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भारतीय नौसेना दिवस 2024: महत्व, इतिहास और विषय

भारतीय नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में भारतीय नौसेना के महत्वपूर्ण योगदान और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी भूमिका का सम्मान करने के लिए समर्पित है। इस दिन को विशेष रूप से 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सफल ऑपरेशन ट्राइडेंट की याद में मनाया जाता है।

भारतीय नौसेना दिवस 2024 का विषय:

“शक्ति और सामर्थ्य: नवाचार और स्वदेशीकरण के माध्यम से” यह विषय भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल क्षमता को उन्नत करने में नवाचार और आत्मनिर्भरता पर जोर देता है। यह स्वदेशी तकनीकों और उपकरणों के विकास के महत्व को रेखांकित करता है, जो समुद्री रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाता है। यह थीम नौसेना की रणनीतिक क्षमता बढ़ाने और भारतीय महासागर क्षेत्र व उससे आगे राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है।

इतिहास और महत्व:

  • भारतीय नौसेना 1612 में अस्तित्व में आई थी, जब रायल इंडियन नेवी नाम से ईस्ट इंडिया कंपनी ने नौसेना बनाई थी। 1950 में स्वतंत्रता के बाद इसे भारतीय नौसेना के तौर पर पुनर्गठित किया गया।
  • 4 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर साहसिक और सफल हमला किया। यह ऑपरेशन ट्राइडेंट का हिस्सा था, जिसने पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमताओं को भारी नुकसान पहुंचाया। इस ऑपरेशन में पहली बार युद्ध में एंटी-शिप मिसाइलों का उपयोग किया गया था।
  • इस घटना में आईएनएस निपट, आईएनएस निर्घट, और आईएनएस वीर जैसे तीन प्रमुख युद्धपोतों ने अहम भूमिका निभाई। यह दिन भारतीय नौसेना की वीरता और सामरिक कुशलता का प्रतीक है।

भारतीय नौसेना दिवस के आयोजन और कार्यक्रम:

भारतीय नौसेना दिवस पर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें सबसे बड़ा आयोजन विशाखापट्टनम में पूर्वी नौसेना कमान द्वारा किया जाता है।
मुख्य कार्यक्रमों में शामिल हैं:

  • नौसेना स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पण।
  • नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और विशेष बलों की ऑपरेशनल प्रदर्शनियां।
  • नौसेना की युद्ध रणनीतियों और बचाव अभियानों का सीधा प्रदर्शन।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम और भारतीय नौसेना बैंड द्वारा देशभक्ति संगीत प्रस्तुतियां।

भारतीय नौसेना की भूमिका:

भारतीय नौसेना का मुख्य उद्देश्य भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करना और समुद्री आर्थिक हितों की रक्षा करना है।

  • नौसेना आपदा राहत, समुद्री डकैती विरोधी अभियानों और अन्य देशों के साथ समुद्री साझेदारी को बढ़ावा देने में भी सक्रिय भूमिका निभाती है।
  • यह समुद्री संसाधनों के संरक्षण और सतत समुद्री प्रथाओं को सुनिश्चित करने में योगदान देती है।
  • भारतीय नौसेना के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति होते हैं।

भारतीय नौसेना के बारे में:

भारतीय नौसेना एक त्रिआयामी संतुलित बल है, जो महासागर की सतह के ऊपर, सतह पर और सतह के नीचे संचालन करने में सक्षम है। यह समुद्री क्षेत्रों में राष्ट्रीय हितों की कुशलता से रक्षा करती है।

नौसेना का प्रशासन और संचालन:

भारतीय नौसेना का संचालन और प्रशासन नौसेनाध्यक्ष (CNS) के नेतृत्व में किया जाता है। नौसेनाध्यक्ष रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय (नौसेना) से नौसेना का नियंत्रण करते हैं। उनकी सहायता के लिए निम्नलिखित अधिकारी होते हैं:

  • सह-नौसेनाध्यक्ष (VCNS)
  • उप नौसेनाध्यक्ष (DCNS)
  • कार्मिक प्रमुख (COP)
  • सामग्री प्रमुख (COM)

नौसेना की कमान और क्षेत्रीय वितरण: भारतीय नौसेना की तीन प्रमुख कमानें हैं, जिनका संचालन फ्लैग अफ़सर कमांडिंग-इन-चीफ़ के नियंत्रण में होता है:

  1. पश्चिमी नौसेना कमान (मुख्यालय: मुंबई): अरब सागर में संचालन की जिम्मेदारी।
  2. पूर्वी नौसेना कमान (मुख्यालय: विशाखापट्टनम): बंगाल की खाड़ी में संचालन की जिम्मेदारी।
  3. दक्षिणी नौसेना कमान (मुख्यालय: कोच्चि): नौसेना के प्रशिक्षण संबंधी कार्यों का केंद्र।

भारतीय नौसेना के बेड़े और फ्लोटिला: भारतीय नौसेना के पास दो प्रमुख बेड़े हैं:

  • पश्चिमी बेड़ा (मुख्यालय: मुंबई)
  • पूर्वी बेड़ा (मुख्यालय: विशाखापट्टनम)

इन बेड़ों के अतिरिक्त निम्न स्थानों पर फ्लोटिला भी मौजूद हैं:

  • मुंबई
  • विशाखापट्टनम
  • पोर्ट ब्लेयर (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह)

यह फ्लोटिला अपने-अपने क्षेत्र में स्थानीय नौसेना सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। भारत के तटों और द्वीपीय क्षेत्रों पर स्थित अन्य नौसैनिक अड्डे (पोत बेस) राष्ट्रीय हित के क्षेत्रों में नौसेना की निरंतर उपस्थिति बनाए रखने में सहायक हैं।

नेवल प्रभारी अधिकारी (NOIC): प्रत्येक नौसेना कमान के अधीन नेवल प्रभारी अधिकारी होते हैं, जो अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले बंदरगाहों की स्थानीय सुरक्षा के लिए उत्तरदायी हैं।

  • अंडमान और निकोबार कमान:
    • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सुरक्षा की जिम्मेदारी तीनों सेनाओं (थलसेना, नौसेना, वायुसेना) की संयुक्त कमान पर है।
    • मुख्यालय: पोर्ट ब्लेयर
    • यह भारतीय सशस्त्र बलों की एकमात्र त्रि-सेवा कमान है।
    • इसके कमांडर-इन-चीफ़ की नियुक्ति बारी-बारी से तीनों सेनाओं से की जाती है।
  • लक्षद्वीप समूह की सुरक्षा: लक्षद्वीप समूह की स्थानीय नौसेना सुरक्षा की जिम्मेदारी लक्षद्वीप के नेवल प्रभारी अधिकारी के अधीन है।

भारतीय नौसेना के बारे में रोचक तथ्य:

  1. भारतीय नौसेना विश्व की साँतवीं सबसे बड़ी नौसेना है।
  2. नौसेना का आदर्श वाक्य है: “शं नो वरूणः” (पानी के देवता वरुण हमारे लिए शुभ हों)।
  3. नौसेना ने स्वदेशी जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों के निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति की है।
  4. नौसेना का आईएनएस विक्रमादित्य विमानवाहक पोत 2013 में सेवा में आया।
  5. नौसेना चक्र, सिंधुघोष और शिशुमार श्रेणी की तीन प्रकार की पनडुब्बियों का संचालन करती है।
  6. छत्रपति शिवाजी महाराज को भारतीय नौसेना का जनक माना जाता है।
  7. नौसेना के माकोस (MARCOS) विशेष बल हैं, जो समुद्री युद्ध, आतंकवाद विरोधी अभियान, बंधक बचाव और गुप्त अभियानों के लिए प्रशिक्षित हैं।

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