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रबर बागानों का हानिकारक प्रभाव

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हालिया अध्ययन से यह सामने आया है कि वर्षावनों को रबर बागानों में परिवर्तित करना पर्यावरण और वैश्विक कार्बन चक्रण के लिए अत्यधिक हानिकारक है। यह प्रक्रिया मिट्टी में संग्रहीत कार्बन का लगभग 50% हटाकर उसे ग्रीनहाउस गैसों के रूप में वायुमंडल में छोड़ देती है, जिससे जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है।

रबर बागानों के मुख्य निष्कर्ष:

  1. मिट्टी से कार्बन की हानि:
    • मिट्टी में लगभग 1,500 पेटाग्राम (पीजी) कार्बनिक कार्बन जमा है, जो वायुमंडल और वनस्पति के संयुक्त भंडार से अधिक है। वर्षावन से रबर बागान में परिवर्तन मिट्टी के इस कार्बन को वायुमंडल में छोड़ने का कारण बनता है।
    • मृदा-विलेय कार्बनिक कार्बन (डीओसी) स्तर में 150-200% की वृद्धि हुई है, जो मिट्टी में सबसे गतिशील कार्बनिक पदार्थों में से एक है और मृदा निर्माण तथा वैश्विक कार्बन चक्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  1. रबर बागान के अन्य पर्यावरणीय प्रभाव:
    • जैव विविधता की हानि: रबर की एकल खेती से जैव विविधता घटती है। थाईलैंड में इस कारण कम से कम 60% जैव विविधता में कमी देखी गई है।
    • वनों की कटाई: पिछले तीन दशकों में दक्षिण-पूर्व एशिया में लगभग 4 मिलियन हेक्टेयर उष्णकटिबंधीय वन रबर बागानों के कारण नष्ट हुए हैं।
    • जल की कमी: रबर बागानों को अधिक जल की आवश्यकता होती है, जिससे वाष्पोत्सर्जन बढ़ता है, सतही जल प्रवाह कम होता है और जल उत्पादन घटता है।
    • प्रदूषण: रबर प्रसंस्करण के कारण जल और मृदा प्रदूषण बढ़ता है।

प्राकृतिक रबर के बारे में जानकारी:

  • मूल स्थान: यह अमेज़न नदी बेसिन का पौधा है, जिसे औपनिवेशिक काल में ब्रिटिश सरकार द्वारा उष्णकटिबंधीय एशिया और अफ्रीका में फैलाया गया।
  • आवश्यक परिस्थितियाँ: इसे 200 सेमी. वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है और यह विभिन्न जलवायु व मृदा स्थितियों में उग सकता है।
  • उत्पादन क्षेत्र: वैश्विक रबर उत्पादन का 90% दक्षिण-पूर्व एशिया में होता है, जिसमें थाईलैंड सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत इस क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जहाँ केरल प्रमुख उत्पादक राज्य है।

निष्कर्ष: रबर बागानों का विस्तार पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है। इनसे मिट्टी में संग्रहीत कार्बन की हानि, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता में कमी और जल संसाधनों पर दबाव जैसी समस्याएँ पैदा हो रही हैं।

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