संदर्भ:
सूर्य में लौह अपारदर्शिता (Iron opacity in the Sun): हालिया शोध में यह खुलासा हुआ है कि सूर्य के भीतर लोहे की अपारदर्शिता (opacity) पहले के अनुमानों की तुलना में कहीं अधिक हो सकती है, जिससे वर्तमान सौर मॉडलों (solar models) को चुनौती मिली है।
सूर्य में लौह अपारदर्शिता (Iron opacity in the Sun) की उपस्थिति:
- सूर्य के कुल द्रव्यमान (Mass) का लगभग 0.14% हिस्सा लौह (Iron) से बना होता है, जबकि हाइड्रोजन लगभग 74% और हीलियम लगभग 24% होता है।
- मात्रा में कम होने के बावजूद, लौह सूर्य में अपारदर्शिता (Opacity) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सूर्य में लौह अपारदर्शिता (Iron opacity in the Sun) का महत्व:
- अपारदर्शिता यह निर्धारित करती है कि सूर्य की कोर (core) से ऊर्जा सतह तक कैसे पहुँचती है।
- अधिक अपारदर्शिता का अर्थ है कि ऊर्जा अधिक मात्रा में फँसी रहती है, जिससे सूर्य का तापमान, घनत्व और नाभिकीय संलयन दर (Fusion Rate) प्रभावित होता है।
नए अध्ययन की मुख्य बातें:
- वर्ष 2025 में Physical Review Letters में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सूर्य के भीतरी भाग में लौह की अपारदर्शिता, पहले के अनुमानों की तुलना में 30% से 400% अधिक पाई गई।
- शोधकर्ताओं ने एक पतली लौह परत को एक्स–रे विकिरण (X-rays) के संपर्क में रखा और स्पेक्ट्रोमीटर (Spectrometer) से उसकी छाया का विश्लेषण किया।
- उन्होंने यह देखा कि लौह ने विकिरण को कितनी तीव्रता से अवशोषित किया, जिससे उसकी अपारदर्शिता का सटीक अनुमान लगाया जा सका।
अध्ययन का महत्व:
- इस खोज से सूर्य के मॉडल निर्माण (solar modeling) की पद्धतियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
- यदि लौह की अपारदर्शिता को संशोधित किया जाए, तो सूर्य के तापमान प्रोफ़ाइल, संलयन दर और ऊर्जा वितरण को दर्शाने वाले मॉडल भी बदलने पड़ सकते हैं।
- यह संशोधन तारकीय व्यवहार (stellar behaviour) और ऊर्जा स्थानांतरण (energy transfer) को और अधिक सटीक रूप से समझने में मदद करेगा।
सूर्य में लौह की अपारदर्शिता का महत्व:
- लौह (Iron) जैसे तत्वों की अपारदर्शिता (Opacity) यह निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाती है कि किसी तारे (Star) में
- तापमान का क्रमिक परिवर्तन (Temperature Gradient)
- ऊर्जा का परिवहन (Energy Transport Mechanism)
- तथाध्वनि तरंगों का संचरण (Seismic Properties) कैसे होता है।
- सूर्य को एक मानक (reference) के रूप में उपयोग करके वैज्ञानिक दूर स्थित तारों का अध्ययन करते हैं।
इसलिए यदि सूर्य के मॉडल में त्रुटियाँ हों, तो वे आगे चलकर- कॉस्मोलॉजिकल सिमुलेशन (Cosmological Simulations)
- तारों के निर्माण (Star Formation)
- गैलेक्टिक विकास (Galactic Evolution)
- तथाब्रह्मांड की संरचना (Structure of the Universe) जैसी अवधारणाओं को भी प्रभावित कर सकती हैं।
- नई खोज के अनुसार, लौह की वास्तविक अपारदर्शिता पुराने अनुमानों से कहीं अधिक है। इससे अब निम्नलिखित भविष्यवाणियाँ और अधिक सटीक हो सकती हैं:
- सौर न्यूट्रिनो उत्सर्जन (Solar Neutrino Emissions)
- सूर्य के धब्बे चक्र और सौर ज्वालाएँ (Sunspot Cycles and Solar Flares)
- तारों की वृद्धावस्था प्रक्रिया (Stellar Aging Processes)
- अन्य तारों में ऊर्जा संतुलन (Energy Balance in Other Stars)