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10 दिसम्बर को मनाया जाने वाला मानवाधिकार दिवस, दुनियाभर में सर्वजन के लिए समानता, न्याय और गरिमा सुनिश्चित करने के महत्व की याद दिलाता है।
मानवाधिकार दिवस 2024:
- महत्त्व: यह दिन मानवाधिकारों की सुरक्षा और न्याय के प्रति समाज की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
- वर्ष 2024 की थीम: “हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, हमारा वर्तमान” (Our Rights, Our Future, Right Now). थीम निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करती है:
- समुदायों को उनके अधिकारों का स्वामित्व लेने के लिए सशक्त बनाना।
- लिंग असमानता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और जलवायु न्याय जैसे मुद्दों का तुरंत समाधान करना।
- मानवाधिकारों को विकास और समावेशिता सुनिश्चित करने वाले ढांचे में शामिल करना।
इतिहास:
- शुरुआत: 1950 में मानवाधिकार दिवस की शुरुआत हुई।
- मुख्य घटना: 10 दिसंबर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) को अपनाया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद:
- स्थापना: 2006
- सदस्य देश: 47 (भारत भी शामिल)
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
- सचिवालय: मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR)
मुख्य उद्देश्य:
- हेट स्पीच, फेक न्यूज़ और मानवाधिकार हनन को रोकना।
- समानता को बढ़ावा देना और भेदभाव को समाप्त करना।
- न्याय, स्वतंत्रता और गरिमा की सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
भारत में मानवाधिकारों की सुरक्षा:
भारतीय संविधान के अंतर्गत:
- मूल अधिकार (भाग III): जीवन, स्वतंत्रता और समानता के अधिकार की गारंटी।
- राज्य की नीति के निर्देशक सिद्धांत (भाग IV): नागरिकों के कल्याण के लिए राज्य की जिम्मेदारी।
- प्रस्तावना: संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्य स्पष्ट रूप से दर्शाए गए हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC):
स्थापना और उद्देश्य:
- स्थापना का वर्ष: 1993 (मानवाधिकार की सार्वभौम घोषणा के अनुसार)
- अधिनियम: मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA), 1993
- प्रमुख उद्देश्य:
- व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता, और गरिमा से जुड़े अधिकारों की रक्षा करना।
मुख्य कार्य (Functions):
- मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित शिकायतों की जांच।
- मामलों का समाधान और निवारण।
- मानवाधिकारों के प्रचार-प्रसार और जागरूकता बढ़ाना।
- मानवाधिकार उल्लंघन की रोकथाम।
- रिपोर्ट तैयार करना और प्रकाशित करना।
शक्तियां (Powers):
- गवाहों की जांच और समन देना।
- अदालत में हस्तक्षेप और संबंधित मुद्दों पर सलाह देना।
- सिफारिशें करने और सुधारात्मक कदम उठाने की शक्ति।
सदस्य और संगठन संरचना:
- संरचना:
- अध्यक्ष: सेवानिवृत्त CJ/SC के न्यायाधीश।
- सदस्य: 5 पूर्णकालिक और 7 अंशकालिक।
- प्रशासनिक प्रमुख: महासचिव।
- कार्यकाल: 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक।
- नियुक्ति: सदस्य नियुक्ति समिति द्वारा, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा उपाध्यक्ष, गृहमंत्री, और विपक्ष के नेता शामिल होते हैं।
- निष्कासन: राष्ट्रपति द्वारा दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर।
राज्य मानवाधिकार आयोग:
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- PHRA अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित।
- नियुक्ति: राज्यपाल द्वारा।
- नियंत्रण: राष्ट्रपति द्वारा