Download Today Current Affairs PDF
संदर्भ:
सकल घरेलू ज्ञान उत्पाद (GDKP): सरकार GDP के साथ एक नए सूचकांक, सकल घरेलू ज्ञान उत्पाद (GDKP) को शामिल करने की योजना को फिर से शुरू कर रही है। हाल ही में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने इसके वैचारिक ढांचे पर चर्चा की। यह नया मापक नवाचार (Innovation), बौद्धिक संपदा (Intellectual Assets) और ज्ञान–आधारित क्षेत्रों के योगदान को आर्थिक विकास में अधिक प्रभावी रूप से दर्शाएगा।
सकल घरेलू ज्ञान उत्पाद (GDKP) :
- परिचय:
- GDKP एक प्रस्तावित संकेतक है, जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के पूरक के रूप में कार्य करेगा।
- यह ज्ञान-आधारित क्षेत्रों, बौद्धिक संपत्तियों और नवाचार के आर्थिक योगदान को मापने पर केंद्रित है।
- GDP और GDKP का अंतर:
- GDP मुख्य रूप से उत्पादन और खपत के माध्यम से आर्थिक उत्पादन को मापता है।
- GDKP ज्ञान के प्रभाव को आर्थिक और सामाजिक विकास के दृष्टिकोण से मूल्यांकन करता है।
भारत में सकल घरेलू ज्ञान उत्पाद (GDKP) की आवश्यकता:
- ज्ञान–आधारित अर्थव्यवस्था का आकलन:
- भारत अनुसंधान, पेटेंट, सॉफ्टवेयर विकास, एआई, डिजिटल सेवाओं और बौद्धिक संपदा में तेज़ी से वृद्धि कर रहा है।
- ये क्षेत्र आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, लेकिन GDP में इनका समुचित मूल्यांकन नहीं होता।
- पारंपरिक आर्थिक संकेतकों की सीमाएँ:
- GDP केवल ठोस वस्तुओं और सेवाओं को मापता है, लेकिन ज्ञान सृजन, शिक्षा और डिजिटल परिवर्तन को पर्याप्त रूप से नहीं दर्शाता।
- GDKP एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करेगा, जो आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को बेहतर ढंग से माप सकेगा।
- वैश्विक रुझानों के अनुरूपता:
- विकसित अर्थव्यवस्थाएँ डिजिटल नवाचार, अमूर्त संपत्तियों और बौद्धिक पूंजी के मापन के लिए वैकल्पिक संकेतकों पर काम कर रही हैं।
- भारत भी एक ऐसा ढांचा विकसित करना चाहता है, जो इन अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के अनुरूप हो।
- नीति और निवेश संबंधी निर्णय:
- GDKP सरकार को शिक्षा, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों के लिए बेहतर नीतियाँ बनाने में मदद कर सकता है।
- यह अनुसंधान एवं विकास (R&D), डिजिटल कनेक्टिविटी और कौशल विकास में निवेश को सही दिशा देने में सहायक होगा।
सकल घरेलू ज्ञान उत्पाद (GDKP) लागू करने में चुनौतियाँ::
- डेटा संग्रह की समस्याएँ
- GDP की तुलना में GDKP के लिए नए तरीकों की आवश्यकता होगी, क्योंकि ज्ञान उत्पादन को मापने के लिए कोई स्थापित आर्थिक संकेतक उपलब्ध नहीं हैं।
- बौद्धिक संपदा, अनुसंधान उत्पादन, डिजिटल नवाचार और मानव पूंजी विकास से जुड़े डेटा बिखरे हुए हैं और इन्हें मात्रात्मक रूप से मापना कठिन है।
- GDP के साथ समेकन (Integration):
- कुछ ज्ञान–आधारित योगदान पहले से ही GDP में शामिल होते हैं (जैसे बौद्धिक संपदा को स्थिर पूंजी निर्माण में गिना जाता है)।
- GDKP को GDP में दोहराव से बचाते हुए एकीकृत करना चुनौतीपूर्ण होगा।
- मापन में विषयगत जटिलता (Subjectivity in Measurement):
- राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) ने पहले उल्लेख किया था कि ज्ञान से जुड़े मानकों को परिभाषित करना और मात्रात्मक रूप से मापना कठिन है।
- MoSPI (सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय) ने स्वीकार किया है कि GDKP की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक उचित कार्यप्रणाली आवश्यक होगी, ताकि आंकड़ों का आकलन धारणा-आधारित न हो।