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संदर्भ:
भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट 2024-26 के अनुसार, भारत की जनसंख्या का कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ (स्वास्थ्य को छोड़कर) प्राप्त करने का अनुपात 2021 के 24% से बढ़कर 2024 में 49% हो गया है।
सामाजिक सुरक्षा क्या है?
सामाजिक सुरक्षा एक ऐसी प्रणाली है जो व्यक्तियों को वित्तीय सहायता और संरक्षण प्रदान करती है, विशेष रूप से उन स्थितियों में जब वे सेवानिवृत्ति, बेरोज़गारी, बीमारी या विकलांगता का सामना कर रहे होते हैं। इसका उद्देश्य लोगों को आवश्यक सेवाएँ और संसाधन प्रदान करना है जो उनके सामाजिक और आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करें।
भारत में सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ:
भारत में सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार की सामाजिक बीमा (Social Insurance) को कवर करती हैं:
- पेंशन – वृद्धावस्था में आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए।
- स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा लाभ– चिकित्सा खर्चों को कवर करने के लिए।
- विकलांगता लाभ– किसी दुर्घटना या विकलांगता के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए।
- मातृत्व लाभ – गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए।
- ग्रेच्युटी– दीर्घकालिक सेवा के बाद कर्मचारियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता।
विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024-26:
सामाजिक सुरक्षा कवरेज में वृद्धि
- वर्ष 2018 में कुल जनसंख्या का 24.4% कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत कवर था, जो 2022 में बढ़कर 48.8% हो गया।
- सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाएँ, बीमा और पेंशन कार्यक्रम इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।
- इसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को आवश्यक सहायता प्रदान करना है।
डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग
- ई–श्रम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण और निगरानी के लिए किया जा रहा है।
- इससे श्रमिकों को रोज़गार के अवसरों और सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुँच सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
सामाजिक सुरक्षा का महत्व:
- समावेशी समाज: बच्चों, महिलाओं, वृद्धों और दिव्यांगजनों को सुरक्षा प्रदान करना।
- जलवायु अनुकूलन में सहायता: गरीबी, असमानता और सामाजिक बहिष्कार को कम करने में मदद।
- अन्य महत्वपूर्ण पहलू
- हरित नौकरियों की ओर संक्रमण।
- टिकाऊ आर्थिक नीतियों को बढ़ावा।
भारत में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियाँ:
- सामाजिक सुरक्षा कवरेज:
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए व्यापक सुरक्षा उपायों का अभाव।
- केवल 26% भारतीय महिलाएँ किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से जुड़ी हैं, जबकि पुरुषों के लिए यह आँकड़ा 39% है।
- अपर्याप्त वित्त पोषण: भारत सामाजिक सुरक्षा पर केवल 5% GDP खर्च करता है, जो वैश्विक औसत 13% से काफी कम है।
- स्वचालन (Automation) का प्रभाव: AI और ऑटोमेशन से 2030 तक लगभग 1.2 करोड़ नौकरियाँ प्रभावित हो सकती हैं (McKinsey रिपोर्ट)।
आगे की राह:
- सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाना: बेरोज़गारी बीमा और पेंशन योजनाओंका विस्तार, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए।
- लैंगिक असमानता को दूर करना: मातृत्व लाभों (Maternity Benefits) का विस्तारऔर महिलाओं के लिए पेंशन योजनाओं की बेहतर पहुँच सुनिश्चित करना।
- डेटा संग्रह और निगरानी में सुधार: बेहतर डेटा संग्रह और निगरानी प्रणालीसे अधिक लाभार्थियों तक पहुँचना।
- AI युग में पुन: कौशल विकास पर ज़ोर देना।