गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 78 वर्षीय जोसेफ फ्रांसिस परेरा (Joseph Francis Pereira) को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र सौंपा। जोसेफ फ्रांसिस परेरा (एक पाकिस्तानी ईसाई), नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) 2019 के तहत भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले गोवा के पहले व्यक्ति बने।
जोसेफ फ्रांसिस परेरा (Joseph Francis Pereira):
- जोसेफ फ्रांसिस परेरा पुर्तगाली शासन से मुक्ति से पहले पढ़ाई के लिए गोवा से पाकिस्तान गए थे और बाद में वहीं नौकरी कर ली थी।
- उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकता प्राप्त की और कराची में रहते थे, और 2013 में भारत लौट आए।
- 1946 में जन्मे श्री परेरा की शादी तटीय राज्य की मारिया से हुई है और सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, सेवानिवृत्ति के बाद 11 सितंबर, 2013 को भारत में प्रवेश किया था।
- मूल रूप से दक्षिण गोवा के परोडा गांव के रहने वाले परेरा अब उसी जिले के कंसुआलिम में अपने परिवार के साथ रहते हैं। सीएम सावंत ने पत्रकारों को बताया कि परेरा
- जोसेफ फ्रांसिस परेरा इस प्रमाण पत्र को पाने वाले पहले गोवा के निवासी हैं, लेकिन पूरे भारत में कई लोगों ने भारतीय राष्ट्रीयता प्राप्त करने के लिए सीएए में संशोधन का लाभ उठाया है।
- प्रमाण पत्र के अनुसार, श्री परेरा को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 बी के प्रावधानों के तहत और धारा 5 (1) (सी) के तहत शर्तों को पूरा करते हुए भारत में प्रवेश करने की तारीख से भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत किया गया है।
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) 2019 भारत का एक महत्वपूर्ण कानून है, जिसे दिसंबर 2019 में पारित किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के नागरिकता कानून में संशोधन करना था, ताकि अफगानिस्तान, बांग्लादेश, और पाकिस्तान से आए हुए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जा सके। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 11 मार्च, 2024 से देश में लागू हो गया हैं।
CAA के मुख्य बिंदु:
- सिटिजनशिप एक्ट 1955 अवैध प्रवासियों को भारत में नागरिकता लेने से रोकता था। अवैध प्रवासी यानी ऐसे लोग जो भारत में पासपोर्ट और वीजा के बगैर घुस आए हों या फिर दस्तावेज में लिखी अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक जाएं। CAA के जरिए इसमें संशोधन किया गया।
- नए प्रावधान के मुताबिक कोई हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत माइग्रेट हुआ है, उसे अवैध माइग्रेंट्स नहीं माना जाएगा। वो CAA के अंतर्गत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
- अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के ऐसे माइग्रेंट्स के खिलाफ अगर कोई लीगल केस चल रहा है, जिससे उसके इमिग्रेशन स्टेटस में रुकावट आ रही है। CAA के जरिए ऐसे केसेज में लीगल इम्यूनिटी दे दी गई है।
- पहले प्रवासियों को नागरिकता के। लिए आवेदन करने से पहले कम से कम 11 साल भारत में रहना जरूरी था।। CAA के जरिए ये अवधि घटाकर महज 6 साल कर दी गई।
CAA में एक प्रावधान ये भी है कि अगर कोई प्रवासी भारत के किसी कानून को तोड़ता या कोई अपराध करता है तो सरकार उसका Overseas Citizens of India Card वापस ले सकती है। ये कार्ड प्रवासी भारतीयों को भारत में बिना किसी रोक-टोक के रहने और काम करने की इजाजत देता है।
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