Download Today Current Affairs PDF
अनुकूलन अंतराल रिपोर्ट 2024:
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने अनुकूलन अंतराल रिपोर्ट 2024 जारी की हैं। यह रिपोर्ट अनुकूलन योजना, क्रियान्वयन और वित्त में वार्षिक प्रगति का मूल्यांकन प्रदान करती है। रिपोर्ट में अनुकूलन अंतराल को वास्तविक क्रियान्वित अनुकूलन और सामाजिक लक्ष्यों के बीच का अंतर बताया गया है, जिसमें संसाधनों की सीमाओं और प्राथमिकताओं का प्रभाव दिखाया गया है।
मुख्य निष्कर्ष:
- अनुकूलन अंतराल: प्रति वर्ष $187-359 बिलियन अमेरिकी डॉलर।
- अनुकूलन प्रगति: विकासशील देशों में अंतर्राष्ट्रीय अनुकूलन वित्त 2022 में बढ़कर $27.5 बिलियन हो गया। यह ग्लासगो जलवायु समझौते के तहत 2025 तक अनुकूलन वित्त को दोगुना करने की दिशा में प्रगति का संकेत है।
- अनुकूलन का महत्व: महत्वाकांक्षी अनुकूलन से वैश्विक जलवायु जोखिम आधा किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, कृषि में $16 बिलियन के वार्षिक निवेश से 78 मिलियन लोग जलवायु परिवर्तन से संबंधित भुखमरी से बच सकते हैं।
अनुकूलन अंतराल को पाटने के लिए सिफारिशें:
- COP29 में जलवायु वित्त के लिए एक महत्वाकांक्षी, नए सामूहिक परिमाणित लक्ष्य को अपनाना।
- सक्षम कारकों को मजबूत करना, नए वित्तीय साधनों को अपनाना, क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर ध्यान देना।
- अनुकूलन वित्त को परियोजना-आधारित वित्तपोषण से बदलकर अधिक पूर्वानुमानित, रणनीतिक, और परिवर्तनकारी अनुकूलन में स्थानांतरित करने की जरूरत।
अनुकूलन के लिए प्रमुख पहलें
वैश्विक स्तर पर:
- पेरिस समझौता: इसका उद्देश्य वैश्विक अनुकूलन क्षमता को बढ़ाना है।
- यूएई का वैश्विक जलवायु लचीलापन फ्रेमवर्क: 11 वैश्विक अनुकूलन लक्ष्य शामिल।
- अनुकूलन कोष: क्योटो प्रोटोकॉल के तहत विकासशील देशों की अनुकूलन परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण।
भारत में:
- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC): आठ राष्ट्रीय मिशनों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटना।
- राष्ट्रीय अनुकूलन कोष (NAFCC): संवेदनशील राज्यों में अनुकूलन को बढ़ावा देना।
- मिष्टी और अमृत धरोहर जैसी क्षेत्रीय योजनाएं: जलवायु सहनशीलता बढ़ाने में सहायक योजनाएं।
रिपोर्ट यह रेखांकित करती है कि अनुकूलन में निवेश और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने से न केवल जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकता है बल्कि इसके कारण उत्पन्न संकटों का सामना करने के लिए आवश्यक तैयारी भी सुनिश्चित की जा सकती है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP):संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में पर्यावरण के लिए अग्रणी वैश्विक प्राधिकरण है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण में देशों और लोगों को प्रेरित करना, सक्षम बनाना और भविष्य की पीढ़ियों के हित में उन्हें जानकारी प्रदान करना है। UNEP पर्यावरणीय मानकों को सुदृढ़ करने और जिम्मेदारियों को लागू करने में देशों को मदद करता है। UNEP का मिशन:UNEP का लक्ष्य है पर्यावरणीय जागरूकता और जिम्मेदारी बढ़ाना ताकि सभी राष्ट्र और लोग पर्यावरणीय रूप से सतत जीवनशैली को अपना सकें। UNEP के एकाग्रता के छह प्रमुख क्षेत्र:वैश्विक प्राथमिकताओं और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर, UNEP ने अपनी गतिविधियों को छह प्रमुख क्षेत्रों में पुनर्गठित किया है: 1. जलवायु परिवर्तन: UNEP जलवायु अनुकूलन, शमन, प्रौद्योगिकी और वित्त में नेतृत्व प्रदान करके देशों की जलवायु प्रतिक्रियाओं को सुदृढ़ करता है। इसका ध्यान कम-कार्बन समाजों में बदलाव, नवीकरणीय ऊर्जा के विकास और जलवायु विज्ञान की समझ को बढ़ाने पर है। 2. संघर्ष-पश्चात और आपदा प्रबंधन: संकटग्रस्त देशों में पर्यावरण आकलन और प्रबंधन को सुधारने के लिए UNEP द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। संघर्ष के बाद पर्यावरणीय सुधार में अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सूडान और अन्य देशों में आकलन शामिल हैं। 3. पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन: UNEP सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के संरक्षण और प्रबंधन पर काम करता है। उदाहरण के तौर पर भूमि-आधारित गतिविधियों से समुद्री पर्यावरण के संरक्षण के लिए वैश्विक कार्य कार्यक्रम (GPA) का कार्यान्वयन करता है। 4. पर्यावरणीय शासन: UNEP पर्यावरणीय शासन के विकास में मदद करता है ताकि पर्यावरण को सतत विकास योजना में मुख्यधारा में लाया जा सके। यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर नीतियों, कानूनों और कार्यक्रमों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण में सरकारों का समर्थन करता है। 5. हानिकारक पदार्थ: UNEP मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य पर हानिकारक पदार्थों के प्रभाव को कम करने का प्रयास करता है। यह पारे पर वैश्विक समझौते और सुरक्षित रसायन प्रबंधन जैसे पहलुओं पर भी ध्यान देता है। 6. संसाधन दक्षता और टिकाऊ उपभोग एवं उत्पादन: UNEP संसाधनों के उपयोग में दक्षता बढ़ाने और टिकाऊ उत्पादन एवं उपभोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसका मारकेश प्रक्रिया के माध्यम से टिकाऊ उपभोग और उत्पादन पर 10-वर्षीय ढांचा भी इसी दिशा में प्रयास है। UNEP अपने इन रणनीतिक क्षेत्रों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देकर वैश्विक और स्थानीय स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत है। |
Explore our Books: https://apnipathshala.com/product-category/books/
Explore Our test Series: https://tests.apnipathshala.com/