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भारत और कजाकिस्तान के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद-2024′ का आयोजन उत्तराखंड के औली में हो रहा है। यह अभ्यास दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच सहयोग, अंतर-संचालन और सौहार्द को बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है और 2016 से प्रति वर्ष इसका आयोजन हो रहा है।
काजिंद-2024 मुख्य विशेषताएँ:
- इस अभ्यास में भारतीय सेना के 120 जवान, जिसमें कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन और भारतीय वायु सेना के कर्मी शामिल हैं, भाग ले रहे हैं। कजाकिस्तान की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व उनकी थल सेना और वायु सेना के जवानों द्वारा किया जाएगा।
- उद्देश्य: इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सातवें अध्याय के तहत उप-पारंपरिक परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए दोनों देशों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है।
- केंद्रित क्षेत्र: अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ संयुक्त संचालन का अभ्यास किया जाएगा।
- सामरिक अभ्यास: अभ्यास के दौरान शामिल गतिविधियों में संयुक्त कमान पोस्ट की स्थापना, खुफिया निगरानी, हेलीपैड और लैंडिंग स्थल की सुरक्षा, कॉम्बैट फ्री फॉल, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन, ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग, तथा घेराव और तलाशी अभियान शामिल हैं।
इस अभ्यास से संयुक्त सैन्य रणनीतियों, तकनीकों और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम उपायों को साझा करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, यह भारत और कजाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देगा और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा।
भारत और कजाकिस्तान संबंध:
भारत और कजाकिस्तान के बीच रक्षा संबंध 1992 में कजाकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद से लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों ने 22 फरवरी 1992 को राजनयिक संबंध स्थापित किए, और तब से यह सहयोग विभिन्न रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में विस्तारित हुआ है।
महत्वपूर्ण घटनाएँ और समझौते:
- जुलाई 2015 में, दोनों देशों ने “रक्षा और सैन्य तकनीकी सहयोग” पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के लिए एक रूपरेखा प्रदान की, जिसमें सैन्य-तकनीकी सहयोग, सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण, और संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल हैं।
- लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (UNIFIL) के तहत, 2018 में कजाकिस्तान के सैनिकों को भारतीय कमान के तहत तैनात किया गया था, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग का एक और मजबूत उदाहरण प्रस्तुत हुआ।
- दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद‘ नियमित रूप से आयोजित किया जाता है, जिससे आपसी समझ और समन्वय में वृद्धि हुई है। यह अभ्यास 2016 से हर साल हो रहा है और इसमें आतंकवाद-रोधी और शांति स्थापना अभियानों के तहत संयुक्त सैन्य संचालन पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
कजाकिस्तान: एक परिचय
कजाकिस्तान मध्य एशिया का सबसे बड़ा और क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का नौवां सबसे बड़ा देश है। यह एक महत्वपूर्ण यूरेशियाई राष्ट्र है जो एशिया और यूरोप के बीच स्थित है। कजाकिस्तान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और भौगोलिक विविधता इसे एक प्रमुख राष्ट्र बनाती है।
प्रमुख जानकारी:
- राजधानी: नूर-सुल्तान (पूर्व नाम: अस्ताना)
- सबसे बड़ा शहर: अल्माटी
- क्षेत्रफल: लगभग 27.24 लाख वर्ग किलोमीटर
- आबादी: लगभग 1.9 करोड़ (2023 अनुमान)
- आधिकारिक भाषा: कज़ाख (रूसी भी व्यापक रूप से बोली जाती है)
- मुद्रा: कज़ाख तेंगे (KZT)
- धर्म: इस्लाम (मुख्य धर्म), ईसाई धर्म भी है।
भूगोल: कजाकिस्तान का भूगोल बहुत विविध है। इसमें पहाड़, घास के मैदान, रेगिस्तान और झीलें शामिल हैं। यह कैस्पियन सागर से पूर्व और दक्षिण में चीन, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, और तुर्कमेनिस्तान से घिरा हुआ है।
इतिहास: कजाकिस्तान का क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से सिल्क रोड का हिस्सा रहा है और कई प्राचीन सभ्यताओं का केंद्र रहा है। सोवियत संघ का हिस्सा रहने के बाद, कजाकिस्तान ने 16 दिसंबर 1991 को स्वतंत्रता प्राप्त की। यह सोवियत संघ के विघटन के बाद स्वतंत्र होने वाले पहले देशों में से एक था।
अर्थव्यवस्था: कजाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल, गैस और खनिजों पर आधारित है। यह कच्चे तेल के उत्पादन में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है और इसकी अर्थव्यवस्था ऊर्जा संसाधनों पर अत्यधिक निर्भर है। इसके अलावा, कृषि, विशेष रूप से गेहूं का उत्पादन भी इसका प्रमुख आर्थिक क्षेत्र है।
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