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हाल ही में, ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने एक विशाल प्रभाव क्रेटर का साक्ष्य खोजा है, जिसे MAPCIS (Marsupial-Australian Impact Crater with Subsurface Structure) नाम दिया गया है। यह खोज पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास के अध्ययन में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती है।
क्रेटर (Crater) क्या हैं?
क्रेटर एक गोल आकार का विशाल गड्ढा होता है, जो खगोलीय पिंडों की सतह पर अंतरिक्ष से किसी उल्कापिंड के गिरने, ज्वालामुखी के फटने, भूगर्भ में विस्फोट, या अन्य किसी विस्फोटक गतिविधि के परिणामस्वरूप बनता है।
क्रेटर के प्रकार:
- प्रहार क्रेटर (Impact Crater): यह उल्कापिंडों या क्षुद्रग्रहों के पृथ्वी पर गिरने से बनता है। इनका आकार और गहराई अक्सर उस पिंड के आकार और गति पर निर्भर करते हैं।
- ज्वालामुखीय क्रेटर (Volcanic Crater): ये क्रेटर ज्वालामुखी फटने पर बनते हैं। जब ज्वालामुखी में दाबित गैसें और लावा बाहर निकलते हैं, तो ये गड्ढे का निर्माण करते हैं।
- धँसाव क्रेटर (Sinkhole Crater): ये क्रेटर भूमि के धँसने से बनते हैं, अक्सर कार्स्ट भू-आकृति विज्ञान के कारण। यह तब होता है जब पानी मिट्टी या चट्टान के नीचे से बहता है, जिससे एक गड्ढा बनता है।
- विस्फोट क्रेटर (Explosion Crater): ये क्रेटर विस्फोटक सामग्री के प्रयोग से बनते हैं, जैसे कि मानव निर्मित विस्फोट। ये आमतौर पर छोटे होते हैं, लेकिन उनके आस-पास का क्षेत्र प्रभावित हो सकता है।
- बिल क्रेटर (Bill Crater): ये छोटे गड्ढे होते हैं, जो प्रायः मिट्टी या अन्य सामग्रियों के ढेर के कारण बनते हैं।
- मार क्रेटर (Mare Crater): ये चंद्रमा पर पाए जाने वाले गड्ढे हैं, जो प्रहार क्रेटरों से भरे हुए हैं। ये आमतौर पर विस्तृत और हल्के समतल होते हैं।
मैसिव ऑस्ट्रेलियन प्रीकैम्ब्रियन-कैम्ब्रियन इम्पैक्ट स्ट्रक्चर (MAPCIS):
- यह क्रेटर मध्य ऑस्ट्रेलिया में स्थित है और लगभग 600 किलोमीटर तक फैला हुआ है, जो इसे पृथ्वी पर खोजे गए सबसे बड़े क्रेटरों में से एक बनाता है।
- इस खोज के प्रमुख शोधकर्ता ने यह संभावना जताई है कि यह प्रभाव लगभग 8 मिलियन से 1 बिलियन वर्ष पहले नियोप्रोटेरोज़ोइक युग के दौरान हुआ था।
- यह समयावधि पृथ्वी के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दौर मानी जाती है, क्योंकि इस समय एडियाकरन काल का अंत हुआ था, जो प्राचीन जीवन रूपों की उपस्थिति से संबंधित है।
MAPCIS की विशेषताएं:
- स्यूडोटेचिलाइट ब्रेक्सिया (पिघली चट्टान) के विशाल भंडार, जो क्रेटर के केंद्र के पास पाए गए।
- लोन्सडेलाइट जैसे आघातग्रस्त हीरों और अन्य आघातित खनिजों की उपस्थिति।
- इरीडियम की सांद्रता, जो आमतौर पर अंतरिक्ष से आने वाले उल्कापिंडों से संबंधित होती है।
- ये निष्कर्ष इस बात का संकेत देते हैं कि पृथ्वी पर एक अत्यंत विशाल प्रलयकारी घटना हुई थी, जिसने न केवल भूवैज्ञानिक संरचनाओं को बल्कि जैविक विकास को भी प्रभावित किया हो सकता है।
- यह डेटा उन शक्तियों की झलक देता है, जिन्होंने पृथ्वी की सतह को आकार दिया है और इससे पृथ्वी के अतीत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।
वैज्ञानिक महत्व:
- MAPCIS क्रेटर को गैर-केंद्रित जटिल क्रेटर के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो इसे अद्वितीय बनाता है। यह क्रेटर हमारे ग्रह के भूवैज्ञानिक और जैविक विकास की गहरी समझ प्रदान कर सकता है और पृथ्वी के इतिहास में बड़े पैमाने पर प्रलयकारी घटनाओं की बेहतर व्याख्या कर सकता है।
- इस खोज के प्रमुख शोधकर्ता अपने निष्कर्षों को आगामी जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ अमेरिका की वार्षिक बैठक में और अंतर्राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक सम्मेलन 2024 में प्रस्तुत करेगी, जिससे इस खोज पर और अधिक चर्चा और शोध को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
- यह खोज पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास को पुनर्लेखित करने और हमारे ग्रह के अशांत अतीत को बेहतर ढंग से समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
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