षा: जलवायु परिवर्तन के बारे में शिक्षा को केवल विज्ञान के पाठ्यक्रम में नहीं, बल्कि अन्य विषयों में भी प्रारंभिक कक्षाओं में पढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
भारत की पहल – स्कूल नेतृत्व को विकसित करना:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: स्कूल प्रधानाचार्यों को अपने नेतृत्व और प्रबंधन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कार्यशालाओं में भाग लेने की आवश्यकता है।
- निष्ठा (NISHTHA) कार्यक्रम: यह एक राष्ट्रीय पहल है, जो स्कूल प्रमुखों एवं शिक्षकों के लिए सीखने के परिणामों, स्कूल-आधारित मूल्यांकन और शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षण पर प्रशिक्षण प्रदान करती है, जिससे उनकी समग्र उन्नति सुनिश्चित हो सके।
निष्कर्ष: इस रिपोर्ट ने शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व, वित्त पोषण, और पहुंच की समस्याओं को उजागर किया और विकास के लिए प्रमुख अनुशंसाएँ प्रदान की हैं। भारत ने भी इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं, जैसे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और निष्ठा कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल नेतृत्व को मजबूत करना।
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