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संदर्भ:
भारत का मसाला बाज़ार: भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक होने के बावजूद वैश्विक सीज़निंग बाजार में केवल 0.7% की हिस्सेदारी रखता है, जबकि यह बाजार 2024 में 14 अरब डॉलर का था।
- इसके विपरीत, चीन की इस बाजार में 12% और अमेरिका की 11% हिस्सेदारी है।
- यह आंकड़े बताते हैं कि भारत की अपार मसाला संपदा के बावजूद, वैश्विक स्तर पर सीज़निंग और प्रोसेस्ड मसालों के क्षेत्र में देश की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है।
भारत का मसाला बाज़ार : भारत में मसाले (Spices in India)
मुख्य मसाला उत्पादक क्षेत्र:
- केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और गुजरात प्रमुख मसाला उत्पादक राज्य हैं।
- इसके अलावा, उत्तर-पूर्व, ओडिशा और झारखंड जैसे नए क्षेत्र भी मसाला उत्पादन में उभर रहे हैं।
भारत में उगाए जाने वाले और निर्यात किए जाने वाले प्रमुख मसाले:
- काली मिर्च (Black Pepper):
- इसे “मसालों का राजा” (The King of Spices) कहा जाता है।
- मुख्य रूप से केरल और कर्नाटक में उगाई जाती है।
- इलायची (Cardamom):
- वैश्विक बाजार में अत्यधिक मूल्यवान।
- मुख्य रूप से दक्षिण भारत में उत्पादित।
- हल्दी (Turmeric): यह खाद्य, औषधीय और पोषण उत्पादों (nutraceutical applications) में उपयोग होती है।
- जीरा और धनिया (Cumin & Coriander): भारतीय और मध्य पूर्वी व्यंजनों (Middle Eastern cuisine) में अत्यधिक उपयोगी।
- मिर्च (Chilies):
- भारत दुनिया में लाल मिर्च का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगाई जाती है।
भारत में मसालों की स्थिति (Status of Spices in India)
- उत्पादन (Production):
- 2022-23: भारत ने 11.14 मिलियन टन मसालों का उत्पादन किया।
- 2021-22: उत्पादन 11.12 मिलियन टन था।
- भारत में कुल 109 ISO-सूचीबद्ध मसालों में से 75 मसालों का उत्पादन होता है।
- चिली, जीरा, हल्दी, अदरक और धनिया का कुल उत्पादन में 76% योगदान है।
- 2022-23 में शीर्ष 3 उत्पादित मसाले:
- लहसुन (Garlic)
- अदरक (Ginger)
- मिर्च (Chilli)
- निर्यात (Exports):
- 2023-24: भारत ने लगभग 14 लाख टन मसालों का निर्यात किया, जिसकी कीमत USD 4.4 बिलियन रही।
- चिली (Chilli): भारत का सबसे बड़ा निर्यात किया जाने वाला मसाला, जो कुल मसाला निर्यात का 31% है।
- भारत लगभग 200 देशों को मसालों का निर्यात करता है।
- प्रमुख बाजार: चीन, बांग्लादेश, पश्चिम एशिया के देश, और अमेरिका।
मुख्य चुनौतियाँ (Key Challenges):
- कम मूल्य संवर्धन (Low Value Addition):
- भारत के मसाला निर्यात का केवल 48% ही मूल्य-वर्धित उत्पाद होते हैं।
- शेष कच्चे मसाले (Raw Whole Spices) के रूप में बेचे जाते हैं।
- सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ (Socio-economic Challenges): लगभग 98% मसालों का उत्पादन छोटे किसानों द्वारा किया जाता है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि होती है।
- कमजोर नियमन (Weak Regulation): भारत में सभी स्वच्छता और पादप स्वच्छता (Sanitary & Phytosanitary – SPS) उपायों को कवर करने वाला कोई राष्ट्रीय मानक नहीं है।
- कड़ी वैश्विक प्रतिस्पर्धा (Stiff Global Competition): वियतनाम, इंडोनेशिया, ब्राजील, चीन जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।