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संदर्भ:
Access Now की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2024 में 84 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ, जो किसी भी लोकतांत्रिक देश में सबसे अधिक है। हालांकि, छह वर्षों में पहली बार भारत शीर्ष पर नहीं रहा, क्योंकि म्यांमार ने 85 शटडाउन के साथ भारत को पीछे छोड़ दिया।
इंटरनेट शटडाउन क्या है?
- इंटरनेट शटडाउन सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध है, जिसमें इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाता है।
- इसका उद्देश्य ऑनलाइन संचार को बाधित करना और विशेष परिस्थितियों में सूचना के प्रवाह को नियंत्रित करना होता है।
इंटरनेट शटडाउन कब लगाया जाता है?
- प्रदर्शन – कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए।
- सांप्रदायिक हिंसा – अफवाहों और गलत सूचना को रोकने के लिए।
- परीक्षाएँ – नकल रोकने के लिए।
- चुनाव – निष्पक्षता बनाए रखने के लिए।
- सुरक्षा अभियान – आतंकवाद और अन्य खतरों को नियंत्रित करने के लिए।
इंटरनेट शटडाउन पर प्रमुख निष्कर्ष:
- वैश्विक इंटरनेट शटडाउन (Global Internet Shutdowns):
- म्यांमार में सबसे अधिक 85 शटडाउन हुए।
- भारत ने 84 शटडाउन (वैश्विक कुल का 28%) के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया।
- हालांकि, भारत में सरकार द्वारा लगाए गए इंटरनेट प्रतिबंधों की संख्या सबसे अधिक रही, जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लागू किए गए।
- भारत में इंटरनेट शटडाउन (Internet Shutdowns in India):
- 2024 में इंटरनेट शटडाउन की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम रही।
- 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शटडाउन दर्ज किए गए।
- सबसे अधिक प्रभावित राज्य:
- मणिपुर – 21 शटडाउन
- हरियाणा – 12 शटडाउन
- जम्मू और कश्मीर – 12 शटडाउन
भारत में इंटरनेट शटडाउन के प्रावधान:
- टेली कम्युनिकेशन सेवाओं का अस्थायी निलंबन नियम, 2024
- यह नियम टेलीकम्युनिकेशन अधिनियम, 2023 (Telecom Act, 2023) के तहत लागू किए गए हैं।
- 2024 के नियम पुराने 2017 के नियमों को प्रतिस्थापित करते हैं, जो पहले इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885 के तहत बनाए गए थे।
- टेलीकम्युनिकेशन अधिनियम, 2023: एक नया कानून:
- इस अधिनियम ने कई पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया, जैसे:
- इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885
- इंडियन वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट, 1933
- टेलीग्राफ वायर (अवैध स्वामित्व) अधिनियम, 1950
- इस अधिनियम ने कई पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया, जैसे:
निष्कर्ष:
- अंधाधुंध इंटरनेट शटडाउन से सामाजिक और आर्थिक नुकसान होता है, और कई बार यह प्रभावी भी नहीं होता।
- बेहतर इंटरनेट प्रबंधन के लिए भारतीय नागरिक समाज को पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है।