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संदर्भ:
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, 2024 में भारत में सोने में निवेश 60% बढ़कर $18 बिलियन (लगभग ₹1.5 लाख करोड़) तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में बड़ी वृद्धि है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
- भारत में सोने की निवेश मांग:
- 2024 में 239 टन, जो 2013 के बाद का उच्चतम स्तर है।
- 2023 (185 टन) की तुलना में 29% वृद्धि दर्ज की गई।
- वैश्विक सोने की मांग: 2023 में 945.5 टन से 25% वृद्धि हुई।
- भविष्य की संभावना: सोने की मांग में और वृद्धि की उम्मीद, खासकर गोल्ड एक्सचेंज–ट्रेडेड फंड्स (ETFs) और म्यूचुअल फंड्स में।
- 2025 का परिदृश्य: केंद्रीय बैंक और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- भारत:
- RBI ने 73 टन सोना अपने विदेशी मुद्रा भंडार में जोड़ा।
- इससे सोने की हिस्सेदारी रिकॉर्ड 11% तक पहुंच गई।
सोने की मांग में वृद्धि के कारण:
- सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि:
- वर्षभर सोने की कीमतों में स्थिर वृद्धि इसका मुख्य कारण रहा।
- निवेशकों ने मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाव के लिए सोने को प्राथमिकता दी।
- सांस्कृतिक मांग: शादी और शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की पारंपरिक प्रवृत्ति से खुदरा मांग में वृद्धि हुई।
- शहरी खरीदारी प्रवृत्तियाँ:
- महानगरों में सोने की खरीदारी में वृद्धि देखी गई।
- ई–कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने छोटे सोने के निवेश बार और सिक्कों की तेजी से डिलीवरी देकर निवेश को आसान बनाया।
- अन्य परिसंपत्तियों का कमजोर प्रदर्शन: घरेलू स्टॉक मार्केट के औसत रिटर्न ने निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया
सोने के संसाधनों की वर्तमान स्थिति:
- वैश्विक भंडार और केंद्रीय बैंक क्रियाकलाप:
- नवंबर 2024 में, वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने अपने स्वर्ण भंडार में 53 टन की वृद्धि की।
- यह सोने को स्थिर और सुरक्षित संपत्ति के रूप में मान्यता देने का संकेत देता है, खासकर उभरते बाजारों में।
- शीर्ष स्वर्ण भंडार वाले देश:
- संयुक्त राज्य अमेरिका (8,133.5 टन) दुनिया में सबसे अधिक स्वर्ण भंडार रखता है।
- भारत शीर्ष 10 देशों में शामिल है, जिनके पास सबसे अधिक स्वर्ण भंडार हैं।
- भारत में स्वर्ण संसाधन (1 अप्रैल 2015 तक):
- कुल स्वर्ण अयस्क भंडार:83 मिलियन टन।
- आरक्षित भंडार:22 मिलियन टन।
- शेष को अन्य संसाधनों के रूप में वर्गीकृत किया गया।
राज्यवार स्वर्ण अयस्क भंडार वितरण:
- बिहार – 44%, राजस्थान – 25%, कर्नाटक – 21%
- पश्चिम बंगाल – 3%, आंध्र प्रदेश – 3%, झारखंड – 2%
- अन्य (छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु) – 2%
खनिज अन्वेषण और सुधार:
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) सक्रिय रूप से भू-मानचित्रण और खनिज अन्वेषण में लगा हुआ है।
- भारत सरकार ने “Minerals Evidence of Mineral Contents Rules” में संशोधन किया, जिससे सोने सहित गहरे खनिजों के अन्वेषण और खनन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- चालू खाता घाटा (CAD) बढ़ेगा: अधिक सोने के आयात से विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ेगा।
- मुद्रास्फीति बढ़ेगी: सोने की बढ़ती मांग से इसकी कीमतें बढ़ेंगी, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।
- वित्तीय बाजार प्रभावित होगा: सोने में अधिक निवेश से शेयर बाजार में तरलता कम हो सकती है।