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लाइटहाउस पर्यटन: भारत, जिसकी तटरेखा 7500 किलोमीटर लंबी है और जिसमें 204 लाइटहाउस शामिल हैं, अब इन ऐतिहासिक इमारतों को विकास नीति के तहत पर्यटन स्थलों में बदल रहा है। यह प्रयास इन लाइटहाउस की ऐतिहासिक और वास्तुशिल्पीय महत्व का मूल्यांकन करने के साथ-साथ आर्थिक विकास और सामुदायिक सुधारों में उनके योगदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
लाइटहाउस पर्यटन: लाइटहाउस संरचनाओं को समुद्री इतिहास, सुंदरता और मनोरंजन के केंद्र के रूप में पर्यटक आकर्षण में बदलने का प्रयास है।
भारत में पर्यटन उद्योग के एकीकृत विकास की मास्टर प्लान (MIV 2030) और अमृत काल विजन 2047 के समर्थन के तहत, लाइटहाउस पर्यटन सभ्यता के समृद्धिकरण और सतत पर्यटन का एक साधन बनेगा।
लाइटहाउस पर्यटन: एक नई पहल:
- पर्यावरण और दृश्य परिदृश्य का संगम: लाइटहाउस पर्यटन में समुद्र तटीय दृश्य, समुद्र तट, नौसैनिक और तटीय इतिहास, और मनोरंजन व खेल गतिविधियाँ शामिल हैं।
- महत्वपूर्ण योजनाओं का हिस्सा: यह “मैरीटाइम इंडिया विजन 2030” और “अमृत काल विजन 2047” का एक प्रमुख प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।
- मुख्य उद्देश्य:
- पर्यटन संवर्धन: लाइटहाउस स्थलों के प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करना।
- रोज़गार के अवसर: स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के साधन बढ़ाना।
- संस्कृति और रोमांच: सांस्कृतिक आकर्षण और रोमांचक गतिविधियों के जरिए पर्यटकों को आकर्षित करना।
- आर्थिक योगदान:
- पर्यटन के माध्यम से आर्थिक विकास में योगदान।
- क्षेत्रीय पर्यटन को प्रोत्साहन देना।
भारत में लाइटहाउस पर्यटन की संभावनाएँ:
- रणनीतिक स्थानों की खासियत: भारत के तटीय क्षेत्रों और दूरस्थ द्वीपों पर स्थित लाइटहाउस सुंदर समुद्री दृश्यों का आनंद प्रदान करते हैं।
- सांस्कृतिक महत्व: कई लाइटहाउस सदियों पुराने हैं और महाबलीपुरम (तमिलनाडु) जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों या अन्य सांस्कृतिक धरोहरों के निकट स्थित हैं।
- रोमांच और मनोरंजन का केंद्र: ये स्थल ट्रेकिंग, बोटिंग, और वॉटर स्पोर्ट्स जैसी रोमांचक गतिविधियों का आयोजन कर रोमांच प्रेमियों को आकर्षित कर सकते हैं।
- आर्थिक प्रभाव:
- लाइटहाउस पर्यटन के विकास से आतिथ्य, परिवहन और हस्तशिल्प क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में योगदान देगा।
लाइटहाउस पर्यटन के लिए सरकारी पहल:
- 75 लाइटहाउसों का विकास:
- ₹60 करोड़ का निवेश।
- आधुनिक संरचनाएँ जैसे संग्रहालय, एम्फीथिएटर, पार्क और बगीचों का निर्माण।
- पर्यटकों की संख्या में वृद्धि: 2014 में 4,00,000 से 2023-24 में 16,00,000 तक।
- इंडियन लाइटहाउस फेस्टिवल:
- हर दो साल में आयोजित होने वाला सम्मेलन।
- फरवरी 2023 में गोवा के फोर्ट अगुआड़ा पर्यटन स्थल पर पहली बार आयोजित।
- हितधारकों की भागीदारी: केरल और ओडिशा जैसे राज्यों में बैठकें आयोजित कर आगे की योजनाओं का निर्माण।
- निजी साझेदारी: सागरमाला कार्यक्रम के तहत, निजी क्षेत्र के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय मानकों और स्थिरता को सुनिश्चित करना।