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न्यूरालिंक द्वारा मानव मस्तिष्क प्रत्यारोपण

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संदर्भ:

हाल ही में एलन मस्क की ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) कंपनी, न्यूरालिंक ने मानव मस्तिष्क में न्यूरालिंक डिवाइस का अपना तीसरा मानव परीक्षण सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण करके तंत्रिका तंत्र और मशीनों के बीच सीधे संपर्क स्थापित करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है।

न्यूरालिंक ब्रेन इम्प्लांट/चिप के बारे में:

  • उद्देश्य:
    • न्यूरालिंक का उद्देश्य नर्वस सिस्टम को कंप्यूटर से जोड़ना है।
    • यह मस्तिष्क संबंधी विकारों का उपचार करने, मस्तिष्क चोटों को ठीक करने और अन्य अनुप्रयोगों पर केंद्रित है।
  • लक्ष्य:
    • सिर्फ सोचकर कंप्यूटर कर्सर या कीबोर्ड को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करना।
    • प्रारंभिक उपयोगकर्ता वे होंगे जिन्होंने अपने अंगों का उपयोग खो दिया है

न्यूरालिंक के बारे में:

  • परिचय:
    • न्यूरालिंक एक अमेरिकी न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी है।
    • यह ब्रेनकंप्यूटर इंटरफेस को इम्प्लांट करती है।
    • इसकी स्थापना 2016 में एलन मस्क ने की थी।
  • उद्देश्य:
    • मस्तिष्क प्रत्यारोपण (ब्रेन इम्प्लांट) के जरिए,
    • गंभीर चोटों वाले व्यक्तियों को केवल अपने विचारों के माध्यम से कंप्यूटर नियंत्रित करने में सहायता करना।
    • पार्किंसन जैसे न्यूरोलॉजिकल विकारों का समाधान करना।
  • लक्ष्य: मानव क्षमताओं को बढ़ाना और न्यूरोलॉजिकल स्थितियों में सुधार करना।

ब्रेनकंप्यूटर इंटरफेस (BCI) के अनुप्रयोग:

  1. चिकित्सा उपचार:
    • न्यूरोलॉजिकल विकारों का उपचार: मस्तिष्क विकार जैसे एपिलेप्सी, पार्किंसन, और न्यूरोडीजेनेरेटिव समस्याओं का निदान और उपचार।
    • स्ट्रोक पुनर्वास: स्ट्रोक के बाद मोटर फंक्शन की पुनर्प्राप्ति में मदद।
  2. सहायक प्रौद्योगिकी:
    • मस्तिष्क द्वारा उपकरणों का नियंत्रण: विचारों के माध्यम से कृत्रिम अंग, व्हीलचेयर, या रोबोटिक उपकरणों को नियंत्रित करना।
    • संवाद बहाली: लॉक्डइन सिंड्रोम जैसी स्थितियों में संचार को पुनः स्थापित करना।
    • मानसिक स्वास्थ्य निगरानी: डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मानसिक स्थितियों की निगरानी और प्रबंधन में उपयोग।
    • वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी: उपयोगकर्ताओं को अपने विचारों के माध्यम से डिजिटल वातावरण के साथ इंटरैक्ट करने में सक्षम बनाना।

चुनौतियाँ:

  1. पशु अधिकार समूहों का विरोध: न्यूरालिंक पर प्राइमेट्स पर परीक्षण करने को लेकर पशु अधिकार समूहों ने आपत्ति जताई है।
  2. सुरक्षा और विश्वसनीयता: इसके सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। गड़बड़ी या खराबी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, इसलिए कठोर परीक्षण आवश्यक है।
  3. गोपनीयता और सुरक्षा: मस्तिष्क इम्प्लांट्स से डेटा गोपनीयता समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। बिना अनुमति के न्यूरल जानकारी का एक्सेस रोकना जरूरी है।

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